मंगलवार, 15 मार्च 2016

पहला सुख - निरोगी काया,दूजा सुख - घर में हो माया,तीजा सुख - सुलक्षणा नारी,चौथा सुख - हो सतांन आज्ञाकारी,पाँचवां सुख - हो सुन्दर वास,छठा सुख -समय हो अच्छा पास,साँतवां सुख - हो मित्र घनेरे,और नहीं जगत में दुखः बहुतेरे !  

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