बुधवार, 28 फ़रवरी 2018
*प्रकृति का पहला नियम*
यदि खेत में बीज न डालें जाएं तो कुदरत उसे घास-फूस से भर देती हैं ।
ठीक उसी तरह से दिमाग में सकारात्मक विचार न भरे जाएँ तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेती है ।
*प्रकृति का दूसरा नियम*
जिसके पास जो होता है वह वही बांटता है।
सुखी "सुख "बांटता है
दुःखी "दुःख " बांटता है
ज्ञानी "ज्ञान" बांटता है
भ्रमित "भ्रम "बांटता है
भयभीत" भय "बांटता हैं
*प्रकृति का तिसरा नियम*
आपको जीवन से जो कुछ भी मिलें उसे पचाना सीखो क्योंकि
भोजन न पचने पर रोग बढते है।
पैसा न पचने पर दिखावा बढता है
बात न पचने पर चुगली बढती है ।
प्रशंसा न पचने पर अंहकार बढता है।
निंदा न पचने पर दुश्मनी बढती है ।
राज न पचने पर खतरा बढता है ।
दुःख न पचने पर निराशा बढती है ।
और सुख न पचने पर पाप बढता है ।
बात कडुवी बहुत है पर सत्य है
मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018
सावधान - होली के रंग बाजार में नकली बिकने से आपको हो सकती है स्किन एलर्जी??? नकली रंग/गुलाल से आपके बाल भी झड़ सकते है और आपकी त्वचा पर खुजली व दाने भी हो सकते है जितना हो इन नकली रंगों से बचना चाहिए। नकली रंगों को खुद लगाए न किसी दूसरे को लगाने दे जिन लोगोँ को एलर्जी रहती है उन्हें नकली रंगों से दूर रहना चाहिए।
सोमवार, 26 फ़रवरी 2018
🎀 *अर्जून ने कृष्ण से पुछा ;* *" ज़हर क्या है "..?* *कृष्ण ने बहुत सुन्दर जबाब दिया ...* *" हर वो चीज़ , जो ज़िन्दगी में* *आवश्यकता से अधिक होती है ,* 👉 *वही " ज़हर " है*❗ फ़िर चाहे वो *ताक़त* हो , *धन* हो , *भूख* हो , *लालच* हो , *अभिमान* हो , *आलस* हो , *महत्वकाँक्षा* हो , *प्रेम* हो या *घृणा* .., *" जहर ही है "...*
दिनांक २७ फरवरी २०१८
दिन मंगलवार
संवत् २०७४
शक संवत् १९३९
सूर्य उत्तरायण
दक्षिणगोल
शिशिर ऋतु
फाल्गुन मास
शुक्ल पक्ष
द्वादशी तिथि १४:३९ तक फिर त्रियोदशी तिथि
पुष्य नक्षत्र २७:५१ तक फिर आश्लेषा नक्षत्र
सौभाग्य योग १४:४९ तक फिर शोभन योग
कर्क राशि में चन्द्रमा
*आज का सुविचार एवं ज्ञान*
*जूते चप्पल से कैसे आता है दुर्भाग्य*
हम जब भी नए जूते चप्पल खरीद कर उनको पहनते हे तो एक नई ऊर्जा का अहसास करते हे लेकिन हमे अमावस्या मंगलवार और शनिवार और ग्रहण के दिन जूते चप्पल नही खरीदने चाहिए।यदि इन दिनों हम जूते चप्पल खरीदते हे तो अचानक नुकसान की सम्भावना बन जाती हे।हमे जूते चप्पल पहन कर तिजोरी और लॉकर नही खोलना चाहिए।इससे लक्ष्मी जी का अपमान होता हे।हमे जूते चप्पल पहन कर रसोई या भण्डार घर में नही जाना चाहिए।इससे माँ अन्नपूर्णा का अपमान होता हे।जूते चप्पल पहन कर खाना बनाने से विश्वास की कमी और परिवार में अशांति का वातावरण बना रहता हे।जो इस बात का ध्यान रखते हे उनके घर में कभी अन्न की कमी नही आती हे।जूते चप्पल पहन कर किसी नदी या सरोवर के पास भी नही जाना चाहिए।चमड़े की वस्तुऍ के साथ और जूते चप्पल पहन कर कभी भी नदी या पवित्र सरोवर में स्नान करने से भाग्य रूठ जाता हे।जूते चप्पल मौजे चमड़े की वस्तुऍ पहन कर कभी मन्दिर या देव प्रतिमा के पास नही जाना चाहिए।ऐसा करने से उम्र कम हो जाती हे ।अगर आपके जूते चप्पल मन्दिर धर्म स्थान या अस्पताल से चोरी हो जाते हे तो यकीनन आपका दुर्भाग्य दूर होगा।