рд╕ोрдорд╡ाрд░, 21 рдордИ 2018

🙏 *प्रणाम का महत्व* 🙏
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*महाभारत का युद्ध चल रहा था -*
एक दिन दुर्योधन के *व्यंग्य* से *आहत* होकर *"भीष्म पितामह"* घोषणा कर देते हैं कि -

*"मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा"*

उनकी *घोषणा* का पता चलते ही *पांडवों के शिविर* में बेचैनी बढ़ गई -

भीष्म की *क्षमताओं के बारे में* सभी को पता था इसलिए सभी *किसी अनिष्ट* की आशंका से परेशान हो गए|

*तब -*

*श्रीकृष्ण ने द्रौपदी* से कहा अभी *मेरे साथ* चलो -

श्री कृष्ण द्रौपदी को लेकर सीधे *भीष्म पितामह* के *शिविर में* पहुँच गए -

शिविर के *बाहर खड़े* होकर उन्होंने द्रोपदी से कहा कि - *अन्दर जाकर* पितामह को *प्रणाम* करो -

द्रौपदी ने अन्दर जाकर *पितामह भीष्म* को प्रणाम किया तो उन्होंने -
*"अखंड सौभाग्यवती भव"* का *आशिर्वाद* दे दिया , फिर उन्होंने द्रोपदी से पूछा कि !!

"वत्स, तुम *इतनी रात में अकेली* यहाँ कैसे आई हो, क्या तुम्हे *श्रीकृष्ण* यहाँ लेकर आये है" ?

तब द्रोपदी ने कहा कि -

"हां और वे कक्ष के बाहर खड़े हैं" तब *भीष्म भी कक्ष के बाहर* आ गए और दोनों ने एक दूसरे से *प्रणाम* किया -

भीष्म ने कहा -

*"मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम श्री कृष्ण ही कर सकते है"*

शिविर से वापस लौटते समय *श्रीकृष्ण ने द्रौपदी* से कहा कि -

*"तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मील गया है "* -

*" अगर तुम प्रतिदिन भीष्म, धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य, आदि को प्रणाम करती होती* और *दुर्योधन- दुःशासन, आदि की पत्नियां भी पांडवों को प्रणाम करती होंती,* तो शायद *इस युद्ध की नौबत* ही न आती " -
*.....तात्पर्य.....*

वर्तमान में *हमारे घरों* में जो *इतनी समस्याए* हैं उनका भी *मूल कारण* यही है कि -

*"जाने अनजाने अक्सर घर के बड़ों की उपेक्षा हो जाती है "*

*" यदि घर के बच्चे और बहुएँ* प्रतिदिन घर के सभी *बड़ों को प्रणाम कर* उनका *आशीर्वाद लें* तो, *शायद किसी भी घर में* कभी *कोई क्लेश* न हो "

बड़ों के दिए *आशीर्वाद कवच* की तरह काम करते हैं उनको कोई *"अस्त्र-शस्त्र"* नहीं भेद सकता -

"निवेदन 🙏 सभी *इस संस्कृति* को *सुनिश्चित* कर *नियमबद्ध* करें तो *घर स्वर्ग* बन जाय।"

*क्योंकि*:-

*प्रणाम प्रेम है।*
*प्रणाम अनुशासन है।*
*प्रणाम शीतलता है।*             
*प्रणाम आदर सिखाता है।*
*प्रणाम से सुविचार आते है।*
*प्रणाम झुकना सिखाता है।*
*प्रणाम क्रोध मिटाता है।*
*प्रणाम आँसू धो देता है।*
*प्रणाम अहंकार मिटाता है।*
*प्रणाम हमारी संस्कृति है।*

        🙏🙏🙏
   
*सबको प्रणाम* 

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