सोमवार, 28 मई 2018

"ये ही सत्य हैं"

*Qus→   जीवन का उद्देश्य क्या है ?*
Ans→  जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है - जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!
*Qus→  जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ?* 
Ans→  जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया - वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!!
*Qus→  संसार में दुःख क्यों है ?*
Ans→  लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!
*Qus→  ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?*
Ans→  ईश्वर ने संसार की रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!
*Qus→  क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?*
 Ans→   कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है - उस महान कारण को ही आध्यात्म में 'ईश्वर' कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!!
*Qus→   भाग्य क्या है ?*
Ans→  हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!
*Qus→   इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?* 
Ans→   रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!
*Qus→   किस चीज को गंवाकर मनुष्य धनी बनता है ?*
Ans→   लोभ..!!
*Qus→   कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?* 
Ans →   अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!!
*Qus →   किस चीज़ के खो जानेपर दुःख नहीं होता ?*
Ans →   क्रोध..!!
*Qus→   धर्म से बढ़ कर संसार में और क्या है ?*
Ans →   दया..!!
*Qus→   क्या चीज़ दूसरों को नहीं देनी चाहिए ?*
Ans→   तकलीफें, धोखा..!!
*Qus→   क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?*
Ans→   इज़्ज़त, किसी की हाय..!! 
*Qus→   ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है?*
Ans→   मज़बूरी..!!🌸
*Qus→   दुनियां की अपराजित चीज़ ?*
Ans→  सत्य..!!
*Qus→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?*
Ans→   झूठ..!!💜
*Qus→   करने लायक सुकून का कार्य ?*
Ans→ परोपकार..!!🌸
*Qus→   दुनियां की सबसे बुरी लत ?*
Ans→ मोह..!!💝
*Qus→   दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?*
Ans→   जिंदगी..!!🍀
*Qus→   दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?*
Ans→   मौत..!!💜
*Qus→   ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?*
Ans→   अपनी मूर्खता..!!🌸
*Qus→   दुनियां में कभी भी नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?*
Ans→   आत्मा और ज्ञान..!!💝
*Qus→   कभी न थमने वाली चीज़ ?*
Ans→   समय..
🙏🙏🙏

*आरोग्य धाम पाटोदिया हॉस्पिटल*
*झिवाणा रोड़, गाँव टपूकडा,*
*जिला अलवर, राजस्थान*

यहाँ कैंसर की दवा तथा पित्त की थैली मे पथरी की देशी दवा बिलकुल मुफ्त में दी जाती है।

*दवा सुबह 9 बजे से 12 बजे तथा शाम को 4 बजे से 7 बजे तक दी जाती है।*

कैसा भी कैंसर हो और डॉक्टर ने जवाब दे दिया हो।
मरीज ने कीमोथैरेपी या रेडियोथैरेपी करा ली हो। फिर भी कैंसर ठीक नही हुअा हो और मरीज के बचने की उम्मीद न हो तो ऐसे मरीज़ों के लिए आरोग्य धाम पाटोदिया हॉस्पिटल में जाकर देशी दवा लें।

वहां की देशी दवा से कैंसर के असाध्य रोगी भी ठीक हो चुके हैं।
मरीज़ को लेकर आना ज़रूरी नहीँ है बल्कि मरीज़ के गले मे दवा का जाना ज़रूरी है। फिर वह कैंसर से नहीँ मरेगा।

*मौत का इन्तज़ार करते किसी भाई-बहन, माता-पिता को यदि जीवनदान मिल जाये तो आपको उनकी दुआएं मिलेंगी।*

*यह दवा बिल्कुल मुफ़्त दी जाती है।*
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       महाभारत का युद्ध चल रहा था -
     एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर "भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि -

       "मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा"

        उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई -

    भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए|        तब -
  श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा अभी मेरे साथ चलो -

   श्रीकृष्ण द्रौपदी को लेकर सीधे भीष्म पितामह के शिविर में पहुँच गए -

  शिविर के बाहर खड़े होकर उन्होंने द्रोपदी से कहा कि - अन्दर जाकर पितामह को प्रणाम करो -

      द्रौपदी ने अन्दर जाकर पितामह भीष्म को प्रणाम किया तो उन्होंने -
    "अखंड सौभाग्यवती भव" का आशीर्वाद दे दिया , फिर उन्होंने द्रोपदी से पूछा कि !!