जो नुकसान होने वाला था वो नही होता हे।अगर आपके जूते चप्पल बार बार फट् रहे या टूट रहे हे तो अपने पहने हुए जूते चप्पल शनिवार के दिन शनि मन्दिर के बाहर छोड़ कर आ जाये।शनि का कुप्रभाव नही होगा।परेशानियां बार बार कम नही हो रही हे तो आपका जो नक्षत्र हे उसमे अपने पहने हुए जूते चप्पल मन्दिर के बाहर छोड़ कर आ जाये ।आते समय नंगे पैर ही आना हे और पीछे मुड़ कर नही देखना हे।अगर आपके चलने पर जूते चप्पल की आवाज ज्यादा आती हे तो आपसे जुड़े हुए रिश्तों में तनाव बढ़ता हे अतः जूते चप्पल बदल लें।घर में ज्यादा पुरानी जूते चप्पल नही रखेँ।ध्यान रहे अगर आपके जूते चप्पल उलटे पड़े हो तो तुरन्त ही सीधे कर देवे क्योकि यह तनाव कर्ज और झगड़ा करवा देते हे।अगर जूते चप्पल एक दूसरे के ऊपर सीधे पड़े हो तो शुभ संकेत हैऔर यात्रा के अवसर मिलते हे।अगर आपका एक पैर का जूता चप्पल अचानक खो जाता हे तो और तीन दिन तक नही मिलता हे तो दूसरा जूता चप्पल भी घर के बाहर फ़ेक देना चाहिए क्योकि कोई गलत प्रयोग भी कर सकता हे।
रविवार, 25 फ़रवरी 2018
रोक दो मेरे जनाजे को अब
मुझमे जान आ रही हैं..
आगे से थोडा राईट ले लो
दारु की दूकान आ रही हैं
"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे,
शमशान में पिया करूंगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब,
तो पैग बना कर दिया करूंगा"
"नशा" "महोब्बत" का हो
"शराब" का हो ...-
या " WhatsApp " का हो
"होश" तीनो मे खो जाते है
"फर्क" सिर्फ इतना है की,
"शराब" सुला देती है ..
"महोब्बत" रुला देती है, और -
"whatsapp" यारों की याद दिला देती है
जाम पे जाम पीने का क्या फ़ायदा?
शाम को पी, सुबह उतर जाएगी
अरे दो बून्द दोस्ती के
पी ले ज़िन्दगी सारी नशे में गुज़र जाएगी..
प्यार में दुनियाँ खुबसूरत लगती है,
दर्द में दुनियाँ दुश्मन लगती है।
तुम जेसे दोस्त जिन्दगी में हो तो,
"बिसलेरी" भी
साली "किंगफिशर" लगती है...
VVV IMPORTANT..........
क्या भारत का सिस्टम
आम जनता को धोखा देता है ...?
आप खुद देखिये....
1- नेता चाहे तो दो सीट से एक साथ चुनाव
लड़ सकता है ! लेकिन....
आप दो जगहों पर वोट नहीं डाल सकते,
2-आप जेल मे बंद हो तो वोट नहीं डाल
सकते..लेकिन
नेता जेल में रहते हुए चुनाव लड सकता है.
3-आप कभी जेल गये थे, तो
अब आपको जिंदगी भर
कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी,
लेकिन……
नेता चाहे जितनी बार भी हत्या या बलात्कार के मामले में जेल गया हो, फिर भी वो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति जो चाहे बन सकता है।
4-बैंक में मामूली नौकरी पाने के लिये
आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है..
लेकिन,
नेता अंगूठा छाप हो तो भी भारत का फायनेन्स मिनिस्टर बन सकता है।
5-आपको सेना में एक मामूली
सिपाही की नौकरी पाने के लिये डिग्री के साथ 10 किलोमीटेर दौड़ कर भी दिखाना होगा,
लेकिन....
नेता यदि अनपढ़-गंवार और लूला-लंगड़ा है
तो भी वह आर्मी, नेवी और ऐयर फोर्स का चीफ यानि डिफेन्स मिनिस्टर बन सकता है।
और
जिसके पूरे खानदान में आज तक कोई स्कूल नहीं गया.. वो नेता देश का शिक्षामंत्री बन सकता है।
और
जिस नेता पर कितने भी केस चल रहे हों..
