गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

नोट बदलकर देख लिये,
शहरों के नाम बदलकर देख लिये,
योजनाओं के नाम बदलकर देख लिये,
नेताओं की पोजीशन बदलकर भी देख लिया,
प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति भी बदलकर देख लिया,
तो भी विकास वहीं का वहीं रहेगा

एक बार
आरक्षण समाप्त कर के देख लो
विकास की गंगा बह निकलेगी

सरकारे कहती है
बेटी मारोगे तो बहु कहा से लाओगे।
सही बात है
लेकिन सरकारे ये क्यों नहीं सोचती  कि
प्रतिभा मारोगे तो  प्रगति कहाँ से लाओगे..???

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