   "वत्स, तुम इतनी रात में अकेली यहाँ कैसे आई हो, क्या तुमको श्रीकृष्ण यहाँ लेकर आये है" ?

  तब द्रोपदी ने कहा कि -
     "हां और वे कक्ष के बाहर खड़े हैं" तब भीष्म भी कक्ष के बाहर आ गए और दोनों ने एक दूसरे से प्रणाम किया -

भीष्म ने कहा -

"मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम श्रीकृष्ण ही कर सकते है"

   शिविर से वापस लौटते समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि -

     "तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है " -

      " अगर तुम प्रतिदिन भीष्म, धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य, आदि को प्रणाम करती होती और दुर्योधन- दुःशासन, आदि की पत्नियां भी पांडवों को प्रणाम करती होंती, तो शायद इस युद्ध की नौबत ही न आती " -
......तात्पर्य्......

       वर्तमान में हमारे घरों में जो इतनी समस्याए हैं उनका भी मूल कारण यही है कि -

    "जाने अनजाने अक्सर घर के बड़ों की उपेक्षा हो जाती है "

    " यदि घर के बच्चे और बहुएँ प्रतिदिन घर के सभी बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें तो, शायद किसी भी घर में कभी कोई क्लेश न हो "

     बड़ों के दिए आशीर्वाद कवच की तरह काम करते हैं उनको कोई "अस्त्र-शस्त्र" नहीं भेद सकता -

    "निवेदन 🙏 सभी इस संस्कृति को सुनिश्चित कर नियमबद्ध करें तो घर स्वर्ग बन जाय।"

              क्योंकि:-

        प्रणाम प्रेम है।
        प्रणाम अनुशासन है।
        प्रणाम शीतलता है।                 
        प्रणाम आदर सिखाता है।
        प्रणाम से सुविचार आते है।
        प्रणाम झुकना सिखाता है।
        प्रणाम क्रोध मिटाता है।
        प्रणाम आँसू धो देता है।
        प्रणाम अहंकार मिटाता है।
        प्रणाम हमारी संस्कृति है।

       

रविवार, 27 मई 2018

⬇ आज 35 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को ब्लड प्रेशर ,मधुमेह, घुटनों के दर्द,कोलेस्ट्रॉल, थायरॉइड जैसी बीमारियां घेर लेती हैं जिसकी वजह सिर्फ और सिर्फ *लाइफस्टाइल* है।

यदि 2 घण्टे घर की सफाई की जाये तो 320 कैलोरी खर्च होती हैं, 45 मिनट बगीचे में काम करने से 170 कैलोरी खर्च होती हैं, एक गाड़ी की सफाई करने में 67 कैलोरी खर्च होती है,खिड़की दरवाजो को पोंछने से कंधे,हाथ, पीठ व पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं,आटा गूंधने से हाथों में आर्थ्राइटिस नही आता। कपड़े निचोड़ने से कलाई व हाथ की मानपेशियाँ मजबूत होती हैं,20 मिनट तक रोटियां बेलने से फ्रोजन शोल्डर होने की संभावना कम हो जाती है, ज़मीन पर बैठकर काम करने से घुटने जल्दी खराब नही होते।

लेकिन हम इन सबकी ज़िम्मेदारी नौकर पर छोड़कर खुद डॉक्टरों से दोस्ती कर लेते हैँ। फिर शुरू होती है खाने मे परहेज़, टहलना,जिम, या फिर सर्जरी!!

कितना आसान है इन सबसे पीछा छुड़ाना कि हम अपने घर के काम खुद करें और स्वस्थ रहे।मैंने आजतक नही सुना की घर का काम करने से कोई मर गया हो!

किसी भी तरह की निर्भरता कष्ट का कारण होती है फिर वो चाहे शारीरिक हो ,भौतिक हो या मानसिक। अपने काम दूसरों से करवा करवा कर हम स्वयं को मानसिक व शारीरिक रूप से पंगु बना लेते हैं और नौकर ना होने के स्थिति में असहाय महसूस करते हैं।ये एक दुखद स्थिति है।

यदि हम काम को बोझ ना समझ के उसका आंनद ले तो वो बोझ नही बल्कि एक दिलचस्प एक्टिविटी लगेगा। Gym से ज्यादा बोरिंग और दूसरी कोई जगह नहीं, उस की बजाय आप अपने घर को रगड़ कर साफ करते हैं तो शरीर से *एंडोर्फिन हारमोन* निकलता है जो आपको अपनी मेहनत का फल देखकर खुशी की अनुभूति देता है।

अच्छा खाना बनाकर दूसरों को खिलाने से *सेरोटॉनिन हार्मोन* निकलता है जो तनाव दूर करता है।

जब खुद के घर का काम करने के इतने फायदे हैं तो फिर ऐसे मौके क्यों छोड़े जायें!

