बुधवार, 9 सितंबर 2020

ये कहानी आपको झकझोर देगी 2 मिनट में एक अच्छी सीख अवश्य पढ़ें....एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ?? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !भटकते-भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे !रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था।वह जोर से चिल्लाने लगा।हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते।ये उल्लू चिल्ला रहा है। हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ??ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था।सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो।हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद! यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ??अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है!उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है।दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये। कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी। पंचलोग भी आ गये!बोले- भाई किस बात का विवाद है ??लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है!लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए! फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जाँच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है!यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया। उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली!रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ मित्र हंस, रुको!हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ?? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ?उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी! लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है! मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है।यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं!शायद इतने साल की आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार की योग्यता व गुण आदि न देखते हुए, हमेशा , ये हमारी बिरादरी का है, ये हमारी पार्टी का है, ये हमारे एरिया का है, के आधार पर हमेशा अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं

🌞ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी!एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया। वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं।अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।। किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी।जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया। सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया..अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया । ध्यान रखे आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि , आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे... ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है। सकारात्मक रहे.. सकारात्मक जिए!इस संसार में.... सबसे बड़ी सम्पत्ति "बुद्धि " सबसे अच्छा हथियार "धैर्य" सबसे अच्छी सुरक्षा "विश्वास" सबसे बढ़िया दवा "हँसी" हैऔर आश्चर्य की बात कि "ये सब निशुल्क हैं।

सोमवार, 7 सितंबर 2020

My dear Public,. ● कोरोना केस, टेस्ट ज़्यादा होने से नहीं बढ़ रहे।केस इसलिये बढ़ रहे हैं कि 6 महीने बाद भी आपको ये समझ नहीं आया कि मास्क नाक के ऊपर रखना है और दूसरों से दूरी बना कर रखनी है।● आप चकित हैं कि आपके दादाजी को कोरोना कैसे हो गया, जब कि वो तो 6 महीने से घर से बाहर ही नहीं निकले! तो आपको लाउड स्पीकर से सूचित हो कि उन्हें कोरोना आपके घर के उस मेंबर की वज़ह से हुआ जो बाहर निकला और जिसने बचाव के सिंपल नियमों का पालन नहीं किया, और फ़िर अपने साथ कोरोना को घर ले कर आया। वो तो बच गया, लेकिन उसने घर के बुज़ुर्ग का बैंड बजा दिया।● आप गुस्से में हैं कि प्राइवेट हॉस्पिटल ने आपको लूट लिया। आपके टेस्ट की ग़लत रिपोर्ट दे दी। तो मेरी विनती है कि सबसे पहले गुस्सा ख़ुद पर करें कि आप प्राइवेट हॉस्पिटल गए किसलिये? आपकी तबियत ख़राब हुई क्यों? आपको कोरोना हुआ कैसे? क्या आपने मास्क ढंग से नहीं पहना? क्या आप दूसरों से चिपके? क्या आपने हाथ ठीक से साफ़ नहीं किये? अग़र आपने कोई कोताही नहीं बरती, तो आपको कोरोना हो ही नहीं सकता, ये बात बिना भावुक हुए मान लीजिये।● प्राइवेट हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या इस कोरोना काल में आधे से भी कम हो गई है। प्राइवेट अस्पतालों को सरकार कोई सब्सिडी नहीं देती, उल्टा कमर्शियल रेट चार्ज करती है। जिन हॉस्पिटल पर आप लूट के आरोप लगा रहे हैं वो अपने कर्मचारियों की सैलेरी काट रहे हैं। मरीज़ कम होने और ख़र्चे बढ़ने पर पैसा कहां से आएगा श्रीमान...??? हॉस्पिटल का सिक्योरिटी गार्ड, अकाउंटेंट, हाउस कीपिंग स्टाफ आपका इलाज़ नहीं करता। आप जितने कम दामों में अच्छे से अच्छा इलाज़ चाहते हैं, उन दामों में इन सबकी सैलेरी कैसे निकलेगी जजमान??● आपने तो कोरोना से बचने में घनघोर लापरवाही की, लेकिन आप ये चाहते हैं कि आपका इलाज़ करने वाला डॉक्टर, नर्स बिना ख़ुद की जान की परवाह किये, आपके बिल्कुल नज़दीक आ कर आपको पूरा चैक करे, दिन में चार बार आपको देखने आए, आपकी पल पल की मॉनिटरिंग करे, और फ़िर पैसे भी कम ले!! बड़े सयाने हैं आप !!!● इस झगड़े को ख़त्म करने का एक ही उपाय है कि आप डॉक्टरों और अस्पतालों पर तान तोड़ना छोड़ें, कोरोना से बचने के सरल नियमों का समझ और ईमानदारी से पालन करें। ना होगा कोरोना, और ना लूटेंगे डॉक्टर। विश्वास कीजिये, आपको कोरोना नहीं होगा, तो डॉक्टरों को आपसे भी ज़्यादा ख़ुशी होगी, कि आपकी तो बची ही, साथ में उनकी भी जान बची...! और अग़र ऐसा नहीं करना है, तो लादें कोरोना को अपने सिर, फ़िर प्राइवेट अस्पताल की ओर मुंह करके, बिना वहां पधारे, दूर से ही उसे गाली दे लें, और फ़िर किसी सरकारी अस्पताल की तरफ़ अपनी गाड़ी मोड़ लें...ईश्वर आपको नियमों को समझने लायक बुद्धि दे और आपको सदा स्वस्थ रखे...

