रविवार, 2 दिसंबर 2018

Today is *COUPLE'S DAY*

Always Respect, Care n Love this *Relationship*.
This is a *Beautiful Gift* Given By *God*

          *पति-पत्नी*

एक बनाया गया *रिश्ता*...

पहले कभी एक दूसरे को *देखा* भी नहीं था...
अब सारी *जिंदगी* एक दूसरे के साथ |                       पहले *अपरिचित*, फिर धीरे धीरे होता *परिचय* |
धीरे-धीरे होने वाला *स्पर्श*,
फिर *नोकझोंक*....*झगड़े*...बोलचाल *बंद* |
कभी *जिद*, कभी *अहम का भाव*..........

फिर धीरे धीरे बनती जाती *प्रेम पुष्पों* की *माला*
फिर *एकजीवता*, *तृप्तता* |

वैवाहिक जीवन को *परिपक्व* होने में *समय* लगता है |
धीरे धीरे जीवन में *स्वाद और मिठास* आती है...
ठीक वैसे ही जैसे *अचार* जैसे जैसे *पुराना* होता जाता है, उसका *स्वाद* बढ़ता जाता है.......

*पति पत्नी* एक दूसरे को अच्छी प्रकार *जानने समझने* लगते हैं,
*वृक्ष* बढ़ता जाता है,*
*बेलें फूटती* जातीं हैं,
*फूल*आते हैं, *फल* आते हैं,
रिश्ता और *मजबूत* होता जाता है, धीरे-धीरे बिना एक दूसरे के *अच्छा* ही नहीं लगता |

*उम्र* बढ़ती  जाती है, दोनों एक दूसरे पर अधिक *आश्रित* होते जाते हैं, एक दूसरे के बगैर *खालीपन* महसूस होने लगता है |

फिर धीरे-धीरे मन में एक *भय का निर्माण* होने लगता है,

              "ये चली गईं तो मैं कैसे जिऊँगा"........??
               "ये चले गए तो मैं कैसे जीऊँगी"..........??

अपने मन में *घुमड़ते इन सवालों* के बीच जैसे, खुद का *स्वतंत्र अस्तित्व* दोनों भूल जाते हैं |

कैसा अनोखा *रिश्ता*...
कौन कहाँ का और एक बनाया गया रिश्ता |

               *"पति-पत्नी"*

       "Happy Couples Day"  सभी शादीशुदा जोड़ो को समर्पित

*विवाह एक भरोसा है,*
                            *समर्पण है |*
*तारीफ उस स्त्री की*
             *जिसने खुद का घर* *छोड़ दिया*
      और*
*धन्य है वो पुरुष,*
            जिसने अंजान स्त्री को
              घर सौंप दिया ..........* *Dedicated to all Couples*

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