गुरुवार, 30 दिसंबर 2021

कन्यादान हुआ जब पूरा,आया समय विदाई का ।।हँसी ख़ुशी सब काम हुआ था,सारी रस्म अदाई का ।बेटी के उस कातर स्वर ने,बाबुल को झकझोर दिया।।पूछ रही थी पापा तुमने,क्या सचमुच में छोड़ दिया।।अपने आँगन की फुलवारी,मुझको सदा कहा तुमने।।मेरे रोने को पल भर भी,बिल्कुल नहीं सहा तुमने।।क्या इस आँगन के कोने में,मेरा कुछ स्थान नहीं।।अब मेरे रोने का पापा,तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं।।देखो अन्तिम बार देहरी,लोग मुझे पुजवाते हैं।।आकर के पापा क्यों इनको,आप नहीं धमकाते हैं।।नहीं रोकते चाचा ताऊ,भैया से भी आस नहीं।।ऐसी भी क्या निष्ठुरता है,कोई आता पास नहीं।।बेटी की बातों को सुन के,पिता नहीं रह सका खड़ा।।उमड़ पड़े आँखों से आँसू,बदहवास सा दौड़ पड़ा।।कातर बछिया सी वह बेटी,लिपट पिता से रोती थी।।जैसे यादों के अक्षर वह,अश्रु बिंदु से धोती थी।।माँ को लगा गोद से कोई,मानो सब कुछ छीन चला।।फूल सभी घर की फुलवारीसे कोई ज्यों बीन चला।।छोटा भाई भी कोने में,बैठा बैठा सुबक रहा।।उसको कौन करेगा चुप अब,वह कोने में दुबक रहा।।बेटी के जाने पर घर ने,जाने क्या क्या खोया है।।कभी न रोने वाला बापू,फूट फूट कर रोया है. जय शक्तेश्वर महादेव💜❤

गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

*शुभ काम में क्यों बनाई गई नारियल फोड़ने की परंपरा-*〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️सनातन धर्म के ज्यादातर धार्मिक संस्कारों में नारियल का विशेष महत्व है। कोई भी व्यक्ति जब कोई नया काम शुरू करता है तो भगवान के सामने नारियल फोड़ता है। चाहे शादी हो, त्योहार हो या फिर कोई महत्वपूर्ण पूजा, पूजा की सामग्री में नारियल आवश्यक रूप से रहता है। नारियल को संस्कृत में श्रीफल के नाम से जाना जाता है।विद्वानों के अनुसार यह फल बलि कर्म का प्रतीक है। बलि कर्म का अर्थ होता है उपहार या नैवेद्य की वस्तु। देवताओं को बलि देने का अर्थ है, उनके द्वारा की गई कृपा के प्रति आभार व्यक्त करना या उनकी कृपा का अंश के रूप मे देवता को अर्पित करना। एक समय सनातन धर्म में मनुष्य और जानवरों की बलि सामान्य बात थी। तभी आदि शंकराचार्य ने इस अमानवीय परंपरा को तोड़ा और मनुष्य के स्थान पर नारियल चढ़ाने की शुरुआत की। नारियल कई तरह से मनुष्य के मस्तिष्क से मेल खाता है। नारियल की जटा की तुलना मनुष्य के बालों से, कठोर कवच की तुलना मनुष्य की खोपड़ी से और नारियल पानी की तुलना खून से की जा सकती है। साथ ही, नारियल के गूदे की तुलना मनुष्य के दिमाग से की जा सकती है।नारियल फोड़ने का महत्व👉 नारियल फोड़ने का मतलब है कि आप अपने अहंकार और स्वयं को भगवान के सामने समर्पित कर रहे हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है, जिससे नारियल के सफेद हिस्से के रूप में देखा जाता है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

सोमवार, 13 दिसंबर 2021

*संतान के लिए विरासत*

मृत्यु के समय टॉम स्मिथ ने अपने बच्चों को बुलाया, और अपने पद चिह्नों पर चलने की सलाह दी, ताकि उनको अपने हर कार्य में मानसिक शाँति मिले!

