शुक्रवार, 27 जनवरी 2017

“अच्छे काम करवाता ईश्वर है और आदमी की खोपड़ी में भूत घुस जाता है कि मैंने किया। मैंने मील सँभाली….. मैंने मंदिर सँभाला… मैंने आश्रम सँभाला…. मैंने मठ सँभाला… मैंने समिति सँभाली…. मैंने इतना इतना काम किया ।
अरे भाई ! तू अपने प्राण तो सँभालकर दिखा उसकी कृपा के बिना ? जिस व्यक्ति को अहं आ जाता है, काल का जोर उस पर चलता है ।”

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