*दोस्त अब थकने लगे है*किसीका *पेट* निकल आया है,किसीके *बाल* पकने लगे है...सब पर भारी *ज़िम्मेदारी* है,सबको छोटी मोटी कोई *बीमारी* है।दिनभर जो *भागते दौड़ते* थे,वो अब चलते चलते भी *रुकने* लगे है।पर ये हकीकत है,सब दोस्त *थकने* लगे है...1किसी को *लोन* की फ़िक्र है,कहीं *हेल्थ टेस्ट* का ज़िक्र है।फुर्सत की सब को कमी है,आँखों में अजीब सी नमीं है।कल जो प्यार के *ख़त लिखते* थे,आज *बीमे के फार्म* भरने में लगे है।पर ये हकीकत है सब दोस्त थकने लगे है....2देख कर *पुरानी तस्वीरें*,आज जी भर आता है।क्या अजीब शै है ये वक़्त भी,किस तरहा ये गुज़र जाता है।कल का *जवान* दोस्त मेरा,आज *अधेड़* नज़र आता है...*ख़्वाब सजाते* थे जो कभी ,आज *गुज़रे दिनों में खोने* लगे है।पर ये हकीकत है सब दोस्त थकने लगे है...

शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

*एक दोस्त हलवाई की दुकान पर मिल गया ।* मुझसे कहा- ‘आज माँ का श्राद्ध है, माँ को लड्डू बहुत पसन्द है, इसलिए लड्डू लेने आया हूँ ' मैं आश्चर्य में पड़ गया । अभी पाँच मिनिट पहले तो मैं उसकी माँ से सब्जी मंडी में मिला था । मैं कुछ और कहता उससे पहले ही खुद उसकी माँ हाथ में झोला लिए वहाँ आ पहुँची । मैंने दोस्त की पीठ पर मारते हुए कहा- 'भले आदमी ये क्या मजाक है ? माँजी तो यह रही तेरे पास ! दोस्त अपनी माँ के दोनों कंधों पर हाथ रखकर हँसकर बोला, ‍'भई, बात यूँ है कि मृत्यु के बाद गाय-कौवे की थाली में लड्डू रखने से अच्छा है कि माँ की थाली में लड्डू परोसकर उसे जीते-जी तृप्त करूँ । मैं मानता हूँ कि जीते जी माता-पिता को हर हाल में खुश रखना ही सच्चा श्राद्ध है । आगे उसने कहा, 'माँ को मिठाई, सफेद जामुन, आम आदि पसंद है मैं वह सब उन्हें खिलाता हूँ । श्रद्धालु मंदिर में जाकर अगरबत्ती जलाते हैं । मैं मंदिर नहीं जाता हूँ, पर माँ के सोने के कमरे में कछुआ छाप अगरबत्ती लगा देता हूँ सुबह जब माँ गीता पढ़ने बैठती है तो माँ का चश्मा साफ कर के देता हूँ । मुझे लगता है कि ईश्वर के फोटो व मूर्ति आदि साफ करने से ज्यादा पुण्य माँ का चश्मा साफ करके मिलता है यह बात श्रद्धालुओं को चुभ सकती है पर बात खरी है । हम बुजुर्गों के मरने के बाद उनका श्राद्ध करते हैं । पंडितों को खीर-पुरी खिलाते हैं । रस्मों के चलते हम यह सब कर लेते है, पर याद रखिए कि गाय-कौए को खिलाया ऊपर पहुँचता है या नहीं, यह किसे पता । अमेरिका या जापान में भी अभी तक स्वर्ग के लिए कोई टिफिन सेवा शुरू नही हुई है । *माता-पिता को जीते-जी ही सारे सुख देना वास्तविक श्राद्ध है ॥*