 उसकी बेटी सारा ने कहा ~ डैडी ! यह दुर्भाग्यपूर्ण है, कि आप अपने बैंक में एक पैसा भी छोड़े बिना मर रहे हैं। यह घर भी ... जिसमें हम रहते हैं , किराये का है।

     
सॉरी ... मैं आपका अनुसरण  नहीं कर सकती।
कुछ क्षण बाद उसके पिता ने अपने प्राण त्याग दिये।

           
तीन साल बाद ... सारा एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में इंटरव्यू देने गई। इंटरव्यू में कमेटी के चेयरमैन को सारा ने उत्तर दिया :- मैं सारा स्मिथ हूँ। मेरे पिता टॉम स्मिथ अब नहीं रहे।

       
चेयरमैन .. कमेटी के अन्य सदस्यों की ओर घूमकर बोले -यह आदमी स्मिथ वह था, जिसने ... प्रशासकों के संस्थान में मेरे सदस्यता फ़ार्म पर हस्ताक्षर किये थे, और ... उसकी सिफारिश से ही मैं वह स्थान पा सका हूँ , 
               
जहाँ मैं आज हूँ.  उसने यह सब कुछ भी बदले में लिये बिना किया था।  फिर वे सारा की ओर मुड़े,मुझे तुमसे कोई सवाल नहीं पूछना।
           
तुम स्वयं को इस पद पर  चुना हुआ मान लो। कल आना ... तुम्हारा नियुक्ति पत्र तैयार मिलेगा।

      
सारा स्मिथ उस कम्पनी में कॉरपोरेट मामलों की प्रबंधक बन गई।उसे ड्राइवर सहित दो कारें,ऑफिस से जुड़ा हुआ डुप्लेक्स मकान, और एक लाख पाउंड  प्रतिमाह का वेतन  अन्य भत्तों और ख़र्चों के साथ मिला।

             
उस कम्पनी में दो साल कार्य करने के बाद कम्पनी का प्रबंध निदेशक एक दिन अमेरिका से आया।
     
उसकी इच्छा त्यागपत्र देने और अपने बदले किसी अन्य को पद देने की थी, जो बहुत सत्यनिष्ठ ईमानदार हो।
        
कम्पनी के सलाहकार ने उस पद के लिए सारा स्मिथ को नामित किया।

          
एक इंटरव्यू में सारा से  उसकी सफलता का राज पूछा गया।आँखों में आँसू भरकर उसने उत्तर दिया ~ मेरे पिता ने मेरे लिए मार्ग खोला था।
         
उनकी मृत्यु के बाद ही मुझे पता चला कि वे वित्तीय दृष्टि से निर्धन थे. लेकिन प्रामाणिकता, अनुशासन और सत्यनिष्ठा में ~ वे बहुत ही धनी थे।
फिर उससे पूछा गया, कि वह रो क्यों रही है ?
            
उसने उत्तर दिया - मृत्यु के समय मैंने ईमानदार और प्रामाणिक होने के कारण अपने पिता का अपमान किया था।

          
 मुझे आशा है कि अब वे मुझे क्षमा कर देंगे। मैंने यह सब प्राप्त करने के लिए कुछ नहीं किया।  उन्होंने ही मेरे लिए  यह सब किया था।

     

अन्त में उसका सीधा उत्तर था- मैं अब अपने पिता की पूजा करती हूँ, उनका बड़ा सा चित्र मेरे कमरे में और  घर के प्रवेश द्वार पर लगा है।

  मेरे लिए ...  भगवान के बाद उनका ही स्थान है,
ईमानदारी,अनुशासन ,आत्मनियंत्रण और ईश्वर से डरना ।
यही हैं जो किसी व्यक्ति को धनी बनाते हैं! अच्छी विरासत छोड़कर जाइए !

मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं lबेटी बनूं तो पिता की शान बन जाती हूं, बहन बनूं तो भाई का अभिमान बन जाती हूं lबीवी बनूं तो पति का भाग्य बन जाती हूं,मां बनूं तो बच्चों की ढाल बन जाती हूं lमैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं lहोए जो पैसा पहन के गहने मैं बहुत इठलाती हूं, हालात ना हो तो दो जोड़ी कपड़े में ही अपना जीवन बिताती हूं lकभी तो अपनी हर बात में मनवा जाती हूं, तो कभी चुप घड़ी औरों की बात सुन जाती हूं lमैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं lकभी बनकर की लाडली मैं खूब खिलखिलाती हूं,तो कभी दरिंदों से अपना दामन बचाती हूं lकभी रख फूलों पर अपने कदम महारानी बन जाती हूं,तो कभी दे अग्नि परीक्षा अपना अस्तित्व बचा जाती हूं lमैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l आए मौका खुशी का तो फूलों से नाजुक बन जाती हूं, आए जो दुखों का तूफान तो चट्टान बन अपनों को बचाती हूं lमिले जो मौका हर क्षेत्र पर अपना हुनर दिखलाती हूं, जो ना मिले मौका तो चारदीवारी में ही अपना जीवन बिताती हूं lमैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं lउड़ान भर्ती हूं तो चांद तक पहुंच जाती हूं, मौके पड़ने पर बेटों का फर्ज भी निभा जाती हूं lकरके नौकरी पिता का हाथ बताती हूं, दे कांधा उन्हें श्मशान भी पहुंचाती हूं lमैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं lआए जो भी चुनौती उसका डट के सामना कर जाती हूं,मिले जो प्यार तो घर को स्वर्ग सा सजाती हूं, हुए जो अत्याचार तो बन काली सर्वनाश कर जाती हूं l मैं कोई बोझ नहीं यह हर बार साबित कर जाती हूं lमैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l🙏🙏

Naturopathy and Alternative Medicine: 👉क्या आप योगा प्राणायाम से प्रकृतिक रूप से सारी बीमारियो को मरते दम तक कंट्रोल करना चाहते हो? 👉 क्या योग निद्रा, एक्युप्रेशर, कास्मिक हीलिंग, माइंड पावर, डिवाइन पावर, ध्यान की वैज्ञानिक पद्धति और यौगिक श्वसन क्रिया से रोग मुक्त स्वस्थ जिंदगी जीना चाहते है? 👉 क्या आप दवाइयां खाते खाते तंग हो गये है? 👉 क्या आपको Morning Motion 2-3 minutes में clear हो जाती है? 👉 क्या मेहनत की कमाई मेडिकल स्टोर में ले जा कर देते हों? 👉 क्या आप KG से PG की पढाई मे जीवन जीने के लिए नीचे दिए TOPICS को पढे हो? 👉 क्या आप अपने बच्चो को चस्मा मुक्त, तनावमुक्त रखना चाहते है? 👉 क्या बच्चो मे High Concentration Develop करना चाहते हैं? 👉क्या बच्चो मे और खुद मे Super Energy चाहते है? 🙋‍♂️क्या आप 84 असान आसन सीखना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप 84 असान कब करना, कब नही करना, गलत करने से क्या नुकसान और सही करने से क्या फायदा होगा जानना चाहता है? 🙋‍♂️ क्या आप 18 प्राणायाम कब, कैसे, कितना, कौन, कौन नही कर सकते और सम्पूर्ण फायदे और गलत करने से नुकसान जानना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप 9 प्रकार के मेडीटेशन की सम्पूर्ण जानकारी और प्रक्टिस की विधि जानना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप माइंड पावर सिखना चाहते है? 🙋‍♂️क्या आप गोल सेट्टिंग के सिध्दांतों को जानना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप मन के डर- फोबिया को हमेशा के लिए खत्म करना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप हमेशा के लिए स्वस्थ रहना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप आंखो पर चस्मा नही लगाना चाहते हैं ? 🙋‍♂️क्या आप 7 प्रकार के QUOTIENT (IQ, EQ, CQ, PQ, MQ, AQ & SQ) सीखना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप 7 चक्रों (कुंडलिनी) को जागृत करना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप नेचुरोपैथि, पंचकर्म, षठकर्म, 15 प्रकार के स्नान, 17 प्रकार के BODY DETOXIFICATION सीखना चाहते हैं? 🙋‍♂️क्या आप आस्तंग योग सीखना चाहते हो? 🙋‍♂️ क्या आप इसी प्रकार के 65 टॉपिक सीखने के साथ-साथ प्रैक्टिस भी करना चाहते हो? MUST Join 🤝🤝💪💪💪💪फ्री !!!! वेबिनार Book Your Seat जल्दी-से-जल्दी लिमिटेड सीट 👍👍🕺🕺🕺 It will Transform your Entire life 😊😊🙋‍♂️🙋‍♂️💁💁Don't Miss this Amazing And Golden OPPORTUNITY. GRAB This Amazing Opportunity ♂️✌✌👊👊👊👍👍🙋♂️🙋♂️🙋✌✌👊👊👊👍👍🙋 इस Free Webinar मे नेचरोपैथ, योगा और मेडिटेशन का परम आनंददायक अनुभव प्राप्त करे।निचे दिये गए लिंक पर क्लिक कर के Whatsapp group Join करे

