रविवार, 25 फ़रवरी 2018

✍ *मै झुकता हूँ, क्योंकि मुझे रिश्ते निभाने का शौक है...;*
     *वरना*
     *गलत तो हम कल भी*
     *नहीं थे और आज भी नहीं हैं...*

     *मैं अपने गम में रहता हूँ,*
     *नबाबों की तरह..!*
     *परायी खुशियों के पास*
     *जाना मेरी आदत नहीं...!*

     *सबको हँसता ही देखना*
     *चाहता हूँ मैं*,
     *किसी को धोखे से भी*
     *रुलाना मेरी आदत नहीं..,*

     *बाँटना चाहता हूँ, तो बस*
     *प्यार और मोहब्बत...,*
     *यूँ नफरत फैलाना मेरी*
     *आदत नहीं...!!*

     *जिंदगी मिट जाए, किसी*
     *के खातिर गम नहीं,*
     *कोई बद्दुआ दे मरने की*
     *यूँ जीना मेरी आदतनहीं...!*

     *दोस्ती होती है, दिलों से*
     *चाहने पर*,
     *जबरदस्ती दोस्ती करना,*
     *मेरी आदत नहीं..!*

     *नाम छोटा है, मगर दिल*
     *बड़ा रखता हूँ...,*
     *पैसों से उतना अमीर नहीं हूँ...,*
     *मगर,*
     *अपने यारों के गम...*
     *खरीदने की हैसियत रखता हूँ।*

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