गुरुवार, 3 सितंबर 2020

*भगवान कहाँ है....?*मैं कईं दिनों से बेरोजगार था , एक एक रूपये की कीमत जैसे करोड़ों लग रही थी , इस उठापटक में था कि कहीं नौकरी लग जाए। आज एक इंटरव्यू था , पर दूसरे शहर जाने के लिए जेब में सिर्फ दस रूपये थे . मुझे कम से कम दो सौ रुपयों की जरूरत थी। अपने इकलौते इन्टरव्यू वाले कपड़े रात में धो, पड़ोसी की प्रेस माँग के तैयार कर पहन, अपने योग्यताओं की मोटी फाइल बगल में दबाकर दो बिस्कुट खा के निकला। लिफ्ट ले पैदल जैसे तैसे चिलचिलाती धूप में तरबतर बस इस उम्मीद में स्टेंड पर पहुँचा कि शायद कोई पहचान वाला मिल जाए , जिससे सहायता लेकर इन्टरव्यू के स्थान तक पहुँच सकूँ।काफी देर खड़े रहने के बाद भी कोई नहीं दिखा। मन में घबराहट और मायूसी थी , क्या करूँगा अब कैसे पँहुचूगा ? पास के मंदिर पर जा पहुंचा , दर्शन कर सीढ़ियों पर बैठा था। मेरे पास में ही एक फकीर बैठा था , उसके कटोरे में मेरी जेब और बैंक एकाउंट से भी ज्यादा पैसे पड़े थे।मेरी नजरें और हालात समझ के बोला , "कुछ मदद चाहिए क्या ?" मैं बनावटी मुस्कुराहट के साथ बोला , "आप क्या मदद करोगे ?"*"चाहो तो मेरे पूरे पैसे रख लो ." वो मुस्कुराता बोला . मैं चौंक गया ! उसे कैसे पता मेरी जरूरत?मैनें कहा "क्यों"?"शायद आपको जरूरत है" वो गंभीरता से बोला। "हाँ है तो , पर तुम्हारा क्या , तुम तो दिन भर माँग के कमाते हो ?" मैने उस का पक्ष रखते हुए कहा .*वो हँसता हुआ बोला , "मैं नहीं माँगता साहब ! लोग डाल जाते हैं मेरे कटोरे में, पुण्य कमाने के लिए। मैं तो फकीर हूँ , मुझे इनका कोई मोह नहीं . मुझे सिर्फ भूख लगती है , वो भी एक टाइम . और कुछ दवाइयाँ . बस! मैं तो खुद ये सारे पैसे मंदिर की पेटी में डाल देता हूँ ." वो सहज था कहते कहते। मैनें हैरानी से पूछा , "फिर यहाँ बैठते क्यों हो..?" "जरूरतमंदों की मदद करने" कहते हुए वो मंद मंद मुस्कुरा रहा था।मैं उसका मुँह देखता रह गया। उसने दो सौ रुपये मेरे हाथ पर रख दिए और बोला , "जब हो तब लौटा देना।" मैं उसका शुक्रिया जताता हुआ वहाँ से अपने गंतव्य तक पँहुचा . मेरा इंटरव्यू हुआ , और सलेक्शन भी। मैं खुशी खुशी वापस आया, सोचा उस फकीर को धन्यवाद दे दूँ।मैं मंदिर पँहुचा , बाहर सीढ़़ियों पर भीड़ लगी थी , मैं घुस के अंदर पँहुचा , देखा वही फकीर मरा पड़ा था। मैं भौंचक्का रह गया ! मैने दूसरों से पूछा यह कैसे हुआ ?पता चला , वो किसी बीमारी से परेशान था . सिर्फ दवाईयों पर जिन्दा था . आज उसके पास दवाइयाँ नहीं थी और न उन्हें खरीदने के पैसे। मैं अवाक् सा उस फकीर को देख रहा था। अपनी दवाईयों के पैसे वो मुझे दे गया था जिन पैसों पे उसकी जिंदगी का दारोमदार था। उन पैसों से मेरी ज़िंदगी बना दी थी। भीड़ में से कोई बोला , अच्छा हुआ मर गया ये भिखारी भी साले बोझ होते हैं , कोई काम के नहीं।मेरी आँखें डबडबा आयी!*वो भिखारी कहाँ था , वो तो मेरे** लिए भगवान ही था।नेकी का फरिश्ता। मेरा भगवान! *भगवान कौन हैं ? कहाँ हैं ?* *किसने देखा है ? बस ! इसी* *तरह मिल जाते हैं।**हे! मेरे प्रभु आपको कोटी कोटी प्रणाम* ✨🌷🙏🌷

*Vacancy**तुरन्त आवश्यकता है*1- *एक इलेक्ट्रिशियन* : जो ऐसे दो व्यक्तियों के बीच कनेक्शन कर सके जिनकी आपस में बातचीत बन्द है।2- *एक ऑप्टिशियन* : जो लोगों की दृष्टि के साथ दृष्टिकोण में भी सुधार कर सके।3- *एक चित्रकार* : जो हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान की रेखा खींच सके।4- *एक राज मिस्त्री* : जो दो पड़ोसियों के बीच पुल बनाने में सक्षम हो।5- *एक माली* : जो अच्छे विचारों का रोपण करना जानता हो।6- *एक प्लम्बर* : जो टूटे हुए रिश्तों को जोड़ सके।7- *एक वैज्ञानिक* : जो दो व्यक्तियों के बीच ईगो का इलाज खोज सके।*और सबसे महत्वपूर्ण*8- *एक शिक्षक* : जो एक दूसरे के साथ विचारों का सही आदान प्रदान करना सिखा सके।9- *एक डॉक्टर* : जो सब के दिलों में से नफरत, जलन, क्रोध निकाल कर स्नेह और भाईचारा ट्रांसप्लांट कर दे।10- *एक जज* : जो धर्म, जाति, पैसा के वर्चस्व को समाप्त कर मानवता और समानता के आधार पर न्याय कर सके।*आज इन सभी व्यक्ति की देश समाज और व्यक्ति को अत्यन्त ही आवश्यकता है*

*मुस्लिमों की जातियाँ कितनी होती हैं *.How much is the castes of muslims *इस्लाम में कितनी जातिया हैं । हमने जब स्वाध्याय किया तो इस रेगिस्तानी धर्म में इस्लामी जातियों की लंबी फेहरिस्त (सूची) निकली।**आइये एक नज़र डालें....*1-महकमिय्या 2-अजराकिया 3-आयुजि 4-नजरात 5-असफरिया 6-अबाजिया 7-अहसाम्य्या 8-बहशिस्यह 9-नागलियाह 10-अजजदह 11-अख्वास्या 12-शैबानीयह्ह् 13-मकराम्या 14-वासलिय्या 15-हज़ेलिया 16-नजामिया 17-अस्वारिया 18-अस्काफिया 19-मज्वारिया 20-बशरिया 21-अस्मरिया 22-हसामिया 23-साल्जियह 24 हाबतिया 25-मुकमरिया 26-समामिया 27-जाख्तिया 28-हरीबा 29-जाफरिया 30-बहशमिया 31-जबानिया 32-कबेया 33-ख्यातेया 34-गरसानिया 35-सोबानिया 36-सोबेया 37-अहदया 38-बर्गोसिया 39-नाफेरानिया 40-ब्यानिया 41-मुगिरिया 42-कामलिया 43-मंसूरिया 44-खताबिया 45-अजआबिया 46-जमिया 47-मुस्तदरिकिया48-मुजसामिया 49-करामिया 50-जाहिमिया 51-हनफिया 52-मालकिय्या 53-शाफ्या 54-हम्बिलिया 55-सूफिया 56-दावड़िया 57-सबाइया 58-मफज़जलिया 59-जारिया60-इशहकिया 61-शेतानिया 62-मफुजिया 63-कसानिया 64-रजानिया 65-इस्माइल्लिया66-नासिरिया 67-जैदिया 68-नारुसिया 69-अहफटया 70-वाकफीफीया 71-गलात72-हशविया 73-उल्वेया 74-अबड़िया 75-शमसिया 76-अब्बासिया 77-इमामिया78-नावस्या 79-तनासुख्या 80-मूर्तजिया 81-राजइय्या82-खलिफिया 83-कंजिया 84-हज़तरिया 85-मोतजलिया 86-मैमुनिया 87-अफालिया 88-माबिया 89-तारक्या 90-नजमैमुनिया 91-हज़तिया 92-कंदरिया 93-अहरिया 94-वहमिय्या 95-मोटलिया 96-मुतरआ बसिया 97-मुतरफिया 98-मखलुखिया 99-मुतराफिया100-वबरिया101-मजिया 102-शाबाइया 103-अमालिया 104-मुस्तसिया105-मुशबह्य्या 106-सालमिया 107-कास्मिया 108-कनामिया 109-खारिजया 110-तर्किया 111-हज़ीमिया112-दहरिया 113-साआल्बिया 114-वहाबिया 115-नसारिया 116-मझुलिया 117-सलया 118-अख़बसया 119-बहसिया 120-समराख्या 121-अतबिया 122-गालिया 123-कतएया 124-कुर्बिया 125-मुहमदीया 126-हसनिया 127-क़राबतइया 128-मुबारिकिया 129-श्मतिया 130-अमारिया 131-मख्तुरिया 132-मोसुमिया 133-नानेया 134-तयारिया 135-यतरायह 136-सैरफिया137-सरीइयह 138-जारुदिया139-सुलेमनिया 140-तबारिया 141-नइमया 142-याक़ूबिया 143-शमरिया144-युनानिया 145-बखारिया 146-गेलिन्या 147-शाएबिया 148-समहाज़िया 149-मरसिया 150-हासमिया151-खरारिया 152-क्लाबिया 153-हालिया 154-बाटनिया155-अबाजिया 156-ब्राह्मिया 157-अशअरिया 158-सोफ्सतैया 159-फिलसफिया 160-समिनिया 161-मशाईन 162-अश्राकिन 163-अजुसियह 164-उम्बिया 165-वजीदीया 166-अलीळालाहिया167-सादकिया 168-फुरकानिया 169-फरुकिया 170-शेखिय्या 171-शम्ससया 172-सम्मिस्या173-फरकिया 174-नक़्शबंदिया 175-कादरिया 176-नेचीरिया 177-मिजाइय्या 178-आगखानिया179-शहर बदीया 180-चिश्तिया 181-क्रानिया 182-नजदीया183-बाबिया184-मवाहदीया वहाबी 185-राफजिया 186-नजिया 187-जस्तीया 188-इबारिया 189-जबरिया190-टबरिया 191-सल्फिया 192-अकलिया 193-सफत्या 194-तकलिया 195-मुट्सफिया 196-हमाओसत 197-शमाफिया 198-हफ्तइमामिया199-हश्तइमामिया200-अशन अशारिया201-अखबारिय्यिन 202-मुतकल्लमिन 203-मुत्सररइन 204-रोशनियां 205-कोकबिया 206-तबकुमिया 207-अर्शेआसेयानी 208-तातिलिया 209 अन्सारिया 210-रखबिया 211-रहमानिया 212-रुहानिया 213-अन्नजिया 214-हबिबिया 215-अजिया 216-हबिरिया 217-सक्तिया 218-जनिदिया 219-जबिया 220-आरहिमिया 221-क्लद्रिया 222-फिरडोमिया 223-मदारिया 224-रजजिया 225-सफाइय्या 226-खाकिया 227-वादिया 228-तशनिया 229-आविया 230-तैकुरिया 231-दवाया 232-शैतारिया 233-तबकानिया 234-सय्यद जमालुद्दीन 235-मतबरिया 236-आर्गुनिया 237-आल्याया 238-गजिरुनिया 239-जाहडिया 240-तोबिया 241-कजिया 242-तशिरिया 243-हलालिया 244-नूरिया 245-एदुसिया 246-यस्विया 247-रफइय्या 248-मोइन्या 249-शकरगजिया 250-महबुने इलहिया 251-महमुदिया 252-फखरुदिनिया 253-नुरे मुहामादिया 254-वुनसुया 255-अल्लाहबक्षिया 256-हाफजिया 257-खिजरुया 258-कर्मनिया 259-करिमियऑ 260-जलिलिया 261-जमालिया 262-कुडिसिया263-साबरिया 264-मखदुमिया 265-हज़रूमिया266-निजामिया 267-अबूलअलैया 268-हसमिया चितस्या 269-निजमहिरिया270-बखारिया 271-हमजआशाही272-फखरिया 273-नायजिया274-जायइया 275-फक्रिया फरीदइया276-शमशिया सुलमानिया 277-फखरिया सुलमानिया 278-सुदुशाही 279-रजाकिया 280-वहाविया 281-नोशाही282-शय्येदशाही 283-हुस्सैनशाही284-कबिसिया 285-मुहम्मदशाही286-बहलोलशाही 287-हासशाही 288-सुदुशाही 289-मुकियशाही 290-महुवदशाही 291-कासिमशाही 292-नंतुल्लाहशाही 293-मिरशाही294-सुफियाहमीडिया 295-कंमसिय्या 296-दोलशाही 297-रसुलशाही298-सुहागशाही 299-सफबीय्या 300-लालशाही 301-बाजिया302-बुखारिया 303-कर्मजहलि 304-हबिबशाही 305-मूर्तज़शाही306-अब्दुलकरिमि307-इस्मैलशाही 308-हलिमशाही 309-रुजाकशाही 310-मिजाकशाही 311-संगरिया 312-अय्याजिया313-नासिरियापंडित*सत्यदेव काशी की पुस्तक इस्लाम के 313 फिरके पृष्ट 8 से 10 से साभार उद्घृत।**एक मौलाना से बातचीत मौलाना साहब जन्नत में कौन जायेंगे ?**मौलाना- मुसलमान**जी कौन मुसलमान ? शिया या सुन्नी ?**मौलाना- बेशक सुन्नी जनाब**जी सुन्नी में कौन ? मुकल्लिद या गैर-मुकल्लिद ?**मौलाना- मुकल्लिद और कौन.**जी मुकल्लिद में तो चार हैं उनमें से ?**मौलाना- हनफी और कौन ?**जी, पर हनफी में तो देबबंदी और बरेलवी दोनों हैं फिर उनमें..**मौलाना- देबबंदी**बहुत शुक्रिया, पर देबबंदी में भी तो हयाती और ममाती दोनों हैं, उनमें से कौन ??**इसके बाद मौलाना गायब हो गए वो दोबारा दिखे ही नहीं।

बुधवार, 2 सितंबर 2020

जलती रही जोहर में नारियां भेड़िये फ़िर भी मौन थे। हमें पढाया गया अकबर'' महान,तो फिर महाराणा प्रताप कौन थे।😇😇सड़ती रही लाशें सड़को पर गांधी फिर भी मौन थे,हमें पढ़ाया गांधी के चरखे से आजादी आयी,तो फांसी चढ़ने वाले 25-25 साल के वो जवान कौन थे 😇😇वो रस्सी आज भी संग्रहालय में हैजिस्से गांधीजी बकरी बांधा करते थेकिन्तु वो रस्सी कहां हैजिस पे भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु हसते हुए झूले थे😇😇" हालात.ए.मुल्क देख के रोया न गया...कोशिश तो की पर मूंह ढक के सोया न गया". जाने कितने झूले थे फाँसी पर,कितनो ने गोली खाई थी....क्यो झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी....😥😥😥😥😥😥मंगल पांडे को फाँसी❓तात्या टोपे को फाँसी❓रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेज सेना ने घेर कर मारा❓भगत सिंह को फाँसी❓सुखदेव को फाँसी❓राजगुरु को फाँसी❓चंद्रशेखर आजाद का एनकाउंटर अंग्रेज पुलिस द्वारा❓सुभाषचन्द्र बोस को गायब करा दिया गया❓भगवती चरण वोहरा बम विस्फोट में मृत्यु❓रामप्रसाद बिस्मिल को फाँसी❓अशफाकउल्लाह खान को फाँसी❓रोशन सिंह को फाँसी❓लाला लाजपत राय की लाठीचार्ज में मृत्यु❓वीर सावरकर को कालापानी की सजा❓चाफेकर बंधू (३ भाई) को फाँसी❓मास्टर सूर्यसेन को फाँसी❓ये तो कुछ ही नाम है जिन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम और इस देश की आजादी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया❓कई वीर ऐसे है हम और आप जिनका नाम तक नहीं जानते ❓एक बात समझ में आज तक नही आई कि भगवान ने गांधी और नेहरु को ऐसे कौन से कवच-कुण्डंल दिये थे❓जिसकी वजह से अग्रेंजो ने इन दोनो को फाँसी तो दूर, कभी एक लाठी तक नही मारी...❓उपर से यह दोनों भारत के बापू और चाचा बन गए और इनकी पीढ़ियाँ आज भी पूरे देश के उपर अपना पेंटेंट समझती है❓ *गहराई से सोचिए❓❓* 🙏🏻एक सच्चा 🇮🇳भारतीय🙏🏻

*जंगल के स्कूल का रिजल्ट 😗हुआ यूँ कि जंगल के राजा शेर ने ऐलान कर दिया कि अब आज के बाद कोई अनपढ़ न रहेगा। हर पशु को अपना बच्चा स्कूल भेजना होगा। राजा साहब का स्कूल पढ़ा-लिखाकर सबको Certificate बँटेगा।सब बच्चे चले स्कूल। हाथी का बच्चा भी आया, शेर का भी, बंदर भी आया और मछली भी, खरगोश भी आया तो कछुआ भी, ऊँट भी और जिराफ भी।FIRST UNIT TEST/EXAM हुआ तो हाथी का बच्चा फेल। अब हाथी की पेशी हुई स्कूल में, मास्टरनी बोली,"आपने पैदा करके मुसीबत छोड़ दिये हो मेरे लिये ? औलाद पर ध्यान दीजिए, फेल हो गए हैं। जनाब, इनके कारण मेरा रिजल्ट खराब होगा। तुम्हारे नालायक बेटे के कारण मेरा रिजल्ट खराब हो, ये मुझे मंजूर नहीं।" "किस Subject में फेल हो गया जी?" "पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गया, हाथी का बच्चा।" "अब का करें?" "ट्यूशन रखाओ, कोचिंग में भेजो।" अब हाथी की जिन्दगी का एक ही मक़सद था कि हमारे बच्चे को पेड़ पर चढ़ने में Top कराना है।किसी तरह साल बीता। Final Result आया तो हाथी, ऊँट, जिराफ सब फेल हो गए। बंदर की औलाद first आयी। Principal ने Stage पर बुलाकर मैडल दिया। बंदर ने उछल-उछल के कलाबाजियाँ दिखाकर। गुलाटियाँ मार कर खुशी का इजहार किया। उधर अपमानित महसूस कर रहे हाथी, ऊँट और जिराफ ने अपने-अपने बच्चे कूट दिये। नालायकों, इतने महँगे स्कूल में पढ़ाते हैं तुमको, ट्यूशन-कोचिंग सब लगवाए हैं। फिर भी आज तक तुम पेड़ पर चढ़ना नहीं सीखे। सीखो, बंदर के बच्चे से सीखो कुछ, पढ़ाई पर ध्यान दो।फेल हालांकि मछली भी हुई थी। बेशक़ Swimming में First आयी थी पर बाकी subject में तो फेल ही थी। मास्टरनी बोली,"आपकी बेटी के साथ attendance की problem है।" मछली ने बेटी को ऑंखें दिखाई। बेटी ने समझाने की कोशिश की कि,"माँ, मेरा दम घुटता है इस स्कूल में। मुझे साँस ही नहीं आती। मुझे नहीं पढ़ना इस स्कूल में। हमारा स्कूल तो तालाब में होना चाहिये न?" नहीं, ये राजा का स्कूल है। तालाब वाले स्कूल में भेजकर मुझे अपनी बेइज्जती नहीं करानी। समाज में कुछ इज्जत Reputation है मेरी। तुमको इसी स्कूल में पढ़ना है। पढ़ाई पर ध्यान दो।"हाथी, ऊँट और जिराफ अपने-अपने Failure बच्चों को पीटते हुए ले जा रहे थे। रास्ते में बूढ़े बरगद ने पूछा,"क्यों पीट रहे हो, बच्चों को?" जिराफ बोला,"पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गए?"बूढ़ा बरगद सबसे पते की बात बोला,"पर इन्हें पेड़ पर चढ़ाना ही क्यों है ?" उसने हाथी से कहा,"अपनी सूंड उठाओ और सबसे ऊँचा फल तोड़ लो। जिराफ तुम अपनी लंबी गर्दन उठाओ और सबसे ऊँचे पत्ते तोड़-तोड़ कर खाओ।" ऊँट भी गर्दन लंबी करके फल पत्ते खाने लगा। हाथी के बच्चे को क्यों चढ़ाना चाहते हो पेड़ पर।मछली को तालाब में ही सीखने दो न?*दुर्भाग्य से आज स्कूली शिक्षा का पूरा Curriculum और Syllabus सिर्फ बंदर के बच्चे के लिये ही Designed है। इस स्कूल में 35 बच्चों की क्लास में सिर्फ बंदर ही First आएगा। बाकी सबको फेल होना ही है। हर बच्चे के लिए अलग Syllabus, अलग subject और अलग स्कूल चाहिये।*हाथी के बच्चे को पेड़ पर चढ़ाकर अपमानित मत करो। जबर्दस्ती उसके ऊपर फेलियर का ठप्पा मत लगाओ। ठीक है, बंदर का उत्साहवर्धन करो पर शेष 34 बच्चों को नालायक, कामचोर, लापरवाह, Duffer, Failure घोषित मत करो। *मछली बेशक़ पेड़ पर न चढ़ पाये पर एक दिन वो पूरा समंदर नाप देगी।**शिक्षा - अपने बच्चों की क्षमताओं व प्रतिभा की कद्र करें चाहे वह पढ़ाई, खेल, नाच, गाने, कला, अभिनय, किसी भी क्षेत्र में हो और उन्हें उसी दिशा में अच्छा करने दे जरूरी नहीं की सभी बच्चे पढ़ने में ही अव्वल हो बस जरूरत हैं उनमें अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्यों की जिससे बच्चे गलत रास्ते नहीं चुने l* 🙏🙏🙏🙏

अच्छा सोचना, अच्छा करना, अच्छा खाना ,अच्छा पीना, अच्छा व्यवहार, अच्छी पढ़ाई, अच्छी दोस्ती, अच्छी उचित कमाई, उचित खर्चा, उचित बचत, उचित भ्रमण, सबसे अच्छा अपना घर, अच्छा संगीत, अच्छा नृत्य, अच्छी अदाकारी, अच्छा हसी मजाक, अच्छा गीत, अच्छी नींद, अच्छी सेहत, सबसे प्रेम, शुद्ध हवा, अच्छी और उचित शारीरिक और मानसिक मेहनत, नशाबंदी, अच्छी उचित शिक्षा, अश्लीलता निषेध, बहुत सारी प्राकृतिक क्रिया करते हुए स्वयं को और प्रकृति को मजबूत करना, स्वयं को व्यक्तिगत रूप से बहुत मजबूत करना अपने और सब के भले के लिए, धन को सेकेंडरी महत्व

*महाभारत का "नव सार सूत्र" सबके जीवन में उपयोगी सिद्ध होगा --* -----------------------------1) "संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे" = *कौरव*2) "आप भले ही कितने बलवान हो, लेकिन अधर्म के साथ हो, तो आपकी विद्या, अस्त्र, शस्त्र, शक्ति और वरदान, सब निष्फल हो जायेगा।" = *कर्ण*3) "संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो, कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर, सर्वनाश को आमंत्रित करे" = *अश्वत्थामा* 4) "कभी किसी को ऐसा वचन मत दो,कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े।" = *भीष्म* पितामह 5) "संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ, अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है" = *दुर्योधन* 6) "अंध व्यक्ति - अर्थात मुद्रा,मदिरा,अज्ञान,मोह और काम (मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी, विनाश की ओर ले जाती है।" = *धृतराष्ट्र* 7) "व्यक्ति के पास विद्या विवेक से बँधी हो, तो विजय अवश्य मिलती है।" = *अर्जुन* 8) "हर कार्य में छल, कपट व प्रपंच रच कर, आप हमेशा सफल नहीं हो सकते।" = *शकुनि* 9) "यदि आप नीति, धर्म व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती।" = *युधिष्ठिर* *रीति,नीति,विद्या,विनय,* *ये द्वार सुमति के चार।**इनको पाता है वही,* *जिसका हृदय उदार ।।**यदि इन 09 सूत्रों से सबक ले पाना सम्भव नहीं होता है, तो फिर महाभारत संभव हो जाता है...!!**जय श्री कृष्णा*🦚

*निजी विद्यालयों के संचालक इसे पढ़े व विचार करें🙏🙏**बात इसी के महीने की है*🌹🙏*एक स्कूल की मैडम जो कि साड़ी की बड़ी शौकीन थीं* *साड़ी की दुकान पर गई* *दुकान से मैडम हर महीने सैलरी मिलने पर एक साड़ी लेती थी* *दुकानदार ने आदर सत्कार किया और पूछा भी कि आप 4 महीने से आई नही खेर.....**मैडम ने 1000 रुपये की साड़ी पसंद की**दुकानदार ने 5000 रुपये का बिल बना दिया**बिल देख कर मैडम को कुछ समझ नही आया**बोली 1000रु की साड़ी के 5000 रुपये का बिल कैसे**दुकानदार बोला बाकी पिछले 4 महीने की साड़ी के है**मैडम बोली लेकिन वो तो मैंने ली ही नही तो पैसे किसके दूं*❓*दुकानदार ने पास ही खड़े 4 staaf की ओर इशारा किया औऱ बोला**मैडम इनकी सैलरी देनी है 4 महीने की**वो कहा से दूं*❓*मैडम को गुस्सा आया बोली इनकी सैलरी मेरे जिम्मेदारी है क्या❓ आप दुकान चलाते हैं यहाँ की खर्चे की जवाबदेही आप की है*❗*आपने आज तक इनकी सैलरी जितने पैसे भी नही कमाए क्या*❓*औऱ नही कमाए तो दुकान बंद कर दो**या स्टाफ नया रख लो*❗*आप अपने खर्चों के लिये किसी दूसरे से जबरदस्ती पैसे कैसे ले सकते हो*❓*आप तो सरासर भीख मांग रहे हो वो भी दादागिरी से आप को शर्म आनी चाहिए**दुकानदार मन ही मन मुस्कुराया**ओर बोला**मैडम जब हम फीस माफी के लिये स्कूल आये थे तब आप वही थी और आपने अपनी सैलरी को ले कर ही फीस माँगी थी, क्या वो सही था*❓*अब मैडम का चेहरा देखने लायक था*❗

