रविवार, 20 जनवरी 2019

*ज्योतिषाचार्य की बड़ी भविष्यवाणी, 2019 में इन राशियों के करोड़पति बनने के योग, जानिए कैसा रहेगा पूरा साल*
 
मेष राशि से लेकर मीन राशि तक देवगुरु बृहस्पति, शनि व राहु-केतु वर्ष 2019 में गोचरीय ग्रह चाल में कैसा फल प्रदान करने वाले हैं!

🐑 *मेष राशि*
वर्ष 2019 में मेष राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति ग्रह आशा के अनुसार सफलता प्रदान नहीं करेंगे। मेष राशि के भाग्य के स्वामी देवगुरु बृहस्पति 11 अक्टूबर 2018 से गोचरीय ग्रह चाल में अष्टम भाव में स्थित हैं, जो कि लगभग 4 नवम्बर 2019 तक अष्टम भाव में ही रहेंगे। अष्टम भाव, मेष राशि की चन्द्र कुंडली से सबसे अधिक अशुभ भाव होता है। इस अशुभ भाव में देवगुरु बृहस्पति अपना शुभ और सकारात्मक प्रभाव देने में सक्षम नहीं होंगे। मेष राशि के जातकों के लिए चार नवम्बर 2019 के बाद ही देवगुरु बृहस्पति शुभ फल प्रदान करने की स्थिति में होंगे। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि भाग्य की स्थिति 2019 में मेष राशि के जातकों के लिए 4 नवम्बर 2019 तक कमजोर रहेगी। देवगुरु बृहस्पति के 2019 में अशुभ भाव में स्थित होने के कारण, इस दौरान मेष राशि के जातकों अपने परिवार के बुजुर्ग व्यकितयों की सेहत का भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
शनि की ये है दशा
दूसरी तरफ शनि ग्रह गोचरीय ग्रह चाल में वर्तमान में धनु राशि में स्थित हैं जो कि 2019 में पूरे वर्ष धनु राशि में ही स्थित रहेंगे। मेष राशि के जातकों के लिए शनि ग्रह की धनु राशि में वर्तमान स्थिति लाभदायक रहेगी। पूरे वर्ष 2019 में शनि देव की कृपा से धन का आवागमन बाधित नहीं होगा, परिश्रम के बाद सफलता मिलने का प्रबल योग रहेगा। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कर्म प्रधान बनने से सफलता प्राप्त होगी। वर्ष 2019 में मेष राशि के जातकों को अर्थात पूरे वर्ष 2019 में शनि ग्रह का भरपूर आशीर्वाद रहेगा मेष राशि के जातकों पर।
राहु केतु के नकारात्मक प्रभाव से मिलेगी मुक्ति
दूसरी तरफ मेष राशि के जातकों को वर्ष 2019 में सात मार्च 2019 से वर्तमान में राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। अर्थात परिवार के अंदर अगस्त 2017 से उथलपुथल और मानसिक क्लेश का जो वातावरण चल रहा था उससे राहत मिल जाएगी। जो भी आपके गुप्त विरोधी हैं, वह राहु के 7 मार्च 2019 से आपके पराक्रम भाव में स्थित मिथुन राशि में आते ही परास्त हो जाएंगे। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं मेष राशि के जातकों के लिए 7 मार्च 2019 से राहु-केतु का गोचरीय ग्रह चाल में राशि परिवर्तन मेष राशि के जातकों के लिए शुभ फल प्रदान करने वाला होगा।

