सोमवार, 23 अप्रैल 2018

ब्राह्मणों की कहानी

जब भूकम्प आने वाला हो तो उनको पता नहीं होता ,

जब हुदहुद तूफान आने वाला हो तो पता नहीं होता

जब ट्रेन पलटने वाली या लड़ने  वाली हो तो पता नहीं होता,

जब नोट बदलने वाला हो तो पता नहीं होता,

जब अपने देश पर हमला होने वाला हो तो पता नहीं होता,

जब देश मे बंम बिस्फोट होने वाला हो तो पता नहीं होता

जब केदार नाथ बाढ़ मे बह जाने वाला हो तो पता नहीं होता,

जब भारत की राजधानी में किसी बस में लड़की का रेप होने वाला हो तो पता नहीं होता ,

जब देश मे आतंकवादी घूम रहे होते तो पता नहीं होता,

जब सीमा के सैनिकों का गला कटने वाला हो तो पता नही होता,

जब चारो धाम जाते समय यात्री बस खाई मे गिरने वाला हो तो पता नहीं होता,

जब कोई प्लेन लुप्त होने वाली हो तो पता नहीं होता,

जब बारिस होने पर बिजली कड़कने वाली हो और किसी के ऊपर बिजली गिरने वाली हो तो इन्हें पता नहीं होता।

इनको केवल वह पता होता जो सम्भव नहीं

_जैसे किसी पर_

- ग्रह नक्षत्र दोष,
- पिछले जन्म का पाप,
- मरने के बाद स्वर्ग दिलाना,
- मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठत करना ( जान डालना )
- माता-पिता को मरने के बाद स्वर्ग में बैठाना,
- साढ़े साती, शनि, ढैय्या चढ़ना और उतारना
- धरती के अन्दर पानी देखना

आदि सभी अन्ध विश्वास  मनगढंत बातें

जिनको पिछले जन्म की_और स्वर्ग की जानकारी हो;
वे ये सब क्यों नहीं जानते ?

ब्राह्मण मूर्ति मे प्राण प्रतिष्ठित कर सकता है
लेकिन अपने मरे हुये बच्चे 5 मिनट के लिए जीवित नही कर सकता

इसलिए नहीं जानते क्योंकि ये सब देखे जा सकते हैं,
हक़ीकत जाना जा सकता है

पाखण्ड और अन्धविश्वास मे न पड़ कर अपना दीपक स्वयं बने

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