~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~
⛅ *आज का दिनांक - 06 फरवरी 2017*
⛅ *दिन - सोमवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2073*
⛅ *शक संवत -1938*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - शाम 04:09 तक दशमी - शाम 04:10 से एकादशी*
⛅ *नक्षत्र - रोहिणी*
⛅ *योग - इन्द्र*
⛅ *राहुकाल - सुबह 08:31 से सुबह 09:52 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:15*
⛅ *सूर्यास्त - 18:29*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - भक्त पुंडलीक उत्सव (पंढरपुर)*
*विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
*आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
*एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
*जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
*~ हिन्दू पंचांग ~*
*जया एकादशी*
➡ *06 फरवरी 2017 शाम 04:10 से 07 फरवरी 2017 मंगलवार को दोपहर 01:47 तक एकादशी है ।*
*विशेष - 07 फरवरी 2017 मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
*( इस दिन का व्रत ब्रह्महत्या जैसे पाप व पिशाचत्व का नाशक है तथा प्रेतयोनि से रक्षा करता है | )*
*स्त्रोत – ऋषि प्रसाद – जनवरी – २०१७ से*
*~ हिन्दू पंचांग ~*
*एकादशी के दिन ये सावधानी रहे*
➡ *06 फरवरी 2017 शाम 04:10 से 07 फरवरी 2017 मंगलवार को दोपहर 01:47 तक एकादशी है ।*
*विशेष - 07 फरवरी 2017 मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
*महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक एक चावल एक एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा*
*- पूज्य बापूजी मुंबई 1/1/2012*
*~ हिन्दू पंचांग ~*
*जया एकादशी - प्रेत मोचिनी एकादशी*
*भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया ..ये जया एकादशी ( 07st Feb' 2017 ) (प्रेत मोचिनी एकादशी) का उपवास रखने वाले को भोग भी मिलता है - संसार का सुख सम्पदा भी मिलता है | ब्रम्ह की हत्या, ब्रम्हज्ञानी की हत्या बड़े में बड़ा पाप है | वो ब्रम्ह हत्या के पाप को नाश करनेवाली एकादशी है जया एकादशी | और कभी वो व्यक्ति पिशाच योनी को प्राप्त नहीं होगा |प्रेत योनी में कोई पड़ा हो उसकी सदगति होती है और जया एकादशी का जो व्रत रखेगा उसे प्रेत योनी में कभी नहीं जाना पड़ेगा | किसी कारण ये व्रत नहीं भी कर सकते तो चावल तो एकादशी को नहीं खाना... बीमारी भी देंगे और पाप भी देंगे | चावल एकादशी के दिन दुश्मन को भी नहीं खिलाना |*
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