🐂 *वृषभ राशि*
वृषभ राशि के जातकों के लिए वर्ष 2019 में गोचरीय ग्रह चाल में देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद 4 नवम्बर 2019 तक पूरा बना हुआ है। देवगुरु बृहस्पति ग्रह वृष राशि के जातकों के लिए 11 अक्टूबर 2018 से लेकर चार नवम्बर 2019 तक सप्तम भाव में। अर्थात जीवन साथी के स्थान में स्थित रहेंगे। जिन वृष राशि के जातकों की शादी नहीं हुई है उन जातकों का शादी का योग देवगुरु बृहस्पति ग्रह के आशीर्वाद से पूरी तरह 4 नवम्बर 2019 तक बना हुआ है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वर्ष 2019 में वृष राशि के जातक विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। देवगुरु बृहस्पति ग्रह के आशीर्वाद के फलस्वरूप। दूसरी तरफ गोचरीय ग्रह चाल में शनि ग्रह की नकारात्मक भाव में स्थिति के अनुसार वृष राशि के जातक शनि की अष्टम ढैय्या के प्रभाव में भी रहेंगे। अपने स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें और वाहन चलाने में भी सावधानी बरतें। 7 मार्च 2019 से केतु और शनि ग्रह की एक साथ युति रहेगी वृष राशि के जातकों के अष्टम भाव में जो कि अचानक दुर्घटनाओं का प्रबल योग बनाती है। वर्ष 2019 में राहु-केतु की गोचरीय ग्रह चाल में भी परिवर्तन हो रहा है। इसलिए वृष राशि के जातकों को अपनी वाणी से ऐसी कोई बात नहीं कहनी, जो कि कुटुम्ब और अपने सहयोगियों से विरोधाभास की स्थिति पैदा न कर दे। क्योंकि 7 मार्च 2019 से राहु आपकी राशि वृष से दूसरे भाव में आ रहे हैं जो कि वाणी का भाव भी कहा जाता है। इसलिए कटु वाणी से बचने की कोशिश करें वर्ष 2019 में वृष राशि के जातक पूरी तरह विन्रम बनने की कोशिस करें।

👨‍❤‍👨 *मिथुन राशि*
वर्ष 2019 में मिथुन राशि के जातकों को देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद नहीं है। इसलिए वर्ष 2019 में आप अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और किसी भी प्रकार का वाद विवाद न करें। आपके जीवन साथी के भाव में 26 अक्टूबर 2017 से पृथकतावादी शनि ग्रह विराजमान है जो कि वर्ष 2019 में पूरे वर्ष रहेगा और इसके साथ ही 7 मार्च 2019 से दूसरा पृथकतावादी छाया ग्रह केतु भी शनि के साथ एक साथ युति बनाकर रहेगा। जीवन साथी से और अधिक मनमुटाव पैदा कर सकता है और कभी कभी इस प्रकार की स्थिति तलाक की तरफ भी ले जाती है। क्योंकि 7 मार्च 2019 से छाया ग्रह राहु भी आपकी राशि मिथुन पर विराजमान रहेंगे। इस कारण राहु का आपके मन पर पूरा प्रभाव रहेगा 7 मार्च 2019 के बाद।

🦀 *कर्क राशि*
वर्ष 2019 में कर्क राशि के जातकों पर 4 नवम्बर 2019 तक देवगुरु बृहस्पति ग्रह का पूरा आशीर्वाद आपके पंचम भाव में बना हुआ है, जो कि सन्तान सम्बन्धी मामलों में शुभ सूचनाएं प्रदान कर सकता है। वर्ष 2019 में कर्क राशि के जातक अपनी सन्तान के कैरियर एवं विवाह आदि के सन्दर्भ में चिंतित हैं तो उनको इस सन्दर्भ में शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। दूसरी तरफ कर्क राशि के जातकों के लिए शनि की गोचरीय ग्रह चाल में वर्तमान में धनु राशि में स्थिति 26 अक्टूबर 2017 से आपके शत्रु, रोग और ऋण स्थान पर है जो कि सबसे ज्यादा शक्तिशाली हैं। शनि की इस भाव में स्थिति के फलस्वरूप, जो भी आपके गुप्त विरोधी हैं वो सब परास्त महसूस करेंगे।इसके साथ ही जो भी आपके पुराने रोग व बीमारियां हैं, उनसे भी शनि देव के आशीर्वाद से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही 7 मार्च 2019 से केतु और शनि ग्रह की युति भी आपके छठे भाव में गुप्त विरोधियों को समाप्त करने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होगी। इसके साथ ही आपकी राशि कर्क से राहु ग्रह 7 मार्च 2019 से अपनी उच्च राशि मिथुन में बारहवें भाव में विचरण करेंगे। जो कि विदेश यात्रा का प्रबल योग बनाता है। अर्थात यह कह सकते विदेश से लाभ प्राप्ति का योग भी है वर्ष 2019 में कर्क राशि के जातकों के लिए।