वो नेता पुलिस डिपार्टमेंट का चीफ यानि कि गृह मंत्री बन सकता है।
यदि
आपको लगता है की इस सिस्टम को बदल देना चाहिये..
नेता और जनता, दोनों के लिये एक ही कानून होना चाहिये..
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की भारत में ऐसे शिव मंदिर है जो केदारनाथ से लेकर रामेश्वरम तक एक सीधी रेखा में बनाये गये है। आश्चर्य है कि हमारे पूर्वजों के पास ऐसा कैसा विज्ञान और तकनीक था जिसे हम आज तक समझ ही नहीं पाये? उत्तराखंड का केदारनाथ, तेलंगाना का कालेश्वरम, आंध्रप्रदेश का कालहस्ती, तमिलनाडू का एकंबरेश्वर, चिदंबरम और अंततः रामेश्वरम मंदिरों को 79° E 41’54” Longitude के भौगोलिक सीधी रेखा में बनाया गया है। यह सारे मंदिर प्रकृति के 5 तत्वों में लिंग की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे हम आम भाषा में पंच भूत कहते है। पंच भूत यानी पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष। इन्ही पांच तत्वों के आधार पर इन पांच शिव लिंगों को प्रतिष्टापित किया है। जल का प्रतिनिधित्व तिरुवनैकवल मंदिर में है, आग का प्रतिनिधित्व तिरुवन्नमलई में है, हवा का प्रतिनिधित्व कालाहस्ती में है, पृथ्वी का प्रतिनिधित्व कांचीपुरम में है और अतं में अंतरिक्ष या आकाश का प्रतिनिधित्व चिदंबरम मंदिर में है! वास्तु-विज्ञान-वेद का अद्भुत समागम को दर्शाते हैं ये पांच मंदिर। भौगॊलिक रूप से भी इन मंदिरों में विशेषता पायी जाती है। इन पांच मंदिरों को योग विज्ञान के अनुसार बनाया गया था, और एक दूसरे के साथ एक निश्चित भौगोलिक संरेखण में रखा गया है। इस के पीछे निश्चित ही कॊई विज्ञान होगा जो मनुष्य के शरीर पर प्रभाव करता होगा। इन मंदिरों का करीब चार हज़ार वर्ष पूर्व निर्माण किया गया था जब उन स्थानों के अक्षांश और देशांतर को मापने के लिए कोई उपग्रह तकनीक उपलब्ध ही नहीं था। तो फिर कैसे इतने सटीक रूप से पांच मंदिरों को प्रतिष्टापित किया गया था? उत्तर भगवान ही जाने। केदारनाथ और रामेश्वरम के बीच 2383 किमी की दूरी है। लेकिन ये सारे मंदिर लगभग एक ही समानांतर रेखा में पड़ते है। आखिर हज़ारों वर्ष पूर्व किस तकनीक का उपयॊग कर इन मंदिरों को समानांतर रेखा में बनाया गया है यह आज तक रहस्य ही है। श्रीकालहस्ती मंदिर में टिमटिमाते दीपक से पता चलता है कि वह वायु लिंग है। तिरूवनिक्का मंदिर के अंदरूनी पठार में जल वसंत से पता चलता है कि यह जल लिंग है। अन्नामलाई पहाड़ी पर विशाल दीपक से पता चलता है कि वह अग्नि लिंग है। कंचिपुरम के रेत के स्वयंभू लिंग से पता चलता है कि वह पृथ्वी लिंग है और चिदंबरम की निराकार अवस्था से भगवान के निराकारता यानी आकाश तत्व का पता लगता है। अब यह आश्चर्य की बात नहीं तो और क्या है कि ब्रह्मांड के पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करनेवाले पांच लिंगो को एक समान रेखा में सदियों पूर्व ही प्रतिष्टापित किया गया है। हमें हमारे पूर्वजों के ज्ञान और बुद्दिमत्ता पर गर्व होना चाहिए कि उनके पास ऐसा विज्ञान और तकनीक था जिसे आधुनिक विज्ञान भी नहीं भेद पाया है। माना जाता है कि केवल यह पांच मंदिर ही नहीं अपितु इसी रेखा में अनेक मंदिर होगें जो केदारनाथ से रामेश्वरम तक सीधी रेखा में पड़ते है। इस रेखा को “शिव शक्ति अक्श रेखा” भी कहा जाता है। संभवता यह सारे मंदिर कैलाश को द्यान में रखते हुए बनाया गया हो जो 81.3119° E में पड़ता है!? उत्तर शिवजी ही जानें….
