मंगलवार, 31 जनवरी 2017

Happy Day

�� ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~
��
⛅ *आज का दिनाँक - 01 फरवरी  2017*
⛅ *दिन - बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*    
⛅ *तिथि - पंचमी*
  ⛅ *नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद*
⛅ *योग - सिद्ध*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:34 से दोपहर 01:55 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:17*
⛅ *सूर्यास्त - 18:27*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - वसंत पंचमी -श्री पंचमी, सरस्वती पूजा, आचार्य सुंदर साहेब जयंती  (स.सम्प्र)*

�� *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।

�� *वसंत पंचमी* ��

���� *वसंत पंचमी माँ सरस्वती का प्रागट्य दिवस है । सारस्वत्य मंत्र लिए हुए जो भी साधक हैं , सरस्वती माँ का पूजन करें और सफेद गाय का दूध मिले अथवा गाय के दूध की खीर बनाकर सरस्वती माँ को भोग लगायें

। सफेद पुष्पों से पूजन करें और जिन विद्यार्थियों ने  सारस्वत्य मंत्र लिया है वे तो खास जीभ तालू पर लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप इस दिन करें तो वे प्रतिभासम्पन्न आसानी से हो जायेंगे ।*

���� *वसंत पंचमी सरस्वती माँ का आविर्भाव  का दिवस है । जो भी पढ़ते हों और शास्त्र आदि या जो भी ग्रन्थ, उनका आदर-सत्कार-पूजन करो । और भ्रूमध्य में सूर्यदेव का ध्यान करो । जिससे पढ़ाई-लिखाई में आगे बढ़ोगे ।*

�� *गुप्त नवरात्रि* ��

���� *हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (28 जनवरी, शनिवार) से हो  चुका   है, जिसका समापन 5 फरवरी, रविवार को होगा। इस नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजा करें-*

���� *पांचवें दिन करें स्कंदमाता की पूजा*
*माघ मास की गुप्त नवरात्रि की पंचमी तिथि (1 फरवरी, बुधवार) को स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान करने वाली हैं। देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं। इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में स्थित होना चाहिए जिससे कि ध्यान की वृत्ति एकाग्र हो सके। यह शक्ति परम शांति व सुख का अनुभव कराती हैं।*

         �� *गुप्त नवरात्रि* ��

���� *नवरात्र में हर दिन देवी के अलग रूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विभिन्न उपायों से माता को प्रसन्न किया जाता है। नवरात्र में देवी को हर दिन एक विशेष प्रकार का भोग लगाया जाता है।*

���� *नवरात्र में पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक देवी को ये विशेष भोग अर्पित करने तथा बाद में इसे गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।  गुप्त नवरात्र में किस तिथि पर देवी मां को किस चीज का भोग लगाएं,*

���� *पंचमी तिथि  (01 फरवरी, बुधवार) को माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं ।इससे परिवार में सुख-शांति रहती है ।*

Happy Basant Panchmi

सोमवार, 30 जनवरी 2017

Marna nishit hai

जीवन का कठोर सत्य
भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए।
द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए।
तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी।
चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।
उसी समय कैलाश पर यम देव पधारे और अंदर जाने से पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य की द्रष्टि से देखा।
गरुड़ समझ गए उस चिड़िया का अंत निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उसे अपने साथ यमलोक ले जाएँगे।
गरूड़ को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर
चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। उसे अपने
पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोश दूर एक
जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया, और खुद
बापिस कैलाश पर आ गया।
आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया
कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी
नजर से क्यों देखा था। यम देव बोले "गरुड़ जब मैंने
उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो
चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर
एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। मैं सोच रहा था
कि वो इतनी जलदी इतनी दूर कैसे जाएगी, पर अब
जब वो यहाँ नहीं है तो निश्चित ही वो मर चुकी
होगी।"
गरुड़ समझ गये "मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी
भी चतुराई की जाए।"
इस लिए कृष्ण कहते है :-
करता तू वह है, जो तू चाहता है
परन्तु होता वह है, जो में चाहता हूँ
कर तू वह , जो में चाहता हूँ
फिर होगा वो, जो तू चाहेगा ।
जीवन के 6 सत्य:-
1. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
क्योंकि..लँगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं..
2. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
क्योंकि...श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते....
3. आप कितने भी लम्बे क्यों न हों , मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते....
4. कोई फर्क नहीं पड़ता कि , आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है..
क्योंकि...अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है...
5 . कोई फर्क नहीं पड़ता कि " आप " नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
क्यूंकि ..." आप " पर हंसने के लिए दुनिया खड़ी है ?
6. कोई फर्क नहीं पड़ता कि ,आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
क्योंकि...घर के बाथरूम तक आपको चल के ही जाना पड़ेगा...
इसलिए संभल के चलिए ... ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसते काटिये , आनंद आएगा ।