🦁 *सिंह राशि*
वर्ष 2019 में सिंह राशि के जातकों पर देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद सम रहेगा 4 नवम्बर 2019 तक। फिर भी वर्तमान में देवगुरु बृहस्पति की चतुर्थ भाव में स्थिति अर्थात सुख के स्थान में स्थिति सिंह राशि के जातकों को नवीन मकान, वाहन के क्रय करने का योग बनाती है। शुभ और धार्मिक कार्यों पर व्यय वर्ष 2019 में होने का प्रबल योग है। दूसरी तरफ सिंह राशि के जातकों के शनि ग्रह की गोचरीय ग्रह चाल में पंचम भाव में स्थिति शुभ है जो कि भूमि और व्यापार से लाभ का योग बनाती है। विद्यार्थियों के लिए शनि की पंचम भाव में स्थिति अति शुभ फल प्रदान करने वाली है, जो भी विद्यार्थी वर्ग प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं वह मार्च 2019 के बाद सफलता के मुकाम पर पहुचेंगे। क्योंकि 7 मार्च 2019 से राहु-केतु की परवर्तित होने वाली गोचरीय ग्रह चाल सिंह राशि के जातकों के लिए सबसे अधिक लाभ प्राप्त कराने वाली होगी। राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में 7 मार्च 2019 से सिंह राशि के जातकों के लाभ भाव में शक्तिशाली अवस्था में विराजमान रहेगें लगभग डेढ़ वर्ष तक और 5 नवम्बर 2019 से देवगुरु बृहस्पति भी अपनी स्व राशि धनु में सिंह राशि के जातकों के पंचम भाव में आ जायेगें जो कि सबसे अधिक शक्तिशाली भाव माना जाता है।

👰🏻 *कन्या राशि*
वर्ष 2019 में कन्या राशि के जातकों के लिए गोचरीय ग्रह चाल में देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद बना हुआ है। वर्तमान में आपकी राशि से तृतीय भाव में स्थित देवगुरु बृहस्पति अपनी शुभ और पूर्ण दृष्टि से सप्तम, नवम और लाभ भाव को पूर्ण दृष्टि से देख रहे हैं, 4 नवम्बर 2019 तक जो कि अथक परिश्रम से पूर्ण सफलता की ओर अग्रसर करेगें। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं थोड़ी मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है। लेकिन सफलता निश्चत रूप से मिलेगी। क्योंकि 7 मार्च 2019 से राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में आपके कर्म स्थान में आ रहे हैं, अपनी गोचरीय ग्रह चाल में। जो कि कन्या राशि के जातकों के लिए अति शुभ फल प्रदान करने वाली है। राहु को दशम भाव में अर्थात कर्म के भाव में सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है। केतु ग्रह 7 मार्च 2019 से आपके चतुर्थ भाव भाव में शनि ग्रह के साथ युति बनाकर स्थित रहेगें, जो कि थोड़ा मन को विचलित कर सकते हैं पारिवारिक परिस्थितियों के कारण क्योंकि कन्या राशि के जातक 26 अक्टूबर 2017 से शनि ग्रह की चौथी ढैय्या के प्रभाव में हैं जो कि 2019 में पूरे वर्ष रहेगी, लेकिन वर्तमान में कन्या राशि के जातक साहस के साथ चुनौतियों का सामना करें तो, सफलता आपके कदमों में होगी।