हमारी नासमझी और समझदारी के आधार पर हमारा जीवन बुरा और अच्छा बनता है आज हम बुराई के युग में जी रहे हैं यानी कि हम समझदारी नहीं दिखा रहे अतः हम सब मिलकर समझदारी दिखाएं और अच्छा युग बना पाए ताकि चौतरफा अनंत सुख शांति आ जाए मिल जाए जब हम नासमझ होते हैं तो हमारा घर तक बर्बाद हो जाता है अगर हमारी नासमझी घर के बाहर भी फैलती है तो बाहर भी स्थिति खराब हो जाती है आज हम घर में समझदार बने और घर के बाहर भी ताकि सब और सुख शांति सबको मिल सके
*काली कमाई के रास्ते खत्म कर दिए जाएँ , नोट बंदी की जरूरत ही क्यों होगी ?*
मैं एक डॉक्टर हूं, और इस लिए
*" सभी ईमानदार डॉक्टर्स से क्षमा सहित प्रार्थना ...! "*
• ........हार्ट अटैक " हो गया ...
डॉक्टर कहता है - Streptokinase इंजेक्शन ले के आओ ... 9,000/= रु का ... *इंजेक्शन की असली कीमत 700/= - 900/= रु के बीच है .., पर उसपे MRP 9,000/= का है !* आप क्या करेंगे ?
•..............टाइफाइड हो गया ...
डॉक्टर ने लिख दिया - *कुल 14 Monocef लगेंगे ! होल - सेल दाम 25/= रु है ... अस्पताल का केमिस्ट आपको 53/= रु में देता है ...* आप क्या करेंगे ??
•............,,,,किडनी फेल हो गयी है .., *हर तीसरे दिन Dialysis होता है .., Dialysis के बाद एक इंजेक्शन लगता है - MRP शायद 1800 रु है !*
*आप सोचते हैं की बाज़ार से होलसेल मार्किट से ले लेता हूँ ! पूरा हिन्दुस्तान आप खोज मारते हैं , कही नहीं मिलता ... क्यों ?*
*कम्पनी सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर को सप्लाई देती है !!*
*इंजेक्शन की असली कीमत 500/= है , पर डॉक्टर अपने अस्पताल में MRP पे यानि 1,800/= में देता है ...* आप क्या करेंगे ??
*..........इन्फेक्शन हो गया है .., डॉक्टर ने जो Antibiotic लिखी , वो 540/= रु का एक पत्ता है .., वही Salt किसी दूसरी कम्पनी का 150/= का है और जेनेरिक 45/= रु का ... पर केमिस्ट आपको मना कर देता है .., नहीं जेनेरिक हम रखते ही नहीं , दूसरी कम्पनी की देंगे नहीं .., वही देंगे , जो डॉक्टर साहब ने लिखी है ... यानी 540/= वाली ?* आप क्या करेंगे ??
• बाज़ार में *Ultrasound Test 750/= रु में होता है .., चैरिटेबल डिस्पेंसरी 240/= रु में करती है ! 750/= में डॉक्टर का कमीशन 300/= रु है !*
MRI में डॉक्टर का कमीशन Rs. 2,000/= से 3,000/= के बीच है !
*डॉक्टर और अस्पतालों की ये लूट , ये नंगा नाच , बेधड़क , बेखौफ्फ़ देश में चल रहा है !*
Pharmaceutical कम्पनियों की Lobby इतनी मज़बूत है , की उसने देश को सीधे - सीधे बंधक बना रखा है !
डॉक्टर्स और दवा कम्पनियां मिली हुई हैं ! दोनों मिल के सरकार को ब्लैकमेल करते हैं ...!!
सबसे बडा यक्ष प्रश्न ...
*मीडिया दिन रात क्या दिखाता है ?*
*गड्ढे में गिरा प्रिंस .., बिना ड्राईवर की कार , राखी सावंत , Bigboss , सास बहू और साज़िश , सावधान , क्राइम रिपोर्ट , Cricketer की Girl Friend , ये सब दिखाता है , किंतु ... Doctor's , Hospital's और Pharmaceutical company कम्पनियों की , ये खुली लूट क्यों नहीं दिखाता ?*
मीडिया नहीं दिखाएगा , तो कौन दिखाएगा ?
