शनिवार, 15 अक्तूबर 2016

नाज हमें है उन वीरों पर,
                जो मान बड़ा कर आये हैं।
दुश्मन को घुसकर के मारा,
                शान बड़ा कर आये हैं...।I

मोदी जी अब मान गये हम,
                छप्पन इंची सीना है।
कुचल, मसल दो उन सबको अब,
                चैन जिन्होंने छीना है....।I

और आस अब बड़ी वतन की,
                अरमान .बड़ा कर आये हैं।
नाज हमें है उन वीरों पर,
                जो शान बड़ा कर आये हैं...।I

एक मरा तो सौ मारेंगे,
                अब रीत यही बन जाने दो।
लहू का बदला सिर्फ लहू है,
                अब गीत यही बन जाने दो...।I

गिन ले लाशें दुश्मन जाकर,
                 शमसान बड़ा कर आये हैं।
नाज हमें है उन वीरों पर,
                 जो मान बड़ा कर आये हैं....।I

अब बारी उन गद्दारों की,
                 जो घर के होकर डसते हैं।
भारत की मिट्टी का खाते,
                 मगर उसी पर हँसते हैं....।I

उनको भी चुन चुन मारेंगे,
                 ऐलान बड़ा कर आये हैं।
नाज हमें है उन वीरों पर,
                 जो मान बड़ा कर आये हैं....।I

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