⚖ *तुला राशि*
वर्ष 2019 में तुला राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद 11 अक्टूबर 2018 से संचित धन, कुटुम्ब, वाणी व विद्या के भाव में बना हुआ है जो कि 4 नवम्बर 2019 तक रहेगा। वर्ष 2019 में देवगुरु बृहस्पति ग्रह के आशीर्वाद फलस्वरूप तुला राशि के जातकों को नवीन रोजगार, नोकरी में प्रमोशन और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को उच्च पद की प्राप्ति का योग बना हुआ है। शासन से लाभ, विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा में कामयाबी का भी प्रबल योग रहेगा। उसके बाद भी धनु राशि में गोचरीय ग्रह चाल में देवगुरु बृहस्पति ग्रह की स्थिति में भी रहेगा। अर्थात 5 नवम्बर 2019 के बाद भी तुला राशि के जातकों को देवगुरु बृहस्पति ग्रह के आशीर्वाद फलस्वरूप लाभ की स्थिति रहेगी। दूसरी तरफ शनि ग्रह वर्ष 2019 में गोचरीय ग्रह चाल में तुला राशि के जातकों के पराक्रम भाव में स्थित रहेंगे। इसके साथ 7 मार्च 2019 से केतु भी पराक्रम भाव में शनि ग्रह के साथ एक साथ युति बनाकर स्थित रहेंगे। इस युति के परिणाम स्वरूप तुला राशि के जातकों के गुप्त विरोधी पूरी तरह परास्त होते नजर आएंगे। लेकिन, परिवार में छोटे भाई बहनों से थोड़ी विरोधाभास की स्थिति वर्ष 2019 में बनी रह सकती है। तुला राशि के जातकों को इसलिए अपने छोटे भाई बहिनों से वर्ष 2019 में बेहतर तालमेल बनाकर चलने की जरूरत है। पराक्रम भाव में शनि और केतु एक साथ युति व्यक्ति को कभी कभी तानाशाह प्रवृति वाला व्यक्ति भी बना देती है। इसलिए वर्ष 2019 में अपने अधीनस्थ व्यकितयों व कर्मचारियों से प्रेमपूर्ण व्यवहार करने की आवश्यकता है। राहु 7 मार्च 2019 से आपकी तुला राशि की चन्द्र कुंडली से भाग्य भाव में उच्च राशि में स्थित रहेंगे लगभग डेढ़ वर्ष तक जो कि भाग्य में अचानक अप्रत्याशित परिवर्तन करने में सक्षम होंगे। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं, तुला राशि के जातकों के लिए वर्ष 2019 नवीन खुशियां लेकर आ रहा है विशेकर मार्च 2019 के बाद।