मेडिकल Lobby की दादागिरी कैसे रुकेगी ?
इस Lobby ने सरकार को लाचार कर रखा है ?
Media क्यों चुप है ?
*20/= रु मांगने पर ऑटोरिक्सा वाले को , तो आप कालर पकड़ के मारेंगे , ..!*
डॉक्टर साहब का क्या करेंगे ???
*यदि आपको ये सत्य लगता है , तो जागरूकता लाइए और दूसरों को भी जागरूक बनाने में अपना सहयोग दीजिये !!!*
*एक सोच बदलाव की* . . . . .
✍ *मै झुकता हूँ, क्योंकि मुझे रिश्ते निभाने का शौक है...;*
*वरना*
*गलत तो हम कल भी*
*नहीं थे और आज भी नहीं हैं...*
*मैं अपने गम में रहता हूँ,*
*नबाबों की तरह..!*
*परायी खुशियों के पास*
*जाना मेरी आदत नहीं...!*
*सबको हँसता ही देखना*
*चाहता हूँ मैं*,
*किसी को धोखे से भी*
*रुलाना मेरी आदत नहीं..,*
*बाँटना चाहता हूँ, तो बस*
*प्यार और मोहब्बत...,*
*यूँ नफरत फैलाना मेरी*
*आदत नहीं...!!*
*जिंदगी मिट जाए, किसी*
*के खातिर गम नहीं,*
*कोई बद्दुआ दे मरने की*
*यूँ जीना मेरी आदतनहीं...!*
*दोस्ती होती है, दिलों से*
*चाहने पर*,
*जबरदस्ती दोस्ती करना,*
*मेरी आदत नहीं..!*
*नाम छोटा है, मगर दिल*
*बड़ा रखता हूँ...,*
*पैसों से उतना अमीर नहीं हूँ...,*
*मगर,*
*अपने यारों के गम...*
*खरीदने की हैसियत रखता हूँ।*
Japan Japan Japan 👍👍👍. आज हम जापान से जुड़े, कुछ रोचक तथ्य बताएंगे !! जो शायद आप न जानते हों! !।
👌1. जापान में हर साल लगभग 1500 भुकंम्प आते हैं! ! मतलब कि हर दिन चार !!
👌2. मुसलमानों को “नागरिकता” न देने वाला, "जापान"अकेला राष्ट्र है।
👌यहाँ तक कि, "मुसलमानों" को जापान में, किराए पर मकान भी नहीं मिलता।
👌3. जापान के किसी "विश्वविद्यालय" में "अरबी" या अन्य कोई" इस्लामी भाषा", नहीं सिखाई जाती।!!
👌4. कुत्ता पालने वाला, प्रत्येक जापानी नागरिक, उसे घुमाते समय, अपने साथ एक विशेष बैग रखता है !! जिसमें वह उसका मल, "एकत्रित" कर लेता है।!
👌5. जापान में, 10 साल की उम्र होने तक, बच्चों को, कोई "परीक्षा" नहीं देनी पड़ती।
👌6. जापान में "बच्चे," और "अध्यापक" एक साथ, Classroom को साफ करते हैं ।
👌7. जापान के लोगों की, औसत आयु दुनियां में सबसे ज्यादा है !! (82 साल).
👌जापान में, 100 साल से ज्यादा उम्र के 50,000 लोग हैं! !।
👌8. जापान के पास, किसी प्रकार के "प्राकृतिक संसाधन" नहीं हैं! !
👌और वे प्रतिवर्ष, "सैंकड़ों भूकंप" भी, झेलते हैं !! किन्तु उसके बाद भी, "जापान दुनिया" की दूसरी सबसे बड़ी, "आर्थिक शक्ति" है!!।
👌9. “Sumo” जापान की, सबसे "लोकप्रिय" खेल है !! इसके इलावा बेसबाल भी, काफी लोकप्रिय है !!
👌10. जापान में, सबसे ज्यादा लोग पढ़े लिखे हैं! ! जहां साक्षरता दर,100% है !!
👌जहां, अखबारों और न्युज चैनलों में, भारत की तरह, दुर्घटना, राजनीति, वाद-विवाद, फिल्मी मसालों, आदि पर, खबरे नहीँ छपती !!