बेटी की विदाई के वक्त बाप ही सबसे आखिरी में रोता है, क्यों, चलिए आज आप विस्तारित रूप से समझिए।बाकी सब भावुकता में रोते हैं, पर बाप उस बेटी के बचपन से विदाई तक के बीते हुए पलों को याद कर करके रोता है।#माँ_बेटी के रिश्तों पर तो बात होती ही है, पर बाप और बेटी का रिश्ता भी समुद्र से गहरा है।हर बाप घर के बेटे को गाली देता है, धमकाता और मारता है, पर वही बाप अपनी बेटी की हर गलती को नकली दादागिरी दिखाते हुए, नजर अंदाज कर देता है।बेटे ने कुछ मांगा तो एक बार डांट देता है, पर अगर बिटिया ने धीरे से भी कुछ मांगा तो बाप को सुनाई दे जाता है और जेब में रूपया हो या न हो पर बेटी की इच्छा पूरी कर देता है।दुनिया उस बाप का सब कुछ लूट ले तो भी वो हार नही मानता, पर अपनी बेटी के आंख के आंसू देख कर खुद अंदर से बिखर जाए उसे बाप कहते हैं।और बेटी भी जब घर में रहती है, तो उसे हर बात में बाप का घमंड होता है। किसी ने कुछ कहा नहीं कि वो बेटी तपाक से बोलती है, "पापा को आने दे फिर बताती हूं।"बेटी घर में रहती तो माँ के आंचल में है, पर बेटी की हिम्मत उसका बाप रहता है।बेटी की जब शादी में विदाई होती है तब वो सबसे मिलकर रोती तो है, पर जैसे ही विदाई के वक्त कुर्सी समेटते बाप को देखती है, जाकर झूम जाती है, और लिपट जाती है, और ऐसे कसके पकड़ती है अपने बाप को जैसे माँ अपने बेटे को। क्योंकि उस बच्ची को पता है, ये बाप ही है जिसके दम पर मैंने अपनी हर जिद पूरी की थी।खैर बाप खुद रोता भी है, और बेटी की पीठ ठोक कर फिर हिम्मत देता है, कि बेटा चार दिन बाद आ जाऊँगा, तुझको लेने और खुद जान बूझकर निकल जाता है, किसी कोने में और उस कोने में जाकर वो बाप कितना फूट फूट कर रोता है, ये बात सिर्फ एक बेटी का बाप ही समझ सकता है।जब तक बाप जिंदा रहता है, बेटी मायके में हक़ से आती है और घर में भी ज़िद कर लेती है और कोई कुछ कहे तो डट के बोल देती है कि मेरे बाप का घर है। पर जैसे ही बाप मरता है और बेटी आती है तो वो इतनी चीत्कार करके रोती है कि, सारे रिश्तेदार समझ जाते है कि बेटी आ गई है।और वो बेटी उस दिन अपनी हिम्मत हार जाती है, क्योंकि उस दिन उसका बाप ही नहीं उसकी वो हिम्मत भी मर जाती हैं।आपने भी महसूस किया होगा कि बाप की मौत के बाद बेटी कभी अपने भाई- भाभी के घर वो जिद नहीं करती जो अपने पापा के वक्त करती थी, जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया क्योंकि जब तक उसका बाप था तब तक सब कुछ उसका था यह बात वो अच्छी तरह से जानती है। आगे लिखने की हिम्मत नहीं है, बस इतना ही कहना चाहता हूं कि बाप के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है, पर वो कभी बोलता नहीं, और बेटी के लिए बाप दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और घमंड होता है, पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है। #बाप_बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है।