🦂 *वृश्चिक राशि*
वर्ष 2019 में वृश्चिक राशि के जातकों के ऊपर देवगुरु बृहस्पति ग्रह का पूरा आशीर्वाद रहेगा। क्योंकि देवगुरु बृहस्पति स्वयं वर्तमान में 11 अक्टूबर 2018 से वृशिक राशि में ही स्थित हैं गोचरीय ग्रह चाल में, जो कि 4 नवम्बर 2019 तक विराजमान रहेंगे। देवगुरु बृहस्पति स्वयं वृश्चिक राशि में ही स्थित हैं वर्तमान गोचरीय ग्रह चाल में तो वह आपको सद्बुद्धि व विवेक प्रदान करेंगे। सहयोगियों का सहयोग भी प्राप्त होगा और जो व्यक्ति विवाह के सन्दर्भ में विचार कर रहे हैं वर्ष 2019 में तो उनके लिए इस वर्ष विवाह होने का प्रबल योग है। दूसरी तरफ वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि ग्रह वर्तमान में गोचरीय ग्रह चाल में दूसरे भाव में अर्थात शासन, कुटुम्ब, व वाणी वाले भाव में स्थित हैं। इसके साथ ही सात मार्च 2019 से गोचरीय ग्रह चाल में केतु भी शनि ग्रह के साथ एक साथ युति बनाकर स्थित रहेगा। जो कि इस भाव के लिए अशुभ फल प्रदान करने वाला योग है। इसलिए वृश्चिक राशि के जातकों को अपनी वाणी का 2019 में सही इस्तेमाल करने की प्रबल आवश्यकता है। वरना सामने वाला व्यक्ति आपकी बातों को दूसरे अर्थों में ले सकता है। इसके साथ ही कुटुम्ब में विरोधाभास की स्थिति भी पैदा हो सकती है। वैदिक हिन्दू फलित ज्योतिष के अनुसार किसी भी राशि से दूसरे भाव में गोचरीय ग्रह चाल में जब भी शनि ग्रह स्थित हो तो हमें असत्य बोलने से हमेशा बचना चाहिए। क्योंकि शनि को न्याय का अधिपति कहा जाता है, अगर हम असत्य बोलते हैं तो हमें नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं शनि ग्रह के कारण, वर्तमान में वृशिक राशि के जातक शनि की उतरती साढ़े साती के प्रभाव में हैं, इसलिए वृश्चिक राशि के जातकों को मिथ्या वचनों से बचने की जरूरत है। तभी इस राशि के जातकों को शनि ग्रह का सकारात्मक आशीर्वाद प्राप्त होगा। दूसरी तरफ राहु भी 7 मार्च 2019 से आपकी राशि वृशिक से अष्टम भाव में मिथुन राशि में विराजमान हो रहे हैं, जो कि रोगों का स्थान भी है, इसलिए वृशिक राशि के जातकों को 7 मार्च 2019 के बाद स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखना जरूरी है। क्योंकि राहु कभी कभी असामान्य गम्भीर रोग भी प्रदान कर देता है अष्टम भाव में स्थित होने पर।

🏹 *धनु राशि*
वर्ष 2019 में धनु राशि के जातकों को देवगुरु बृहस्पति ग्रह का शुभ आशीर्वाद नहीं है 4 नवम्बर 2019 तक। क्योंकि देवगुरु बृहस्पति ग्रह अपनी गोचरीय ग्रह चाल में 11 अक्टूबर 2018 से धनु राशि की चन्द्र कुंडली से बारहवें भाव में अर्थात व्यय के स्थान में विराजमान हैं, जो कि फलित ज्योतिष के अनुसार अशुभ भाव माना जाता है। इस भाव में देवगुरु बृहस्पति ग्रह सकारात्मक अवस्था का फल प्रदान नहीं करते हैं। बारहवां भाव व्यय का है, इसलिए धनु राशि के जातकों को वर्ष 2019 में अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है। चार नवम्बर 2019 तक, इसके बाद देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि धनु में स्थित हो जाएंगे गोचरीय ग्रह चाल में, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं वर्ष 2019 में धनु राशि के जातकों को देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद 4 नवम्बर 2019 के बाद ही प्राप्त होगा। दूसरी तरफ गोचरीय ग्रह चाल में शनि ग्रह धनु राशि पर ही स्थित हैं, अर्थात धनु राशि के जातक वर्तमान में शनि ग्रह की साढ़े साती के प्रभाव में भी हैं। शनि ग्रह वर्ष 2019 में पूरे वर्ष धनु राशि में स्थित रहेगें, इसके साथ ही 7 मार्च 2019 से शनि और केतु की एक साथ युति भी धनु राशि पर रहेगी जो कि अशुभ फल प्रदान करने वाली मानी जाती है और दूसरी तरफ राहु भी 7 मार्च 2019 से आपकी राशि धनु से सप्तम भाव में अर्थात जीवन साथी के भाव में विचरण करेगें लगभग डेढ़ वर्ष तक जो कि जीवन साथी से तनाव व पृथकता की स्थिति पैदा कर सकते हैं। इसलिए जीवन साथी से वाद विवाद न करें वर्ष 2019 में, और अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखें।