👌यहां पर, अखबारों में, आधुनिक जानकारी और आवश्क खबरें ही छपती हैं !!!
👌11. जापान में, जो किताबें प्रकाशित होती हैं !! उन में से 20% Comic Books होती हैं !!
👌12. जापान में, नववर्ष का स्वागत,"मंदिर" में 108 घंटियाँ बजा कर, किया जाता है।!!
13. जापानी, समय के बहुत पक्के हैं! ! यहां तो ट्रेने भी, "ज्यादा से ज्यादा" "18 सैकेंड" लेट होती हैं! !।
👌14. “Vending Machine”, वह मशीन होती है !! जिसमें सिक्का डालने से, कोई चीज आदि, निकल आती है !! जेसे कि, noodles, अंडे, केले, आदि !!
👌जब आप, जापान में होगे तो, इन मशीनों को हर जगह, पाएँगे !! यह हर सड़क पर होती हैं !! जापान में लगभग "55 लाख वेंडिंग मशीन" हैं! !।
👌15. जापान में, देर रात, तक "नाचना" मना है।
👌16. जापान में, एक ऐसी बिल्डिंग भी है, जिसके बीच से "हाइवे", गुजरता है।
👌17. जापान चारों और से, "समुंदर" से घिरा होने के बावजूद, भी 27 प्रतीशत मछलियां, दूसरे देशों से मंगवाता है !!
👌18. "काली बिल्ली" को, जापान में, "भाग्यशाली" माना जाता है।
👌19. जापान में, 90% “Mobile Water Proof” हैं! ! क्योकिं, ये लोग नहाते समय भी, फोन यूज करते हैं! !।
👌20. जापान में, 70 तरह की “fanta” मिलती हैं! !।
👌21. जापान में, सबसे ज्यादा सड़के ऐसी हैं, जिनका कोई नाम नहीं है।
👌22. जापानियो के पास, “Sorry” कहने के, 20 से ज्यादा तरीके हैं ।
👌23. जापान, दुनिया का सबसे बड़ा, "आॅटोमोबाइल" निर्माता है।
👌24. साल 2011 में, जापान में जो "भूकंप" आया था !! वह आज तक का, सबसे तेज भूकंप था।
👌 इस भूकंप से, पृथ्वी के “घूमने की गति” में, 1.8 microseconds की वृद्धि हुई थी।
👌25. जापान, दुनिया का केवल एकलौता देश है!! जिस पर “परमाणु बमों” का हमला हुआ है !!
👌 जैसा कि, आप जानते ही हैं कि, अमेरिका ने, 6 और 9 अगस्त 1945 में, "हीरोशिमा और नागाशाकी" पर, बम फेंके थे !!
👌इन बमों को, "Little-Boy" और "Fat-Man" नाम दिया गया था !!
👌26. *"जापान में इस्लाम पंथ" नहीं होने के कारण, वहाँ "स्लीपर सेल" नहीं हैं !! और वहाँ एक भी, "आतंकी वारदात" नहीं हुई है*
जापान इसलिए पूर्ण विकसित है क्योंकि यहाँ मजदूर व सरकारी कर्मचारी को वेतन समान मिलता है!
शिक्षा प्रणाली भी समान है; गरीब अमीर को एक समान शिक्षा है
ज्योतिषशास्त्र के प्राचीन प्रमुख ग्रंथ बृहत्पाराशरहोरा
शास्त्र में विभिन्न ग्रहों की दशा-अंतर्दशा में बनने वाले
अनिष्टकारक योग की निवृत्ति के लिए(शांति हेतु)
शिवार्चन और रुद्राभिषेक का परामर्श दिया गया है... भृगुसंहितामें
भी जन्मपत्रिका का फलादेश करते समय महर्षि भृगु
अधिकांश जन्मकुंडलियों में जन्म-जन्मांतरों के पापों और
ग्रहों की पीडा के समूल नाश एवं
नवीन प्रारब्ध के निर्माण हेतु महादेव शंकर
की आराधना तथा रुद्राभिषेक करने
का ही निर्देश देते हैं... किसी कामना से
किए जाने वाले रुद्राभिषेक में शिव-वास का विचार करने पर अनुष्ठान
अवश्य सफल होता है और मनोवांछित फल प्राप्त होता है...