हम अपना काम स्वयं करके ना सिर्फ शरीर बचाते है बल्कि पैसे भी बचाते हैं और निर्भरता से बचते हैं।

Pleasure in the job puts perfection in the work

गुरुवार, 24 मई 2018

*सेंधा नमक :*
*भारत से कैसे गायब कर दिया गया, शरीर के लिए Best Alkalizer है :-*

आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ??

आइये आज हम आपको बताते हैं कि नमक मुख्य कितने प्रकार होते हैं।

एक होता है- *समुद्री नमक।*
दूसरा होता है- *सेंधा नमक* (rock salt) ।

सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया होता है।
पूरे उत्तर भारतीय उप महाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को *‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक* आदि आदि नाम से जाना जाता है । जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ है सुरंगे है । वहाँ से ये नमक आता है। मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है यह *हृदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मदद रूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बड़ते हैं।*

तो अंत आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले।

काला नमक ,सेंधा नमक प्रयोग करे, क्यूंकि ये प्रकृति का बनाया है ईश्वर का बनाया हुआ है। और सदैव याद रखे इंसान जरूर शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता।

भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनीया भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है , उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली भली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है।

हुआ ये कि जब ग्लोबलाईसेशन के बाद बहुत सी विदेशी कंपनियों (अन्नपूर्णा, कैपटन कुक ) ने नमक बेचना शुरू किया तब ये सारा खेल शुरू हुआ ! अब समझिए खेल क्या था ??

खेल ये था कि विदेशी कंपनियो को नमक बेचना है और बहुत मोटा लाभ कमाना है और लूट मचानी है तो पूरे *भारत मे एक नई बात फैलाई गई कि आओडीन युक्त नामक खाओ , आओडीन युक्त नमक खाओ !* आप सबको आओडीन की कमी हो गई है। ये सेहत के लिए बहुत अच्छा है आदि आदि बातें पूरे देश मे प्रायोजित ढंग से फैलाई गई, और *जो नमक किसी जमाने मे 2 से 3 रूपये किलो मे बिकता था । उसकी जगह आओडीन नमक के नाम पर सीधा भाव पहुँच गया 8 रूपये प्रति किलो और आज तो 20 रूपये को भी पार कर गया है।*

*दुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आओडीन युक्त नमक 40 साल पहले ban कर दिया अमेरिका मे नहीं है जर्मनी मे नहीं है फ्रांस मे नहीं ,डेन्मार्क मे नहीं , डेन्मार्क की सरकार ने 1956 मे आओडीन युक्त नमक बैन कर दिया क्यों ?? उनकी सरकार ने कहा हमने मे आओडीन युक्त नमक खिलाया ! (1940 से 1956 तक ) अधिकांश लोग नपुंसक हो गए ! जनसंख्या इतनी कम हो गई कि देश के खत्म होने का खतरा हो गया ! उनके वैज्ञानिको ने कहा कि आओडीन युक्त नमक बंद करवाओ तो उन्होने बैन लगाया।*
और शुरू के दिनो मे जब हमारे देश मे ये आओडीन का खेल शुरू हुआ इस देश के बेशर्म नेताओ ने कानून बना दिया कि बिना आओडीन युक्त नमक भारत मे बिक नहीं सकता । वो कुछ समय पूर्व किसी ने कोर्ट मे मुकदमा दाखिल किया और ये बैन हटाया गया।

आज से कुछ वर्ष पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था सब सेंधा नमक ही खाते थे ।

*सेंधा नमक के फ़ायदे:-*

सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप और बहुत ही गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है । क्योंकि ये अम्लीय नहीं ये क्षारीय है (alkaline) क्षारीय चीज जब अमल मे मिलती है तो वो न्यूटल हो जाता है और रक्त अमलता खत्म होते ही शरीर के 48 रोग ठीक हो जाते हैं ।

ये नमक शरीर मे पूरी तरह से घुलनशील है । और सेंधा नमक की शुद्धता के कारण आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास, व्रत मे सब सेंधा नमक ही खाते है। तो आप सोचिए जो समुंदरी नमक आपके उपवास को अपवित्र कर सकता है वो आपके शरीर के लिए कैसे लाभकारी हो सकता है ??

