*फुर्सत नहीं है*
*इंसान को इंसान से मिलने की*
*ख्वाहिशे रखता है*
*दूर बैठे भगवान से मिलने की ...*
*दरिया ने झरने से पूछा*
*तुझे समन्दर नहीं बनना है क्या..?*
*झरने ने बड़ी नम्रता से कहा*
*बड़ा बनकर खारा हो जाने से अच्छा है*
*छोटा रह कर मीठा ही रहूँ*
*मन की आंखो से*
*प्रभु का दीदार करो*
*दो पल का है अन्धेरा*
*बस सुबह का *इन्तजार करो*
*छोटी सी है ज़िंदगी बस*
*हर किसी से प्यार करो...*
เคोเค เคिเคช्เคชเคฃी เคจเคนीं:
เคเค เคिเคช्เคชเคฃी เคญेเคें