Lekh Rachnaye
रविवार, 18 दिसंबर 2016
*क्रोध के समय*
*थोडा रुक जायें*
और
*गलती के समय*
*थोडा झुक जायें*
*दुनिया की सब समस्याये हल हो जायेगी*
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