मंगलवार, 18 अक्तूबर 2016

प्रत्येक लाइन गहराई से पढ़े-

✅ गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के लिए......।
✅ अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के लिए......।
✅ किसी के पास खाने के लिए..... एक वक्त की रोटी नहीं है.....
✅ किसी के पास खाने के लिए..... वक्त नहीं है.....।
✅ कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....।
✅ कोई बीमार है.... इसलिए लाचार है....।
✅ कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...।
✅ कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देते है....।
✅ ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त मिले तो सोचना....
✅ कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे.... आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है।
✅ पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे... आज दोस्तों की यादों में रहते है...।
✅ पहले लड़ना मनाना रोज का काम था.... आज एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है।
✅ सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया, जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।
जिंदगी बहुत कम है, प्यार से जियो
🌹रोज सिर्फ इतना करो -🌹

🔺गम को "Delete"

🔺खुशी को "Save"

🔺रिश्तोँ को "Recharge"

🔺दोस्ती को "Download"

🔺दुश्मनी को "Erase"

🔺सच को "Broadcast"

🔺झूठ को "Switch Off"

🔺टेँशन को "Not Reachable"

🔺प्यार को "Incoming"

🔺नफरत को "Outgoing"

🔺हँसी को "Inbox"

🔺आंसुओँ को "Outbox"

🔺गुस्से को "Hold"

🔺मुस्कान को "Send"

🔺हेल्प को "OK"

🔺दिल को करो "Vibrate"


फिर देखो जिँदगी का
🔺"RINGTONE" कितना प्यारा बजता है!
Plz Share to Everyone.
दो अक्षर की "मौत"
और
तीन अक्षर के "जीवन" में ढाई अक्षर
का "दोस्त"
हमेंशा बाज़ी मार जाता हैं..
क्या खुब लिखा है किसी ने ...

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... !
जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !!

वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... !
जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

न मेरा 'एक' होगा, न तेरा 'लाख' होगा, ... !
न 'तारिफ' तेरी होगी, न 'मजाक' मेरा होगा ... !!

गुरुर न कर "शाह-ए-शरीर" का, ... !
मेरा भी 'खाक' होगा, तेरा भी 'खाक' होगा ... !!

जिन्दगी भर 'ब्रांडेड-ब्रांडेड' करने
वालों ... !
याद रखना 'कफ़न' का कोई ब्रांड नहीं होता ... !!

कोई रो कर 'दिल बहलाता' है ... !
और कोई हँस कर 'दर्द' छुपाता है ... !!

क्या करामात है 'कुदरत' की, ... !
'ज़िंदा इंसान' पानी में डूब जाता है और 'मुर्दा' तैर के
दिखाता है ... !!

'मौत' को देखा तो नहीं, पर शायद 'वो' बहुत
"खूबसूरत" होगी, ... !
"कम्बख़त" जो भी 'उस' से मिलता है,
"जीना छोड़ देता है" ... !!

'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की ज़माने
में" ... !
'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने
में" ... !!

'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री"
होगी, ... !
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।

मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" ... !!
🏢स्कूल की दोस्ती👯

  🌺10th क्लास तक 🌺

🏯यूनीवरसीटी की दोस्ती👯

    🌹फायनल इअर तक 🌹

  🏫ऑफिस की दोस्ती👯

 🌸 रिटायरमेंट तक 🌸

💑 लव्हर की दोस्ती 👯
      💐 शादी तक 💐

       

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