पूरे भारत में
यह नियम लागू
किया जाना चाहिए
कि
जो भी व्यक्ति
सरकारी नौकरी में है।
चाहे
वो कलेक्टर हो
या SP
या कोई अन्य कर्मचारी।
सभी के बच्चे
सरकारी स्कूल में ही पढेंगे
और जिनके बच्चे
सरकारी स्कूल में
न पढते हो
उन्हें सरकारी नौकरियों से
निकाल दिया जाए।
सभी लोग
समझ सकते है कि
जब जिले के
कलेक्टर और SP
तथा
अन्य अधिकारीयों के बच्चे सरकारी स्कूल में
पढ़ना आरम्भ कर देंगे,
तो उन स्कूल में
शिक्षा का स्तर
क्या होगा
और
शिक्षक किस तरह की
पढाई वहाँ करवाएँगे।
सभी शिक्षक स्कूल
समय पर आएँगे
और
अपना कार्य
पूरी ईमानदारी से करेंगे।
जो शिक्षक
किसी जुगाड़ के चलते
शिक्षक बने है
और पढाने में
असमर्थ है
वो स्वयं
अपना इस्तीफा
सरकार को सौंप देंगे।
शिक्षा के स्तर में
अचानक उछाल
आ जाएगा
और
अपने देश के बच्चे भी
मिसाल कायम करेंगे।
और उनका इलाज भी सरकारी अस्पताल में
ही करवाना जरुरी हो
ताकि अस्पतालों की हालत में भी सुधार आ सके मेरा मानना है कि जब अधिकारियो के परिवार की देखा देख सामिल कर्मचारी ओर जनता मे बदलाव आयेगा।
सोमवार, 17 अप्रैल 2017
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