~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~
⛅ *आज का दिनाँक - 27 जनवरी 2017*
⛅ *दिन - शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार मास - पौष*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - अमावस्या*
⛅ *नक्षत्र - उत्तराषाढा*
⛅ *योग - वज्र*
⛅ *राहुकाल - सुबह 11:14 से दोपहर 12:34 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:18*
⛅ *सूर्यास्त - 18:24*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या, मौनी - त्रिवेणी अमावस्या*
*विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*मौनी अमावस्या*
*27 जनवरी 2017 शुक्रवार को मौनी अमावस्या है उस दिन प्रयाग में स्नान की तिथि है | आप सब प्रयाग तो नहीं जाओगे पर अपने घर पे ही उस दिन स्नान करते समय –*
*ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा | ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा |*
*ये मंत्र बोलकर उबटन जो बापूजी ने बताया था उस उबटन को शरीर पर लगाकर स्नान करें तो गंगा स्नान का पुण्य मिलता है | अमावस्या के दिन तो जरुर करें | उस दिन गीता का सातवाँ अध्याय का पाठ करें और भगवान ने धन दिया है तो उस दिन घर में आटे की, बेसन की २ – ४ किलो मिठाई बना लेऔर गरीब बच्चे-बच्चियों में बाँट आयें, अपने पितरो के नाम दादा, दादी, नानी उनके नाम से बाँट कर आ जायें |*
*वास्तु शास्त्र*
*वास्तुशास्त्र में आईना एक बड़ी भूमिका निभाता है। यदि दर्पण को वास्तु के अनुसार घर में रखा जाए तो घर में पैसों से लेकर सुख-शांति तक सब कुछ बना रहता है। दर्पण को घर की विभिन्न जगहों पर रखने से अलग-अलग फल मिलते हैं। लेकिन अगर घर के जिस कोने में आपने शीशा रखा है और वह वास्तु के अनुकूल नहीं है तो इसका उल्टा परिणाम भी हो सकता है। जानिए,किस जगह पर किस तरह आईना रखने से घर पर पड़ता है कैसे प्रभाव।*
➡ *घर के लिए चौकोर आईना सबसे अच्छा माना जाता हैं ।घर के अंदर गोल या अंडाकार का कांच लगाने से बचना चाहिए ।*
*मौनी अमावस्या का मंत्र*
*भविष्योत्तर पुराण में बताया कि माघी अमावश्या के दिन अगर भगवान ब्रम्हाजी का कोई पूजन करे, श्लोक और गायत्री मंत्र बोलकर जो ब्रम्हाजी को नमन करते हैं और थोड़ी देर शांत बैठे और फिर गुरुमंत्र का जप करें तो उनको विशेष लाभ होता है | जो भाई-बहन जो सत्संग में आते हैं वो दैवी सम्पदा पायें और लौकिक सम्पदा भी पायें | किसी के सिर पे भार न रहें | दैवी सम्पदा से खूब धनवान हों और लौकिक धन की भी कमी न रहें |*
*मंत्र इस प्रकार है –*
*स्थानं स्वर्गेथ पाताले यन्मर्ते किंचिदत्तंम | तद्व्पोंत्य संधिग्धम पद्मयोंने प्रसादत: ||*
*गायत्री मंत्र –*
*ॐ भू भुर्व: स्व: तत सवितुर्वरेण्यं | भर्गो देवस्य धीमहि | धियो यो न: प्रचोदयात् ||*
เคोเค เคिเคช्เคชเคฃी เคจเคนीं:
เคเค เคिเคช्เคชเคฃी เคญेเคें