मंगलवार, 8 मार्च 2016

➖ बेटी  v/s  बहू ➖➖➖➖➖➖➖🙆 बेटी ससुराल में खुश होती है तो 💐खुशी होती है और💃बहू ससुराल में खुश है....तो👿खराब लगता है ➖➖➖➖➖➖👱 दामाद बेटी की मदद करे...तो 👌अच्छा लगता है और👦बेटा बहू की मदद करे तो 🌹जोरू का गुलाम कहा जाए➖➖➖➖➖➖👖बेटी जींस पहने तो खुश होते है 👛कि मोर्डन फेमिली है और👖👠बहू जींस पहने तो 🙈उसे बेशर्म कहते है ➖➖➖➖➖➖💆बेटी को ससुराल में✅अकेले काम करना पड़े तो👌खराब लगता है कि 😭मेरी बेटी थक जायेगी और👸बहू सारा दिन अकेले काम करे....✅फिर भी बहू काम-चोर कहलाये➖➖➖➖➖➖👵बेटी की सास और ननद😆 काम...ना करे तो😡गुस्सा आता है और🏡जब अपने घर में वो👩बहू की मदद ना करे तो वो ✅सही लगता है➖➖➖➖➖➖👿बेटी की ससुराल वाले ताना मारे तो😡गुस्सा आता है और👸खुद बहू के मायके वालों को...👿.ताना मारे तो सही लगता है➖➖➖➖➖➖🙋 बेटी को रानी बनाकर रखने वाली👪ससुराल चाहिए और💃 खुद को बहू कामवाली चाहिए➖➖➖➖➖➖😷लोग यह क्यूं भूल जाते है कि😎🌹बहू भी किसी  की बेटी है🙏 वो भी तो अपने माता-पिता👫भाई-बहन, शहर-सहेली आदि को😭छोड़कर आपके साथ नये जीवन की👍शरुआत करने आई है 👌👵 जो भी पढ़ रहे है वे🌹कोशिश करें कि 👸बहूऔर बेटी में कभी फर्क     ⭕ ना माने ⭕🌍तभी यह दुनिया बदलेगी🌷समाज बदलेगा.......और👉आपकी बेटियां भी....😂ससुराल में आनंद से रहेगीं 💘एक बालक अपने 🙏माँ-बाप की खूब सेवा किया करता था💞उसके दोस्त उससे भी कहते कि🌹अगर इतनी सेवा तुमने 💜भगवान की की होती तो तुम्हे 🌻भगवान मिल जाते !💙लेकिन इन सब चीजो से 💐अनजान वो अपने💔माता पिता की सेवा करता रहा !🌺एक दिन उसकी माँ बाप की 💛सेवा-भक्ति से खुश होकर🌷भगवान धरती पर आ गये !💘उस वक्त वो बालक अपनी 💚माँ के पाँव दबा रहा था !🌲भगवान दरवाजे के बाहर से बोले-❤दरवाजा खोलो बेटा 🍀मैं तुम्हारी माता-पिता की सेवा से 💖प्रसन्न होकर तुम्हे 🌳वरदान देने आया हूँ !💞बालक ने कहा -🌸इंतजार करो प्रभु 💛मैं माँ की सेवा मे लगा हूँ !🙏भगवान बोले -💐देखो मैं वापस चला जाऊँगा!💘बालक ने कहा -🌵आप जा सकते है ❤भगवान मैं सेवा बीच मे 🌲नही छोड़ सकता !💚कुछ देर बाद 🌳उसने दरवाजा खोला तो 💜क्या देखता है🌷भगवान बाहर खड़े थे !💙भगवान बोले -🌹लोग मुझे पाने के लिये 💔कठोर तपस्या करते है 🌻पर मैं तुम्हे सहज ही मे मिल गया💖पर तुमने🍀मुझसे प्रतीक्षा करवाई !💞बालक ने जवाब दिया -🌺हे ईश्वर जिस माँ बाप की सेवा ने 💛आपको मेरे पास आने को 💐मजबूर कर दिया 💕उन माँ बाप की सेवा बीच मे छोड़कर 🌵मैं दरवाजा खोलने कैसे आता !💘यही इस जिंदगी का सार है !🌲जिंदगी मे हमारे ❤माँ-बाप से बढ़कर कुछ नही है !🌳हमारे माँ-बाप ही 💚हमे ये जिंदगी देते है !🌷यही माँ-बाप अपना 💜पेट काटकर बच्चो के लिये🌻अपना भविष्य खराब कर देते है 💙इसके बदले 🍀हमारा भी ये फर्ज बनता है कि 💔हम कभी उन्हे दुःख ना दे !🌺उनकी आँखो मे 💖आँसू कभी ना आये 💐चाहे परिस्थिति जो भी हो 💞प्रयत्न कीजियेगा!

1 टिप्पणी:

  1. कल राज्यसभा में अपने भाषण के अंत में माननीय प्रधानमंत्री जी मोदी जी ने निदा फाजली का शेर कुछ यूँ पढ़ा...👇🏻सफ़र में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो...सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो...किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं,तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो...यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता,मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो...यही है ज़िंदगी, कुछ ख़ाक चंद उम्मीदें..इन्ही खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो

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