🐊 *मकर राशि*
वर्ष 2019 में मकर राशि के जातकों पर देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद गोचरीय ग्रह चाल में 11 अक्टूबर 2018 से आपकी राशि की चन्द्र कुंडली से लाभ व इच्छा पूर्ति एवं सहयोगियों वाले भाव में बना हुआ है। जो कि 4 नवम्बर 2019 तक रहेगा, जो कि मकर राशि के जातकों को धन, मान सम्मान, उच्च पद के मामले में देवगुरु बृहस्पति का आशीर्वाद वर्ष 2019 में बना रहेगा 4 नवम्बर 2019 तक। दूसरी तरफ मकर राशि के जातकों पर शनि ग्रह की नकारात्मक गोचरीय ग्रह चाल के कारण शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण 26 अक्टूबर 2017 से आरम्भ हो गया है, जो कि उनको स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों में परेशानी दे सकता है, वर्ष 2019 में। शनि के नकारात्मक भाव में स्थित होने के कारण, अर्थात शनि की साढ़े साती के कारण और वर्तमान में शनि ग्रह का व्यय भाव में होने के कारण आशा के अनुकूल सफलता प्राप्ति के मामलों मे संघर्ष करना पड़ेगा मकर राशि के जातकों को। सहयोगियों से अपेक्षित सहयोग की प्राप्ति नहीं होगी। इसके साथ ही वर्ष 2019 में, 6 मार्च 2019 तक राहु भी आपके सप्तम भाव में स्थित रहेगें, जो कि पार्टनर और सहयोगियों से पृथकता और मनमुटाव की स्थित प्रदान करने वाला योग बना हुआ है। लेकिन 11 अक्टूबर 2018 से देवगुरु बृहस्पति के आशीर्वाद फलस्वरूप यह स्थिति अनुकूल बनी रहेगी वर्तमान में, इसके साथ ही 7 मार्च 2019 से राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में अपनी गोचरीय ग्रह चाल में स्थान परिवर्तन कर रहे हैं, जो कि आपकी राशि मकर से शत्रु, रोग व ऋण वाले भाव में विराजमान रहेंगे लगभग डेढ वर्ष तक। जो कि आपके गुप्त विरोधियों को परास्त करने वाला योग है। इसके साथ ही 7 मार्च 2019 से आपके व्यय भाव में केतु और शनि ग्रह की एक साथ युति रहेगी जो कि स्वास्थ्य के संकट को अचानक बढ़ा सकती है, इसलिए मकर राशि के जातक स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न बरतें वर्ष 2019 में।

