เคถเคจिเคตाเคฐ, 28 เคœเคจเคตเคฐी 2017

�� ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ ��
⛅ *आज का दिनाँक - 28 जनवरी 2017*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*    
⛅ *तिथि - प्रतिपदा*
  ⛅ *नक्षत्र - श्रवण*
⛅ *योग - सिद्धि*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:54 से सुबह 11:14 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:18*
⛅ *सूर्यास्त - 18:25*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - गुप्त नवरात्रि, लाला लाजपतराय जयंती*
�� *विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*�� 'ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।'*
�� *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।*
�� *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
          �� *~ हिन्दू पंचांग ~* ��

�� *गुप्त नवरात्रि* ��
���� *हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (28 जनवरी, शनिवार) से हो रहा है, जिसका समापन 5 फरवरी, रविवार को होगा। इस नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजा करें-*
���� *पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा*
*गुप्त नवरात्रि के पहले दिन (28 जनवरी, शनिवार) को मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं व योग साधना करते हैं।*
���� *हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम है। अत: इस दिन हमें अपने स्थायित्व व शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना करनी चाहिए। शैलपुत्री का आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति स्वरूपा भी है। स्त्रियों के लिए उनकी पूजा करना ही श्रेष्ठ और मंगलकारी है।*
���� शेष कल........
          �� *~ हिन्दू पंचांग ~* ��

         �� *गुप्त नवरात्रि* ��
�� *माघ मास, शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ तिथियाँ (28 जनवरी से 05 फरवरी, 2017 तक) माघ मास की गुप्त नवरात्रियाँ है l*
�� *एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं , जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियो के बारे में आपको पता है ,पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैं l*
�� *शत्रु को मित्र बनाने के लिए* ��
�� *नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।*
�� *नवरात्रि में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र 'हूं' (Hum) अथवा 'अं रां अं' (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं 'श्री गुरुगीता' का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l*
�� *माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1*
�� *जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :*
�� *“अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले "*
�� *" ASHOK SHOK SHAMNO BHAV SARVATRA NAH KULE "*
�� *भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l*
�� *माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2*
�� *माघ मास शुक्ल पक्ष तृतीया ( 30 जनवरी 2017) के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं, नमक मिर्च का भोजन ही करें l)*
�� • *" ॐ ह्रीं गौरये नमः "* ��
�� *"Om Hreem Goryaye Namah"*
�� *मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक करें l*
�� *गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं l*
�� *श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु* ��
�� *प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है*
�� *मंत्र ध्यान से पढ़ें* ��
�� *"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् "*
�� *" OM SHREEM HREEM KLEEM AIM KAMALVAASINYE SWAHA "*
   �� *विद्यार्थियों के लिए* ��
�� *प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें।*
�� *इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती है l*
�� *बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें । जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें।*
�� *अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लें l*

เค•ोเคˆ เคŸिเคช्เคชเคฃी เคจเคนीं:

เคเค• เคŸिเคช्เคชเคฃी เคญेเคœें