शुक्रवार, 12 अगस्त 2016

*एक बार मैने मॉ गंगा से पुछा -*
"हे माता, आप लाखों वर्षों से लोगों के पाप धो रही हैं | आखिर आप इतने सारे पापों का क्या करती हैं ?"
मां गंगा बोली. *"मै सारे पाप समुद्र मे डाल देती हुं |"*
मैने समुद्र से पुछा - *"आप क्या करते हैं इतने पापों का ?"*
समुद्र ने जवाब दिया. *"मै सारे पाप बादलों को सौंप देता हूं |"*
मैने बादलों को पुछा - *"आप कहां ले जाते हैं, इतने पापों को ?"*
*"मै उऩहे पानी बनाकर वहीं बरसा देता हूं, जहां से वो आए थे |"*
बादलों ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया |
*The Moral thing is:-* कुदरत हमे वही लौटाती है, जो हम उसे देते हैं |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें