बुधवार, 2 सितंबर 2020

जलती रही जोहर में नारियां भेड़िये फ़िर भी मौन थे। हमें पढाया गया अकबर'' महान,तो फिर महाराणा प्रताप कौन थे।😇😇सड़ती रही लाशें सड़को पर गांधी फिर भी मौन थे,हमें पढ़ाया गांधी के चरखे से आजादी आयी,तो फांसी चढ़ने वाले 25-25 साल के वो जवान कौन थे 😇😇वो रस्सी आज भी संग्रहालय में हैजिस्से गांधीजी बकरी बांधा करते थेकिन्तु वो रस्सी कहां हैजिस पे भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु हसते हुए झूले थे😇😇" हालात.ए.मुल्क देख के रोया न गया...कोशिश तो की पर मूंह ढक के सोया न गया". जाने कितने झूले थे फाँसी पर,कितनो ने गोली खाई थी....क्यो झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी....😥😥😥😥😥😥मंगल पांडे को फाँसी❓तात्या टोपे को फाँसी❓रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेज सेना ने घेर कर मारा❓भगत सिंह को फाँसी❓सुखदेव को फाँसी❓राजगुरु को फाँसी❓चंद्रशेखर आजाद का एनकाउंटर अंग्रेज पुलिस द्वारा❓सुभाषचन्द्र बोस को गायब करा दिया गया❓भगवती चरण वोहरा बम विस्फोट में मृत्यु❓रामप्रसाद बिस्मिल को फाँसी❓अशफाकउल्लाह खान को फाँसी❓रोशन सिंह को फाँसी❓लाला लाजपत राय की लाठीचार्ज में मृत्यु❓वीर सावरकर को कालापानी की सजा❓चाफेकर बंधू (३ भाई) को फाँसी❓मास्टर सूर्यसेन को फाँसी❓ये तो कुछ ही नाम है जिन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम और इस देश की आजादी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया❓कई वीर ऐसे है हम और आप जिनका नाम तक नहीं जानते ❓एक बात समझ में आज तक नही आई कि भगवान ने गांधी और नेहरु को ऐसे कौन से कवच-कुण्डंल दिये थे❓जिसकी वजह से अग्रेंजो ने इन दोनो को फाँसी तो दूर, कभी एक लाठी तक नही मारी...❓उपर से यह दोनों भारत के बापू और चाचा बन गए और इनकी पीढ़ियाँ आज भी पूरे देश के उपर अपना पेंटेंट समझती है❓ *गहराई से सोचिए❓❓* 🙏🏻एक सच्चा 🇮🇳भारतीय🙏🏻

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