*एक डॉक्टर साहब की सलाह हैनजरूर पढ़ें* *सोचने योग्य विषय*🙏. 1. 10 रू किलो टमाटर लेकर ताजा चटनी खा सकते हैं मगर हम डेढ़ 150 रू किलो टमाटोसाॅस खाते हैं वो भी 2-3 माह पहले बनी हुई बासी।2. पहले हम एक दिन पुराना. घड़े का पानी नहीं पीते थे! अब 2-3 माह पुराना बोतल का पानी 20 रू लीटर खरीद कर पी रहे हैं।3. 50 रू लीटर का दूध हमे महंगा लगता हैं और 70 रू लीटर का 3-6 महीने पहले बना हुआ कोल्ड ड्रिंक हम पी लेते हैं।4. 200 रू पाव मिलने वाला शरीर को ताकत देने वाला ड्राई फ्रुट हमे महंगा लगता है! मगर 400 रू का मैदे से बना पीज्जा शान से खा रहे हैं।5. अपनी रसोई का सुबह का खाना हम शाम को खाना पसंद नहीं करते जब कि कंपनियों के 2-6 माह पुराने सामान हम खा रहे हैं जबकि हम जानते है कि खाने को सुरक्षित रखने के लिए उसमें प्रिजर्वेटिव मिलाया जाता है।6. 5 माह के लाकडाऊन मे सबको समझ आ गया होगा कि बाहर के खाने के बिना भी हमारा जीवन चल सकता हैं बल्कि बेहतर चल सकता!*अतः घर का रोज बनने वाला खाना, बाहर के रेडीमेड खाने से कहीं अधिक उत्तम, गुणकारी होने के अलावा हमें नुकसान दायक नहीं होता*

सरकार ने फरमान जारी किया है कि 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को कार्य कुशलता की समीक्षा के आधार पर जबरन रिटायर किया जाएगा इसलिए आओ सब भारत वासी आज और अभी प्रण करें, कि पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक ऐसे किसी नेता को वोट देकर नहीं चुनेंगे, जो 50 वर्ष से अधिक उम्र के हों, ताकि देश की कार्य कुशलता प्रभावित न हो, और मेरा भारत और महान बन सके और नीचे लिखे अनुसार यह कानून भी अनिवार्य रूप से सभी पर लागू हो ? 1 नेताओं को भी पचास साल की उम्र में ... रिटायर कर दिया जाये ? 2 क्यों नहीं , नेताओं को भी पुरानी पेंशन से वंचित किया जाये, और ... NPS लागू की जाए ? 3 क्यों नहीं , नेताओं को विधानसभा सदस्य बनने के लिए स्नातक व लोकसभा सदस्य के लिए परास्नातक होना अनिवार्य किया जाये ? 4 क्यों नहीं कानून मंत्री बनने के लिए LAW की डिग्री अनिवार्य हो. 5„ स्वास्थ्य मंत्री बनने के लिये MBBS की डिग्री अनिवार्य हो. 6 समाज कल्याण के लिए समाजशास्त्र की डिग्री अनिवार्य हो. 7 मानव संसाधन के लिए M.Ed. की डिग्री अनिवार्य हो. 8 वित्त मंत्री को अर्थशास्त्री होना अनिवार्य हो. इसी प्रकार सभी मंत्रियों की योग्यता का मानक निर्धारित किया जाए. 9 क्यों नहीं फ्री का डीजल, पेट्रोल, फोन की सुविधा, हवाई सुविधा, रेल सुविधा सहित तमाम सुविधाओं में जिसमें प्रतिवर्ष अरबों रूपये खर्च होता है, उसमें कटौती की जाए. 10 क्यों नहीं सभी नेताओं के खाते सार्वजनिक किए जाएं. 11 क्यों नहीं नेताओं की पुरानी पेंशन, मोटी तनख्वाह, सब्सिडी द्वारा भोजन बंद किया जाए, जिस पर सरकार प्रतिवर्ष अरबों रूपये पानी की तरह खर्च करती है. 12 क्यों नहीं नेताओं के पद से हटने के बाद फ्री मेडिकल सुविधा बंद किया जाए, जिस पर देश का करोड़ों रूपये नुकसान होता है. 13 क्या 50 साल का कर्मचारी बूढ़ा और 50 साल का नेता जवान होता है ? यह कौन सा मानक है ? नेताओं के पास क्या राहु व केतु वाला अमृत कलश है ? जिससे वे पचास की उम्र में युवा नेता हो जाते हैं ? ★ जब स्वयं की तनख्वाह लाखों में करते हैं, तो सभी पार्टियों के कोई भी नेता विरोध नहीं करता. सभी मिलकर मेज थपथपा देते हैं.क्या देश पर आप की तनख्वाह की बेतहाशा वृद्धि से अरबों रूपये का भार नहीं पड़ता ? गजब की सोच है ... आप नेताओं की.★ जब कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षकों को पचास वर्ष में हटाने पर विचार किया जा सकता है, तो उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार क्यों नहीं किया जा सकता है ?❓

प्यार दे कर जो हमें विदा हुए संसार से, आओ उनका स्वागत करें आज से । वो हुए पुरखो में शामिल जो कभी थे साथ में, आज से नमन करेंगे हम मन के द्वार से।🙏🙏 सभी पितरों को सादर नमन 🙏🙏