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

*'मां' और 'सास' 🙏🏻❤️❤️* रोते हुए *'संसार'* में आई, तब *'मां'* ने गोद में उठाया.! रोते हुए *'ससुराल'* गई, तब *'सास'* ने गले से लगाया.!*'मां'* ने *'जीवन'* दिया तो... *'सास'* ने *'जीवन-साथी'* दिया..! *'मां'* ने *'चलना-बैठना'* सिखाया तो...*'सास'* ने *'समाज में उठना-बैठना'* सिखाया.! *'मां'* ने *'घर के काम'* सिखाए तो... *'सास'* ने *'घर चलाना'* सिखाया.! *'मां'* ने *'कोमल कली'* की तरह संभाला तो... *'सास'* ने *'विशाल वृक्ष'* जैसा बनाया.! *'मां'* ने *'सुख में जीना'* सिखलाया तो...*'सास'* ने *'दुख में भी जीना'* सिखलाया.! *'मां'.. 'ईश्वर' के समान है तो...**'सास'.. 'गुरु' के समान है..।*नमन दोनों मां को 🙏🏻🙏🏻🌷🌹👌🏼👏🏼👍🏼🌹🌷💅🏻

गुरुवार, 2 दिसंबर 2021

#पवित्र_वरमाला_रस्म_का_बनता_मजाक !!आजकल #शादियों में ये बात काफी नजर आ रही है, कि शादी के समय स्टेज पर #वरमाला के वक्त वर या दूल्हा बड़ा #तनकर खड़ा हो जाता है, जिससे दुल्हन को वरमाला डालने में काफी कठिनाई होती है, कभी कभी वर पक्ष के लोग दूल्हे को गोद में उठा लेते हैंफिर #वधु_पक्ष के लोग भी वधु को गोद में #उठाकर जैसे तैसे वरमाला कार्यक्रम #सम्पन्न करवा पाते हैं, आखिर ऐसा क्यों? क्या करना चाहते हैं हम? हम एक पवित्र संबंध जोड़ रहे हैं, या इस नये संबंध को मजाक बना रहे हैअपनी #जीवनसँगनी को हजार-पांच सौ लोगो के बीच हम उपहास का पात्र बनाकर रह जाते हैं, कोई #प्रतिस्पर्धा नही हो रही है, दंगल या अखाड़े का मैदान नही है, पवित्र मंडप है जहां देवी-देवताओं और पवित्र अग्नि का आवाहन होता है भगवान् प्रभु #श्रीराम जी ने सम्मान सहित कितनी #सहजता से सिर झुकाकर सीता जी से वरमाला पहनी थी#रामो_विग्रहवानो_धर्म:यही हमारी परंपरा है#विवाह एक पवित्र बंधन है, #संस्कार है, कृपया इसको मजाक ना बनने दे...