सोमवार, 7 सितंबर 2020

My dear Public,. ● कोरोना केस, टेस्ट ज़्यादा होने से नहीं बढ़ रहे।केस इसलिये बढ़ रहे हैं कि 6 महीने बाद भी आपको ये समझ नहीं आया कि मास्क नाक के ऊपर रखना है और दूसरों से दूरी बना कर रखनी है।● आप चकित हैं कि आपके दादाजी को कोरोना कैसे हो गया, जब कि वो तो 6 महीने से घर से बाहर ही नहीं निकले! तो आपको लाउड स्पीकर से सूचित हो कि उन्हें कोरोना आपके घर के उस मेंबर की वज़ह से हुआ जो बाहर निकला और जिसने बचाव के सिंपल नियमों का पालन नहीं किया, और फ़िर अपने साथ कोरोना को घर ले कर आया। वो तो बच गया, लेकिन उसने घर के बुज़ुर्ग का बैंड बजा दिया।● आप गुस्से में हैं कि प्राइवेट हॉस्पिटल ने आपको लूट लिया। आपके टेस्ट की ग़लत रिपोर्ट दे दी। तो मेरी विनती है कि सबसे पहले गुस्सा ख़ुद पर करें कि आप प्राइवेट हॉस्पिटल गए किसलिये? आपकी तबियत ख़राब हुई क्यों? आपको कोरोना हुआ कैसे? क्या आपने मास्क ढंग से नहीं पहना? क्या आप दूसरों से चिपके? क्या आपने हाथ ठीक से साफ़ नहीं किये? अग़र आपने कोई कोताही नहीं बरती, तो आपको कोरोना हो ही नहीं सकता, ये बात बिना भावुक हुए मान लीजिये।● प्राइवेट हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या इस कोरोना काल में आधे से भी कम हो गई है। प्राइवेट अस्पतालों को सरकार कोई सब्सिडी नहीं देती, उल्टा कमर्शियल रेट चार्ज करती है। जिन हॉस्पिटल पर आप लूट के आरोप लगा रहे हैं वो अपने कर्मचारियों की सैलेरी काट रहे हैं। मरीज़ कम होने और ख़र्चे बढ़ने पर पैसा कहां से आएगा श्रीमान...??? हॉस्पिटल का सिक्योरिटी गार्ड, अकाउंटेंट, हाउस कीपिंग स्टाफ आपका इलाज़ नहीं करता। आप जितने कम दामों में अच्छे से अच्छा इलाज़ चाहते हैं, उन दामों में इन सबकी सैलेरी कैसे निकलेगी जजमान??● आपने तो कोरोना से बचने में घनघोर लापरवाही की, लेकिन आप ये चाहते हैं कि आपका इलाज़ करने वाला डॉक्टर, नर्स बिना ख़ुद की जान की परवाह किये, आपके बिल्कुल नज़दीक आ कर आपको पूरा चैक करे, दिन में चार बार आपको देखने आए, आपकी पल पल की मॉनिटरिंग करे, और फ़िर पैसे भी कम ले!! बड़े सयाने हैं आप !!!● इस झगड़े को ख़त्म करने का एक ही उपाय है कि आप डॉक्टरों और अस्पतालों पर तान तोड़ना छोड़ें, कोरोना से बचने के सरल नियमों का समझ और ईमानदारी से पालन करें। ना होगा कोरोना, और ना लूटेंगे डॉक्टर। विश्वास कीजिये, आपको कोरोना नहीं होगा, तो डॉक्टरों को आपसे भी ज़्यादा ख़ुशी होगी, कि आपकी तो बची ही, साथ में उनकी भी जान बची...! और अग़र ऐसा नहीं करना है, तो लादें कोरोना को अपने सिर, फ़िर प्राइवेट अस्पताल की ओर मुंह करके, बिना वहां पधारे, दूर से ही उसे गाली दे लें, और फ़िर किसी सरकारी अस्पताल की तरफ़ अपनी गाड़ी मोड़ लें...ईश्वर आपको नियमों को समझने लायक बुद्धि दे और आपको सदा स्वस्थ रखे...

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