शुक्रवार, 5 मई 2017

*सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है ।*

1    मुनि स्नान ।
जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है ।🙏

2   देव स्नान ।
जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता है ।

🙏3   मानव स्नान  ।
जो सुबह 6 से 8 क बिच किया जाता है ।

🙏 4  राक्षसी स्नान  ।
जो सुबह 8 के बाद किया जाता है  ।

🙏🌹मुनि स्नान सर्वोत्तम है ।
🙏🌹देव स्नान उत्तम है ।
🙏🌹मानव स्नान समान्य है ।
🙏🌹राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है ।

🙏किसी भी मानवी को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए।(यानि की 8 बजे के पहले स्नान कर लेना चाहिए)🌹

🙏मुनि स्नान .......
👉घर में सुख , शांति , समृद्धि, विध्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है ।

🙏 देव स्नान ......

👉 आप के जीवन में यश , किर्ती , धन वैभव, सुख , शान्ति, संतोष , प्रदान करता है ।

🙏 मानव स्नान..... 

👉काम में सफलता , भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगल मय , प्रदान करता है ।

🙏 राक्षसी स्नान.....

👉 दरिद्रता , हानि , कलेश , धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है ।

किसी भी मनुष्य  को  8  के बाद स्नान नही करना  चाहिए। (यानि की 8 बजे के पहले स्नान कर लेना चाहिए)

पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान  करते थे ।
खास कर जो घर की स्त्री होती थी ।

🙏चाहे वो स्त्री  👉माँ के रूप में हो, पत्नी के रूप में हो, बेहन के रूप में हो ।

🙏घर के बडे बुजुर्ग यही समझाते सूरज के निकलने से पहले ही स्नान हो जाना चाहिए ।

🙏ऐसा करने से धन , वैभव लक्ष्मी , आप के घर में सदैव वास करती है ।

🙏उस समय......  एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा पारिवार  पल जाता था , और आज मात्र पारिवार में चार सदस्य भी कमाते है तो भी पूरा नही होता ।

🙏 उस की वजह हम खुद ही है । पुराने नियमो को तोड़ कर अपनी सुख सुविधा के लिए नए नियम बनाए है ।

🙏प्रकृति ......का नियम है, जो भी उस के नियमो का पालन नही करता , उस का दुष्टपरिणाम सब को मिलता है ।

🙏अपने जीवन में कुछ नियमो को अपनाये ओर उन का पालन भी करे ।

🙏👉आप का भला हो , आपके  अपनों का भला हो ।

🙏 मनुष्य अवतार बार बार नही मिलता ।
अपने जीवन को सुखमय बनाये  ।
जीवन जीने के कुछ जरूरी नियम बनाये ।

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