Happy Day 31/01/2017

�� ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ ��

⛅ *आज का दिनाँक - 31 जनवरी 2017*
⛅ *दिन - मंगलवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*    
⛅ *तिथि - चतुर्थी*
  ⛅ *नक्षत्र - शतभिषा*
⛅ *योग - वरीयान्*
⛅ *राहुकाल - सुबह 08:34 से सुबह 09:54 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:17*
⛅ *सूर्यास्त - 18:27*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - अंगारकी-मंगलवारी चतुर्थी  (सूर्योदय से 01 जनवरी प्रातः 03:41 तक), तिलकुंद-वरद-विनायक चतुर्थी, गणेश जयंती*

�� *विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। ब्रह्मवैवर्त

�� *मंगलवारी चतुर्थी* ��

����  *अंगार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना …जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है…*
����  *> बिना नमक का भोजन करें*
����  *> मंगल देव का मानसिक आह्वान करो*
����  *> चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें*

����  *कितना भी कर्ज़दार हो ..काम धंधे से बेरोजगार हो ..रोज़ी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा |

�� *मंगलवारी चतुर्थी* ��

�� *भारतीय समय के अनुसार 31 जनवरी (सूर्योदय से 01 जनवरी प्रातः 03:41 तक) चतुर्थी है, इस महा योग पर अगर मंगल ग्रह देव के 21 नाम से सुमिरन करे और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करे,शुभ संकल्प करे तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं ..*

���� *मंगल देव के 21 नाम इस प्रकार है :-*
�� *1) ॐ मंगलाय नमः*
�� *2) ॐ भूमि पुत्राय नमः*
�� *3 ) ॐ ऋण हर्त्रे नमः*
�� *4) ॐ धन प्रदाय नमः*
�� *5 ) ॐ स्थिर आसनाय नमः*
�� *6) ॐ महा कायाय नमः*
�� *7) ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः*
�� *8) ॐ लोहिताय नमः*
�� *9) ॐ लोहिताक्षाय नमः*
�� *10) ॐ साम गानाम कृपा करे नमः*
�� *11) ॐ धरात्मजाय नमः*
�� *12) ॐ भुजाय नमः*
�� *13) ॐ भौमाय नमः*
�� *14) ॐ भुमिजाय नमः*
�� *15) ॐ भूमि नन्दनाय नमः*
�� *16) ॐ अंगारकाय नमः*
�� *17) ॐ यमाय नमः*
�� *18) ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः*
�� *19) ॐ वृष्टि कर्ते नमः*
�� *20) ॐ वृष्टि हराते नमः*
�� *21) ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः*
�� *ये 21 मंत्र से भगवान मंगल देव को नमन करें ..फिर धरती पर अर्घ्य देना चाहिए..अर्घ्य देते समय ये मंत्र बोले :-*
�� *भूमि पुत्रो महा तेजा*
�� *कुमारो रक्त वस्त्रका*
�� *ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम*
�� *ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे*
�� *हे भूमि पुत्र!..महा तेजस्वी,रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ..*

�� *गुप्त नवरात्रि* ��

���� *हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (28 जनवरी, शनिवार) से हो  चुका   है, जिसका समापन 5 फरवरी, रविवार को होगा। इस नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजा करें-*

.
���� *चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की उपासना*

���� *माघ मास की गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन (31 जनवरी, मंगलवार) की प्रमुख देवी मां कुष्मांडा हैं। देवी कुष्मांडा रोगों को तुरंत ही नष्ट करने वाली हैं। इनकी भक्ति करने वाले श्रद्धालु को धन-धान्य और संपदा के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है।*

���� *​मां दुर्गा के इस चतुर्थ रूप कुष्मांडा ने अपने उदर से अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न किया। इसी वजह से दुर्गा के इस स्वरूप का नाम कुष्मांडा पड़ा। नवरात्रि के चतुर्थ दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है। मां कुष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्र जागृत होता है। इनकी उपासना से हमारे समस्त रोग व शोक दूर हो जाते हैं। साथ ही भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ-साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं।*

         �� *गुप्त नवरात्रि* ��

���� *नवरात्र में हर दिन देवी के अलग रूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विभिन्न उपायों से माता को प्रसन्न किया जाता है। नवरात्र में देवी को हर दिन एक विशेष प्रकार का भोग लगाया जाता है।*

���� *नवरात्र में पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक देवी को ये विशेष भोग अर्पित करने तथा बाद में इसे गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।  गुप्त नवरात्र में किस तिथि पर देवी मां को किस चीज का भोग लगाएं,*

���� *चतुर्थी तिथि (31 जनवरी, मंगलवार) को माता दुर्गा को मालपुआ का भोग लगाएं ।इससे समस्याओं का अंत होता है ।*

Excuse me

*मुहावरो के आधुनिक अर्थ ...*

खुद की जान खतरे में डालना*
    = शादी करना
आ बैल मुझे मार*
     = पत्नी से पंगा लेना
चार दिन की चांदनी वही अँधेरी रात*
    = पत्नी का मायके से वापस आना
आत्म हत्या के लिए प्रेरित करना*
    = शादी की राय देना
दीवार से सर फोड़ना*
    = पत्नी को कुछ समझाना
[दुश्मनी निभाना*
    = दोस्तों की शादी करवाना
लव मैरिज करना*
    = खुद से युद्ध करने को योद्धा ढूंढना
खुद का स्वार्थ देखना*
    = शादी ना करना
जिंदगी के मज़े लेना*
      = कुँवारा रहना
पाप की सजा मिलना*
    = शादी हो जाना
ओखली में सिर देना*
       = शादी के लिए हाँ करना
शादी के फ़ोटो देखना*
      = गलती पर पश्चाताप करना
शादी के लिए हाँ करना*
      = स्वेच्छा से जेल जाना
खुद को लुटते हुऐ देखना*
      = पत्नी की मांग पूरी करना
दो पाटों में पिसना*
      = दूसरी शादी करना

रविवार, 29 जनवरी 2017

बॉलीवुड में भांड भरे है, नीयत सबकी काली है...
इतिहासों को बदल रहे, संजय लीला भंसाली है...

चालीस युद्ध जितने वाले को ना वीर बताया था...
संजय तुमने बाजीराव को बस आशिक़ दर्शाया था...

सहनशीलता की संजय हर बात पुरानी छोड़ चुके...
देश धर्म की खातिर हम कितनी मस्तानी छोड़ चुके...

अपराध जघन्य है तेरा, दोषी बॉलीवुड सारा है...
इसलिए 'करणी सेना' ने सेट पर जाकर मारा है...

संजय तुमको मर्द मानता, जो अजमेर भी जाते तुम...
दरगाह वाले हाजी का भी नरसंहार दिखाते तुम...

सच्चा कलमकार हूँ संजय, दर्पण तुम्हे दिखता हूँ...
जौहर पदमा रानी का, तुमको आज बताता हूँ...

सुन्दर रूप देख रानी का बैर लिया था खिलजी ने...
चित्तौड़ दुर्ग का कोना कोना घेर लिया था खिलजी ने...

मांस नोचते गिद्धों से, लड़ते वो शाकाहारी थे...
मुट्ठी भर थे राजपूत, लेकिन मुगलो पर भारी थे...

राजपूतो की देख वीरता, खिलजी उसदिन काँप गया...
लड़कर जीत नहीं सकता वो ये सच्चाई भांप गया...

राजा रतन सिंह से बोला, राजा इतना काम करो...
हिंसा में नुकसान सभी का अभी युद्ध विराम करो...

पैगाम हमारा जाकर रानी पद्मावती को बतला दो...
चेहरा विश्व सुंदरी का बस दर्पण में ही दिखला दो...

राजा ने रानी से बोला रानी मान गयी थी जी...
चित्तौड़ नहीं ढहने दूंगी ये रानी ठान गयी थी जी...

अगले दिन चित्तौड़ में खिलजी सेनापति के संग आया...
समकक्ष रूप चंद्रमा सा पद्मावती ने दिखलाया...

रूप देखकर रानी का खिलजी घायल सा लगता था...
दुष्ट दरिंदा पापी वो पागल पागल सा लगता था...

रतन सिंह थे भोले राजा उस खिलजी से   छले गए...
कैद किया खिलजी ने उनको जेलखाने में चले गए...

खिलजी ने सन्देश दिया चित्तौड़ की शान बक्श दूंगा...
मेरी रानी बन जाओ,,,,, राजा की जान बक्श दूंगा...

रानी ने सन्देश लिखा,, मैं तन मन अर्पण करती हूँ...
संग में नौ सौ दासी है और स्वयं समर्पण करती हूँ...

सभी पालकी में रानी ने बस सेना ही बिठाई थी...
सारी पालकी उस दुर्गा ने खिलजी को भिजवाई थी...

सेना भेजकर रानी ने जय जय श्री राम बोल दिया...
अग्नि कुंड तैयार किया था और साका भी खोल दिया...

मिली सुचना सारे सैनिक, मौत के घाट उतार दिए...
और दुष्ट खिलजी ने राजा रतन सिंह भी मार दिए...

मानो अग्नि कुंड की अग्नि उस दिन पानी पानी थी...
सोलह हजार नारियो के संग जलती पदमा रानी थी...

सच्चाई को दिखलाओ,,,, हम सभी सत्य स्वीकारेंगे...
झूठ दिखाओगे संजय,,, तो मुम्बई आकर मारेंगे...

Happy Day 30/01/2017

�� ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ ��
⛅ *आज का दिनाँक - 30 जनवरी 2017*
⛅ *दिन - सोमवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*    
⛅ *तिथि - तृतीया*
  ⛅ *नक्षत्र - वरीयान्*
⛅ *योग - शतभिषा*
⛅ *राहुकाल - सुबह 08:34 से सुबह 09:54 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:18*
⛅ *सूर्यास्त - 18:25*
⛅ *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
�� *विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

          �� *~ हिन्दू पंचांग ~* ��

�� *गुप्त नवरात्रि* ��

���� *हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (28 जनवरी, शनिवार) से हो  चुका   है, जिसका समापन 5 फरवरी, रविवार को होगा। इस नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजा करें-*

���� गताअं से आगे........

���� *तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा*
*गुप्त नवरात्रि का तीसरा दिन (30 जनवरी, सोमवार) माता चंद्रघंटा को समर्पित है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश कर दिया था। नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है। इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।*

���� शेष कल........
          ��

         �� *गुप्त नवरात्रि* ��
���� *नवरात्र में हर दिन देवी के अलग रूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विभिन्न उपायों से माता को प्रसन्न किया जाता है। नवरात्र में देवी को हर दिन एक विशेष प्रकार का भोग लगाया जाता है।*
���� *नवरात्र में पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक देवी को ये विशेष भोग अर्पित करने तथा बाद में इसे गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।  गुप्त नवरात्र में किस तिथि पर देवी मां को किस चीज का भोग लगाएं,*
���� *तृतीया तिथि  (30 जनवरी, सोमवार को माता दुर्गा को दूध का भोग लगाएं।इससे दुःखों से छुटकारा मिलता है ।*

शनिवार, 28 जनवरी 2017

*��चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ..*��
*मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इससे जरूर धनवान होंगे..!����*

*��1.पहला रत्न है:-*
          *" माफी "��*
*तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।*����

*��2.दूसरा रत्न है:-*
         *"भूल जाना"��*
*अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।*����

*��3.तीसरा रत्न है:-*
        *"विश्वास"*��
*हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है ।*����

*��4.चौथा रत्न है:-*
          *"वैराग्य"*��
*हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निश्चित ही हमें एक दिन मरना भी है..!  इसलिए बिना लिप्त हुए जीवन का आनंद लेना ! वर्तमान में जीना ! यही जीवन का असल सच है..!*
 

�� ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ ��
⛅ *आज का दिनाँक - 29 जनवरी 2017*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*    
⛅ *तिथि - द्वितीया*
  ⛅ *नक्षत्र - धनिष्ठा*
⛅ *योग - व्यतीपात*
⛅ *राहुकाल - शाम 03:34 से शाम 05:53 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:18*
⛅ *सूर्यास्त - 18:25*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
�� *विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा   बैंगन या कटहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
�� *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
�� *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
�� *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
�� *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
          �� *~ हिन्दू पंचांग ~* ��

�� *गुप्त नवरात्रि* ��
���� *हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (28 जनवरी, शनिवार) से हो  चुका   है, जिसका समापन 5 फरवरी, रविवार को होगा। इस नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजा करें-*
���� गताअं से आगे........
���� *दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की आराधना*
*गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन (29 जनवरी, रविवार) मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।*
���� *ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती हैं कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंध के विपरीत है। अत: ब्रह्मशक्ति अर्थात समझने व तप करने की शक्ति हेतु इस दिन शक्ति का स्मरण करें। योग शास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।*
���� शेष कल........
          �� *~ हिन्दू पंचांग ~* ��

         �� *गुप्त नवरात्रि* ��
���� *नवरात्र में हर दिन देवी के अलग रूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विभिन्न उपायों से माता को प्रसन्न किया जाता है। नवरात्र में देवी को हर दिन एक विशेष प्रकार का भोग लगाया जाता है।*
���� *नवरात्र में पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक देवी को ये विशेष भोग अर्पित करने तथा बाद में इसे गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।  गुप्त नवरात्र में किस तिथि पर देवी मां को किस चीज का भोग लगाएं,*
���� *द्वितीया तिथि  (29 जनवरी, रविवार को माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं। इससे उम्र लंबी होती है ।*

�� ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ ��
⛅ *आज का दिनाँक - 28 जनवरी 2017*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*    
⛅ *तिथि - प्रतिपदा*
  ⛅ *नक्षत्र - श्रवण*
⛅ *योग - सिद्धि*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:54 से सुबह 11:14 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:18*
⛅ *सूर्यास्त - 18:25*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - गुप्त नवरात्रि, लाला लाजपतराय जयंती*
�� *विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*�� 'ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।'*
�� *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।*
�� *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
          �� *~ हिन्दू पंचांग ~* ��

�� *गुप्त नवरात्रि* ��
���� *हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (28 जनवरी, शनिवार) से हो रहा है, जिसका समापन 5 फरवरी, रविवार को होगा। इस नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजा करें-*
���� *पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा*
*गुप्त नवरात्रि के पहले दिन (28 जनवरी, शनिवार) को मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं व योग साधना करते हैं।*
���� *हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम है। अत: इस दिन हमें अपने स्थायित्व व शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना करनी चाहिए। शैलपुत्री का आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति स्वरूपा भी है। स्त्रियों के लिए उनकी पूजा करना ही श्रेष्ठ और मंगलकारी है।*
���� शेष कल........
          �� *~ हिन्दू पंचांग ~* ��

         �� *गुप्त नवरात्रि* ��
�� *माघ मास, शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ तिथियाँ (28 जनवरी से 05 फरवरी, 2017 तक) माघ मास की गुप्त नवरात्रियाँ है l*
�� *एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं , जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियो के बारे में आपको पता है ,पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैं l*
�� *शत्रु को मित्र बनाने के लिए* ��
�� *नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।*
�� *नवरात्रि में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र 'हूं' (Hum) अथवा 'अं रां अं' (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं 'श्री गुरुगीता' का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l*
�� *माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1*
�� *जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :*
�� *“अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले "*
�� *" ASHOK SHOK SHAMNO BHAV SARVATRA NAH KULE "*
�� *भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l*
�� *माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2*
�� *माघ मास शुक्ल पक्ष तृतीया ( 30 जनवरी 2017) के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं, नमक मिर्च का भोजन ही करें l)*
�� • *" ॐ ह्रीं गौरये नमः "* ��
�� *"Om Hreem Goryaye Namah"*
�� *मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक करें l*
�� *गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं l*
�� *श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु* ��
�� *प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है*
�� *मंत्र ध्यान से पढ़ें* ��
�� *"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् "*
�� *" OM SHREEM HREEM KLEEM AIM KAMALVAASINYE SWAHA "*
   �� *विद्यार्थियों के लिए* ��
�� *प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें।*
�� *इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती है l*
�� *बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें । जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें।*
�� *अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लें l*