Lekh Rachnaye
मंगलवार, 15 मार्च 2016
"लोहा नरम होकर औजार बन जाता है, सोना नरम होकर जेवर बन जाता है, मिट्टी नरम होकर खेत बन जाती है, आटा नरम होता है तो रोटी बन जाती है !ठीक इसी तरह अगर इंसान भी नरम हो जाऐ तो वह भी सभी के दिलो मैं जगह बना सकता है.।
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