प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की प्रतिपदा (1),
अष्टमी (8), अमावस्या तथा शुक्लपक्ष
की द्वितीया (2) व नवमी (9)
के दिन भगवान शिव माता गौरी के साथ होते हैं, इस
तिथि में रुद्राभिषेक करने से सुख-समृद्धि उपलब्ध
होती है... कृष्णपक्ष
की चतुर्थी (4),
एकादशी (11) तथा शुक्लपक्ष
की पंचमी (5) व
द्वादशी (12) तिथियों में भगवान शंकर कैलास पर्वत पर
होते हैं और उनकी अनुकंपा से परिवार में आनंद-मंगल
होता है... कृष्णपक्ष की पंचमी (5),
द्वादशी (12) तथा शुक्लपक्ष
की षष्ठी (6) व
त्रयोदशी (13) तिथियों में भोलेनाथ नंदी पर
सवार होकर संपूर्ण विश्व में भ्रमण करते हैं... अत:इन तिथियों में
रुद्राभिषेक करने पर अभीष्ट सिद्ध
होता है...कृष्णपक्ष की सप्तमी (7),
चतुर्दशी (14) तथा शुक्लपक्ष
की प्रतिपदा (1), अष्टमी (8),
पूíणमा (15) में भगवान महाकाल श्मशान में समाधिस्थ रहते हैं
अतएव इन तिथियों में किसी कामना की पूíत
के लिए किए जाने वाले रुद्राभिषेक में आवाहन करने पर
उनकी साधना भंग होगी... इससे यजमान
पर महाविपत्ति आ सकती है... कृष्णपक्ष
की द्वितीया (2), नवमी (9)
तथा शुक्लपक्ष की तृतीया (3) व
दशमी (10) में महादेवजी देवताओं
की सभा में उनकी समस्याएं सुनते हैं...
इन तिथियों में सकाम अनुष्ठान करने पर संताप (दुख) मिलेगा...
कृष्णपक्ष की तृतीया (3),
दशमी (10) तथा शुक्लपक्ष
की चतुर्थी (4) व
एकादशी (11) में नटराज क्रीडारत रहते
हैं... इन तिथियों में सकाम रुद्रार्चन संतान को कष्ट दे सकता है...
कृष्णपक्ष की षष्ठी (6),
त्रयोदशी (13) तथा शुक्लपक्ष
की सप्तमी (7) व
चतुर्दशी (14) में रुद्रदेव भोजन करते हैं... इन
तिथियों में सांसारिक कामना से किया गया रुद्राभिषेक पीडा दे
सकता है...
यह ध्यान रहे कि शिव-वास का विचार सकाम अनुष्ठान में
ही जरूरी है... निष्काम भाव से
की जाने
वाली अर्चना कभी भी हो सकती है...
ज्योतिíलंग-क्षेत्र एवं तीर्थस्थान में तथा शिवरात्रि-प्रदो
ष, सावन के सोमवार आदि पर्वो में शिव-वास का विचार किए
बिना भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है... वस्तुत:शिवलिंग
का अभिषेक आशुतोष शिव को शीघ्र प्रसन्न करके
साधक को उनका कृपापात्र बना देता है और तब
उसकी सारी समस्याएं स्वत:समाप्त
हो जाती हैं... दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते
हैं कि रुद्राभिषेक से सारे पाप-ताप-शाप धुल जाते हैं...
शनिवार, 24 फ़रवरी 2018
जगत को तीर्थरूप बनाने वाले संत
दो संन्यासी युवक यात्रा करते-करते किसी गाँव में पहुँचे। लोगों से पूछाः "हमें एक रात्रि यहाँ रहना है। किसी पवित्र परिवार का घर दिखाओ।" लोगों ने बताया कि "वह एक चाचा का घर है। साधु-महात्माओं का आदर सत्कार करते हैं। 'अखिल ब्रह्माण्डमां एक तुं श्रीहरि' का पाठ उनका पक्का हो गया है। वहाँ आपको ठीक रहेगा।" उन्होंने उन सज्जन चाचा का पता बताया।
दोनों संन्यासी वहाँ गये। चाचा ने प्रेम से सत्कार किया, भोजन कराया और रात्रि-विश्राम के लिए बिछौना दिया। रात्रि को कथा-वार्ता के दौरान एक संन्यासी ने प्रश्न कियाःक
"आपने कितने तीर्थों में स्नान किया है ? कितनी तीर्थयात्राएँ की हैं। ? हमने तो चारों धाम की तीन-तीन बार यात्रा की है।"
चाचा ने कहाः "मैंने एक भी तीर्थ का दर्शन या स्नान नहीं किया है। यहीं रहकर भगवान का भजन करता हूँ और आप जैसे भगवत्स्वरूप अतिथि पधारते हैं तो सेवा करने का मौका पा लेता हूँ। अभी तक कहीं भी नहीं गया हूँ।"
दोनों संन्यासी आपस में विचार करने लगेः "ऐसे व्यक्ति का अन्न खाया ! अब यहाँ से चले जायें तो रात्रि कहाँ बितायेंगे ?यकायक चले जायें तो उसको दुःख भी होगा। चलो, कैसे भी करके इस विचित्र वृद्ध के यहाँ रात्रि बिता दें। जिसने एक भी तीर्थ नहीं किया उसका अन्न खा लिया, हाय !" आदि-आदि। इस प्रकार विचारते हुए वे सोने लगे लेकिन नींद कैसे आवे ! करवटें बदलते-बदलते मध्यरात्रि हुई। इतने में द्वार से बाहर देखा तो गौ के गोबर से लीपे हुए बरामदे में एक काली गाय आयी.... फिर दूसरी आयी.... तीसरी, चौथी.... पाँचवीं... ऐसा करते-करते कई गायें आयीं। हरेक गाय वहाँ आती, बरामदे में लोटपोट होती और सफेद हो जाती तब अदृश्य हो जाती। ऐसी कितनी ही काली गायें आयीं और सफेद होकर विदा हो गयीं। दोनों संन्यासी फटी आँखों से देखते ही रह गये। वे दंग रह गये कि यह क्या कौतुक हो रहा है !
आखिरी गाय जाने की तैयारी में थी तो उन्होंने उसे प्रणाम करके पूछाः
"हे गौ माता ! आप कौन हो और यहाँ कैसे आना हुआ ? यहाँ आकर आप श्वेतवर्ण हो जाती हो इसमें क्या रहस्य है ? कृपा करके आपका परिचय दें।"
गाय बोलने लगीः "हम गायों के रूप में सब तीर्थ हैं। लोग हममें गंगे हर... यमुने हर.... नर्मदे हर... आदि बोलकर गोता लगाते हैं। हममें अपने पाप धोकर पुण्यात्मा होकर जाते हैं और हम उनके पापों की कालिमा मिटाने के लिए द्वन्द्व-मोह से विनिर्मुक्त आत्मज्ञानी, आत्मा-परमात्मा में विश्रान्ति पाये हुए सत्पुरूषों के आँगन में आकर पवित्र हो जाते हैं। हमारा काला बदन पुनः श्वेत हो जाता है। तुम लोग जिनको अशिक्षित, गँवार, बूढ़ा समझते हो वे बुजुर्ग तो जहाँ से तमाम विद्याएँ निकलती हैं उस आत्मदेव में विश्रान्ति पाये हुए आत्मवेत्ता संत हैं।"
तीर्थी कुर्वन्ति जगतीं.... ऐसे आत्मारामी ब्रह्मवेत्ता महापुरुष जगत को तीर्थरूप बना देते हैं। अपनी दृष्टि से, संकल्प से, संग से जन-साधारण को उन्नत कर देते हैं। ऐसे पुरुष जहाँ ठहरते हैं, उस जगह को भी तीर्थ बना देते हैं। जैन धर्म ने ऐसे पुरुषों को तीर्थंकर (तीर्थ बनाने वाले) कहा है।
शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2018
लक्ष्मी नाराज हो गयी -- और चली गयी स्विट्जरलैंड के बैंक में ।
सरस्वती माता नाराज होकर चली गयी जापान , इसिलए वहां के बच्चे ज्यादा बुद्धिमान होते है ।
माँ अन्नपूर्णा चली गयी , अमेरिका वहां के लोग अब अच्छी सेहत वाले होते है ।
बजरंग बली चले गये , यूरोप इसिलए वहां के लोग WWF के पहलवान हो गये ।
कुबेर चले गये सऊदी अरब ,इसिलए वहां के लोग अमीर हो गये ।
विश्वकर्मा चले गये चीन, इसलिए वहां सबसे ज्यादा फैक्ट्रियां हैं।
सारे देवी - देवता विदेशी यात्रा पर है , और माननीय मोदी जी ,उन्हें ही मनाने जाते है ।ये गोपनीय जानकारी सिर्फ मेरे पास थी , अब आपके पास भी आ गयी ।
अब बार बार मत पूछना की मोदी बार बार विदेश क्यो घूमने जाता है?