बुधवार, 19 अक्तूबर 2016

करवाचौथ पर जोक्स भेज कर जो सभी गलती कर रहे वो ही आप भी कर रहे हैं ।
अचानक मन में कुछ सवाल भी खड़े हुए सोचा आपके समक्ष रख कर कुछ प्राश्चित करूँ ।
सभी लोग करवाचौथ पर जोक्स भेज रहे हैं कोई पतियों को उल्लू पूजा जायेगा , या फिर पत्नियों पर जोक्स की भूखी शेरनी , या फिर अलग अलग तरीके के मेसेज ।
सभी मेसेज का एक ही मतलब कि यह कोई त्योहार न होकर कोई ड्रामा हो रहा है। पतियों की पूजा दिखावे के लिए हो रही है।

एक बात समझ नही आई किसी ने भी महिलाओं के इस कठिन तप रुपी व्रत की सराहना की? उनकी हौसला बढाने की कोशिश की ?
उनका व्रत सफ़ल हो और उनको ईश्वर इतनी शक्ति दे कि उनकी मनोकामना पूर्ण हो क्या किसी ने यह प्रार्थना की?

एक बात और कभी सोचा इस तरह के टपोरी टाइप मेसेज वैलेंटाइन डे के ऊपर क्यूँ नही बनते की आज कोई मुर्गा फंसेगा ,
क्यूँ सिर्फ हिन्दू त्योहारों का मज़ाक बनता है।
कब समझेंगे हम ? कब सुधरेंगे हम?
यह कोई साधारण व्रत नही है एक तप है जो सिर्फ एक भारतीय महिला ही कर सकती है। पूरे दिन निर्जला रहना कोई आसान काम नही है।
अतः सभी जोक्स भेजने वालो से निवेदन है की अपने धर्म और त्यौहार की मज़ाक बनाने से पहले उसकी महत्ता को जान लें और साथ ही उसको मनाने वाले के लिए अपने दिल में पूरा आदर और सम्मान भी रखें ।
सभी महिलाओं को करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।
ईश्वर से प्रार्थना है की उनका यह तप रुपी व्रत सफ़ल हो और उनकी हर मनोकामना पूर्ण हो। सबसे ज्यादा अफसोस और दूख तो इस बात का है कि खुद महिलाऐं ही स्वयं ही हास्य का पात्र बनाती है ऐसी पोस्टो का खंडन तक नही करती बल्कि आगे फोरवर्ड करती है निवेदन है कि ऐसा करने से पहले एक बार अवश्य सोचे जरूर की आप अपनी संस्कृति को कंहा ले कर जा रहीं हैं ......

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