Lekh Rachnaye
बुधवार, 19 अक्टूबर 2016
*किसी के "विचारों" से "सहमत" होना एक बात है और किसी के "विचारों" को "सुनना" दूसरी बात। हम भले ही दूसरों के विचारों से सहमत न हों कोई बात नहीं, लेकिन एक बार दूसरों
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