सेंधा नमक शरीर मे 97 पोषक तत्वो की कमी को पूरा करता है ! इन पोषक तत्वो की कमी ना पूरी होने के कारण ही लकवे (paralysis)  का अटैक आने का सबसे बढ़ा जोखिम होता है सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में बोला गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को दूर करता है।

यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है। यही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे लवण भाष्कर, पाचन चूर्ण आदि में भी प्रयोग किया जाता है।

*समुद्री नमक के भयंकर नुकसान :-*

*ये जो समुद्री नमक है आयुर्वेद के अनुसार ये तो अपने आप मे ही बहुत खतरनाक है ! क्योंकि कंपनियाँ इसमे अतिरिक्त आओडीन डाल रही है। अब आओडीन भी दो तरह का होता है एक तो भगवान का बनाया हुआ जो पहले से नमक मे होता है । दूसरा होता है “industrial iodine”  ये बहुत ही खतरनाक है।  समुद्री नमक जो पहले से ही खतरनाक है उसमे कंपनिया अतिरिक्त industrial iodine डाल को पूरे देश को बेच रही है। जिससे बहुत सी गंभीर बीमारिया हम लोगो को आ रही है । ये नमक मानव द्वारा फ़ैक्टरियों मे निर्मित है।*

*आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप (high BP ) ,डाइबिटीज़, आदि गंभीर बीमारियो का भी कारण बनता है । इसका एक कारण ये है कि ये नमक अम्लीय (acidic) होता है । जिससे रक्त अम्लता बढ़ती है और रक्त अमलता बढ्ने से ये सब 48 रोग आते है । ये नमक पानी में कभी पूरी तरह नहीं घुलता हीरे (diamond ) की तरह चमकता रहता है इसी प्रकार शरीर के अंदर जाकर भी नहीं घुलता और अंत इसी प्रकार किडनी से भी नहीं निकल पाता और पथरी का भी कारण बनता है ।*

*ये नमक नपुंसकता और लकवा (paralysis ) का बहुत बड़ा कारण है समुद्री नमक से सिर्फ शरीर को 4 पोषक तत्व मिलते है ! और बीमारिया जरूर साथ मे मिल जाती है !*

*रिफाइण्ड नमक में 98% सोडियम क्लोराइड ही है शरीर इसे विजातीय पदार्थ के रुप में रखता है। यह शरीर में घुलता नही है। इस नमक में आयोडीन को बनाये रखने के लिए Tricalcium Phosphate, Magnesium Carbonate, Sodium Alumino Silicate जैसे रसायन मिलाये जाते हैं जो सीमेंट बनाने में भी इस्तेमाल होते है। विज्ञान के अनुसार यह रसायन शरीर में रक्त वाहिनियों को कड़ा बनाते हैं, जिससे ब्लाक्स बनने की संभावना और आक्सीजन जाने मे परेशानी होती है। जोड़ो का दर्द और गढिया, प्रोस्टेट आदि होती है। आयोडीन नमक से पानी की जरुरत ज्यादा होती है। 1 ग्राम नमक अपने से 23 गुना अधिक पानी खींचता है। यह पानी कोशिकाओ के पानी को कम करता है। इसी कारण हमें प्यास ज्यादा लगती है।*

निवेदन :पांच हजार साल पुरानी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी भोजन में सेंधा नमक के ही इस्तेमाल की सलाह दी गई है। भोजन में नमक व मसाले का प्रयोग भारत, नेपाल, चीन, बंगलादेश और पाकिस्तान में अधिक होता है। आजकल बाजार में ज्यादातर समुद्री जल से तैयार नमक ही मिलता है। जबकि 1960 के दशक में देश में लाहौरी नमक मिलता था। यहां तक कि राशन की दुकानों पर भी इसी नमक का वितरण किया जाता था। स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता था। समुद्री नमक के बजाय सेंधा नमक का प्रयोग होना चाहिए।

*आप इस अतिरिक्त आओडीन युक्त समुद्री नमक खाना छोड़िए और उसकी जगह सेंधा नमक खाइये !!* सिर्फ आयोडीन के चक्कर में समुद्री नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि जैसा हमने ऊपर बताया आओडीन हर नमक मे होता है *सेंधा नमक मे भी आओडीन होता है बस फर्क इतना है इस सेंधा नमक मे प्राकृतिक के द्वारा भगवान द्वारा बनाया आओडीन होता है इसके इलावा आओडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।*