⚱ *कुंभ राशि*
वर्ष 2019 में देवगुरु बृहस्पति ग्रह गोचरीय ग्रह चाल में कुंभ राशि के जातकों को सम फल प्रदान करने वाले होंगे। क्योंकि देवगुरु बृहस्पति ग्रह गोचरीय ग्रह चाल में 11 अक्टूबर 2018 से आपके दशम भाव अर्थात कर्म के क्षेत्र में विराजमान हैं जो कि 4 नवम्बर 2019 तक रहेंगे। इसलिए कर्म क्षेत्र में देवगुरु बृहस्पति के आशीर्वाद फलस्वरूप आपको वर्ष 2019 में मान सम्मान प्राप्त होता रहेगा। लेकिन, वर्ष 2019 में आपको सकारात्मक कर्म की ओर अग्रसर होना पड़ेगा। तभी देवगुरु बृहस्पति वर्तमान में स्थित आपके कर्म क्षेत्र में अपना शुभ फल का आशीर्वाद प्रदान करने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही आपकी राशि के स्वामी न्याय के अधिपति शनि ग्रह गोचरीय ग्रह चाल में 26 अक्टूबर 2017 से आपके लाभ, इच्छापूर्ति व सहयोगियों वाले भाव में विराजमान हैं, जो कि आपके लिए लाभ के मामलों में वर्ष 2019 में शनि ग्रह के आशीर्वाद फलस्वरूप एक सुखद योग है। लाभ प्राप्ति के मामलों में, इसके साथ ही 7 मार्च 2019 से आपके लाभ भाव में केतु और शनि ग्रह की एक साथ युति भी आरम्भ हो जाएगी जो कि आपको वर्ष 2019 में अचानक लाभ प्राप्ति का प्रबल योग भी बनाती है, लेकिन कुंभ राशि के जातकों वर्ष 2019 में इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि लाभ व मित्रों वाले भाव में शनि और केतु की एक साथ युति कभी कभी मित्रों और सहयोगियों से पृथकता भी पैदा कर देती है। इसलिए वर्ष 2019 में अपने सहयोगियों से बेहतर तालमेल बनाकर रखें। तभी आप शनि और केतु की लाभ भाव में स्थिति का समुचित लाभ प्राप्त कर पायेगें। दूसरी तरफ 7 मार्च 2019 से राहु आपकी राशि से पंचम अर्थात सन्तान के भाव में आ रहे हैं, जो कि सन्तान की तरफ थोड़ा चिंतित करने वाला योग है। अर्थात आपको सन्तान की तरफ से राहु की इस भाव में स्थिति के कारण सन्तान को जिद्दी और अड़ियल स्वभाव का बना देगी। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं सन्तान आपकी आज्ञा का पालन नही करेगी, इसलिए सन्तान की भावनाओं को आदर करते हुए उनसे प्रेमपूर्ण व्यवहार करें वर्ष 2019 में।

🐬 *मीन राशि*
वर्ष 2019 में मीन राशि के जातकों पर देवगुरु बृहस्पति ग्रह का गोचरीय ग्रह चाल में आशीर्वाद 11 अक्टूबर 2018 से आपके भाग्य स्थान में बना हुआ है। जो कि अति शुभ फल प्रदान करने वाला योग है, 4 नवम्बर 2019 तक, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वर्ष 2019 में देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आपको भरपूर आशीर्वाद प्राप्त होगा, जो भी आप सोच रहे हैं उस कार्य की सिद्धि प्रदान करेगें देवगुरु बृहस्पति वर्ष 2019 में, आपकी राशि से भाग्य भाव में स्थित होकर, धार्मिक यात्राओं और तीर्थ स्थल पर जाने योग भी वर्ष भर बना रहेगा। कर्म क्षेत्र में आपको राजनीति या शासन की कृपा से अचानक उच्च पद की प्राप्ति भी देवगुरु बृहस्पति ग्रह के आशीर्वाद फलस्वरूप प्राप्त होने की प्रबल संभावना है। सात मार्च 2019 से गोचरीय ग्रह चाल में केतु और शनि की एक साथ युति आपके दशम भाव अर्थात कर्म क्षेत्र में रहेगी, जो कि अचानक उच्च पद प्राप्त करने का प्रबल योग है, इसके लिए आपको अपने कर्म क्षेत्र में सहनशीलता को धारण करना होगा, नहीं तो 7 मार्च 2019 से केतु और शनि ग्रह की एक साथ युति आपके कर्म भाव में अचानक बने बनाये कार्यों में अवरोध भी उतपन्न कर सकती है। दूसरी तरफ राहु भी गोचरीय ग्रह चाल में 7 मार्च 2019 से आपकी राशि मीन से चतुर्थ भाव अर्थात सुख भाव में विचरण करेंगे, जो कि घरेलू मामलों में थोड़ी परेशानी दे सकते हैं। परिवार में तनाव बना रह सकता है, इसलिए सहनशीलता को धारण करने की आवश्यकता है आपको वर्ष 2019 में, देवगुरु बृहस्पति के आशीर्वाद से आपके अधिकतर कार्य सिद्ध हो जाएंगे।

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