रविवार, 13 नवंबर 2016

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Indian cr ki kurbani bekar nahi jayegi
`"सौ के नोट ने ,
हज़ार -पांच सौ के नोट से जिज्ञासा जताई ,
अब कैसा लग रहा है बड़े भाई ,

यह सुनकर हज़ार का नोट मुस्कराया ,
बोला -पूंजीपतियों ,हवाला और ,
आतंकवादियों ने बहुत रुलाया ,

न चाहते हुए भी हम ,
आतंकवाद में चल रहे थे ,
देश के सुनहरे पृष्ठ ,
हमारी आंच में जल रहे थे ,



Indian cr ki kurbani bekar nahi jayegi

अब हम देश की माटी का ,
क़र्ज़ चुका रहे हैं ,
किसी सैनिक की तरह ,
शहीद होकर जा रहे हैं ,

पर हमें अपनी शहादत पर गर्व है !
क्योंकि मेरी शहादत ,
सुनहरे भविष्य का "महापर्व" है !!"```

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