1. *रोगी के रोग* की चिकित्सा करने वाले निकृष्ट , रोग के कारणों की चिकित्सा करने वाले औसत और रोग-मुक्त रखने वाले श्रेष्ठ चिकित्सक होते हैं ।
  
2. *लकवा* - सोडियम की कमी के कारण होता है ।

3. *हाई वी पी में* -  स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।

4. *लो बी पी* - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।

5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी ।

6. *कफ* - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं ।

7. *दमा, अस्थमा* - सल्फर की कमी ।

8. *सिजेरियन आपरेशन* - आयरन , कैल्शियम की कमी ।

9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* ।

10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* ।

11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी ।

12. *जुकाम* - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।

13. *ताम्बे का पानी* - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।

14.  *किडनी* - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।

15. *गिलास* एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें,  लोटे का कम  सर्फेसटेन्स होता है ।

16. *अस्थमा , मधुमेह , कैसर* से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।

17. *वास्तु* के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।

18. *परम्परायें* वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।
19. *पथरी* - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है ।

20. *RO* का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए *सहिजन* की फली सबसे बेहतर है ।

21. *सोकर उठते समय* हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का *स्वर* चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

22. *पेट के बल सोने से* हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है ।

23.  *भोजन* के लिए पूर्व दिशा , *पढाई* के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।

24.  *HDL* बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।

25. *गैस की समस्या* होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।

26.  *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से *पित्त* बढ़ता है ।

27.  *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।

28. *वात* के असर में नींद कम आती है ।

29.  *कफ* के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।

30. *कफ* के असर में पढाई कम होती है ।

31. *पित्त* के असर में पढाई अधिक होती है ।

33.  *आँखों के रोग* - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।

34. *शाम को वात*-नाशक चीजें खानी चाहिए ।

35.  *प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए* ।

36. *सोते समय* रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।

37. *व्यायाम* - *वात रोगियों* के लिए मालिश के बाद व्यायाम , *पित्त वालों* को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । *कफ के लोगों* को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।

38. *भारत की जलवायु* वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।

39. *जो माताएं* घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।

40. *निद्रा* से *पित्त* शांत होता है , मालिश से *वायु* शांति होती है , उल्टी से *कफ* शांत होता है तथा *उपवास* ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।

41.  *भारी वस्तुयें* शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।

42. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों ,

43. *माँस खाने वालों* के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।

44. *तेल हमेशा* गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।

45. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।*

46. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।

47. *मिर्गी दौरे* में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए ।

48. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।

49. *भोजन के पहले* मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है ।

50. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें ।

51. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है ।

52.  *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।

53.  *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।

54. *रसौली* की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।

55.  हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।

56. *एंटी टिटनेस* के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।

57. *ऐसी चोट* जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें ।

58. *मोटे लोगों में कैल्शियम* की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।

59. *अस्थमा में नारियल दें ।* नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।

60. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है ।

61.  *दूध* का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।

62.  *गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।*

63.  *जिस भोजन* में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए ।

64.  *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*

65.  *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।

66.  *मासिक के दौरान* वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे  गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।

67. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।

68. *भोजन के* बाद बज्रासन में बैठने से *वात* नियंत्रित होता है ।

69. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।

70. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है ।

71. *अगर पेट* में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें ।

72. *कब्ज* होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए ।

73. *रास्ता चलने*, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए ।
74. *जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।*

75.  *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।

76. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।

77. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।

78. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए ।
79. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि ।

80.  *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें ।

81. *मासिक चक्र* के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए ।

82. *जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।*

83. *जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।*

84. *एलोपैथी* ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है ।

85. *खाने* की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है ।

86 .  *रंगों द्वारा* चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ..... अंत में लाल रंग ।

87 . *छोटे* बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए ।

88. *जो सूर्य निकलने* के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है ।

89.  *बिना शरीर की गंदगी* निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं ।

90. *चिंता , क्रोध , ईष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।*

91.  *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*

92. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती  है ।

93. *रात को सोते समय* सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा ।

94. *दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए*।

95. *जो अपने दुखों* को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है ।

96. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है ।

97. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*।

98 . *तेज धूप* में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है ।

99. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त , कफ* तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।  देशी गाय का घी , गौ-मूत्र भी त्रिदोष नाशक है ।

100. इस विश्व की सबसे मँहगी *दवा लार* है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूके