~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~
⛅ *आज का दिनाँक - 31 जनवरी 2017*
⛅ *दिन - मंगलवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - चतुर्थी*
⛅ *नक्षत्र - शतभिषा*
⛅ *योग - वरीयान्*
⛅ *राहुकाल - सुबह 08:34 से सुबह 09:54 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:17*
⛅ *सूर्यास्त - 18:27*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - अंगारकी-मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से 01 जनवरी प्रातः 03:41 तक), तिलकुंद-वरद-विनायक चतुर्थी, गणेश जयंती*
*विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। ब्रह्मवैवर्त
*मंगलवारी चतुर्थी*
*अंगार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना …जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है…*
*> बिना नमक का भोजन करें*
*> मंगल देव का मानसिक आह्वान करो*
*> चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें*
*कितना भी कर्ज़दार हो ..काम धंधे से बेरोजगार हो ..रोज़ी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा |
*मंगलवारी चतुर्थी*
*भारतीय समय के अनुसार 31 जनवरी (सूर्योदय से 01 जनवरी प्रातः 03:41 तक) चतुर्थी है, इस महा योग पर अगर मंगल ग्रह देव के 21 नाम से सुमिरन करे और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करे,शुभ संकल्प करे तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं ..*
*मंगल देव के 21 नाम इस प्रकार है :-*
*1) ॐ मंगलाय नमः*
*2) ॐ भूमि पुत्राय नमः*
*3 ) ॐ ऋण हर्त्रे नमः*
*4) ॐ धन प्रदाय नमः*
*5 ) ॐ स्थिर आसनाय नमः*
*6) ॐ महा कायाय नमः*
*7) ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः*
*8) ॐ लोहिताय नमः*
*9) ॐ लोहिताक्षाय नमः*
*10) ॐ साम गानाम कृपा करे नमः*
*11) ॐ धरात्मजाय नमः*
*12) ॐ भुजाय नमः*
*13) ॐ भौमाय नमः*
*14) ॐ भुमिजाय नमः*
*15) ॐ भूमि नन्दनाय नमः*
*16) ॐ अंगारकाय नमः*
*17) ॐ यमाय नमः*
*18) ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः*
*19) ॐ वृष्टि कर्ते नमः*
*20) ॐ वृष्टि हराते नमः*
*21) ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः*
*ये 21 मंत्र से भगवान मंगल देव को नमन करें ..फिर धरती पर अर्घ्य देना चाहिए..अर्घ्य देते समय ये मंत्र बोले :-*
*भूमि पुत्रो महा तेजा*
*कुमारो रक्त वस्त्रका*
*ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम*
*ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे*
*हे भूमि पुत्र!..महा तेजस्वी,रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ..*
*गुप्त नवरात्रि*
*हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (28 जनवरी, शनिवार) से हो चुका है, जिसका समापन 5 फरवरी, रविवार को होगा। इस नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजा करें-*
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*चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की उपासना*
*माघ मास की गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन (31 जनवरी, मंगलवार) की प्रमुख देवी मां कुष्मांडा हैं। देवी कुष्मांडा रोगों को तुरंत ही नष्ट करने वाली हैं। इनकी भक्ति करने वाले श्रद्धालु को धन-धान्य और संपदा के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है।*
*मां दुर्गा के इस चतुर्थ रूप कुष्मांडा ने अपने उदर से अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न किया। इसी वजह से दुर्गा के इस स्वरूप का नाम कुष्मांडा पड़ा। नवरात्रि के चतुर्थ दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है। मां कुष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्र जागृत होता है। इनकी उपासना से हमारे समस्त रोग व शोक दूर हो जाते हैं। साथ ही भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ-साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं।*
*गुप्त नवरात्रि*
*नवरात्र में हर दिन देवी के अलग रूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विभिन्न उपायों से माता को प्रसन्न किया जाता है। नवरात्र में देवी को हर दिन एक विशेष प्रकार का भोग लगाया जाता है।*
*नवरात्र में पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक देवी को ये विशेष भोग अर्पित करने तथा बाद में इसे गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। गुप्त नवरात्र में किस तिथि पर देवी मां को किस चीज का भोग लगाएं,*
*चतुर्थी तिथि (31 जनवरी, मंगलवार) को माता दुर्गा को मालपुआ का भोग लगाएं ।इससे समस्याओं का अंत होता है ।*
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