गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

दो महिलाओं का वार्तालाप देखिए ---पहली : और कल शाम कैसी रही ?दूसरी : अरे बेडागर्क !वो ऑफिस से आए, फटाफट खाना खाया और चुपचाप सो गये !बात तक न की मुझसे !तुम सुनाओ, तुम्हारी कैसी रही ??पहली : अरे ऑसम, सो रोमाँटिक !वो ऑफिस से आए, फिर हम एक बढिया रेस्टोरेंट में डिनर परगये !फिर एक लांग रोमांटिक वॉक !फ़िर घर पर आकर इन्होंने चारों तरफ कैंडल लगा दी !क्या बताऊँ यार कितना जबरदस्त माहौल बन गया !!---------अब इन्हीं महिलाओं के पतियों का वार्तालापदेखिए ---पहला : हाँ भई, कल शाम क्या रहा ?दूसरा : अरे बेहतरीन !घर पहुँचा, शाँति सेखाना खाया और फिर आराम से सो गया !नो चिक चिक झिक झिक, शानदार रहा सब !तू सुना, तेरा क्या रहा ??पहला : अरे अपनी तो लग गई यार !घर पहुँचा तो देखा कि बिजली वाले कनैक्शन काट गये, क्यूँकि मैं घर की टैंशन में बिल पे करना भूल गया था !अंधेरा होने के कारण बीवी ने खाना नहीं बनाया, तो बाहर खाने जाना पडा !वहाँ वो कमबख्त रेस्टोरेंट इतना महँगा निकला कि जेब खाली हो गई !ऑटो तक के पैसे ना बचे, इसलिए पैदल परेड करनी पडी घर तक ! घर पर बिजली नहीं थी, तो सारी रात मोमबत्ती जलाकर बिना पंखे के रहे यार !मच्छर खा गये !कुल मिलाकर ऐसी सत्यानाशी शाम ना देखी कभी !! #

दो महिलाओं का वार्तालाप देखिए ---

पहली : और कल शाम कैसी रही ?

दूसरी : अरे बेडागर्क !
वो ऑफिस से आए, फटाफट खाना खाया और चुपचाप सो गये !
बात तक न की मुझसे !
तुम सुनाओ, तुम्हारी कैसी रही ??

पहली : अरे ऑसम, सो रोमाँटिक !
वो ऑफिस से आए, फिर हम एक बढिया रेस्टोरेंट में डिनर पर
गये !
फिर एक लांग रोमांटिक वॉक !
फ़िर घर पर आकर इन्होंने चारों तरफ कैंडल लगा दी !
क्या बताऊँ यार कितना जबरदस्त माहौल बन गया !!
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अब इन्हीं महिलाओं के पतियों का वार्तालाप
देखिए ---

पहला : हाँ भई, कल शाम क्या रहा ?

दूसरा : अरे बेहतरीन !
घर पहुँचा, शाँति से
खाना खाया और फिर आराम से सो गया !
नो चिक चिक झिक झिक, शानदार रहा सब !
तू सुना, तेरा क्या रहा ??

पहला : अरे अपनी तो लग गई यार !
घर पहुँचा तो देखा कि बिजली वाले कनैक्शन काट गये, क्यूँकि मैं घर की टैंशन में बिल पे करना भूल गया था !
अंधेरा होने के कारण बीवी ने खाना नहीं बनाया, तो बाहर खाने जाना पडा !
वहाँ वो कमबख्त रेस्टोरेंट इतना महँगा निकला कि जेब खाली हो गई !
ऑटो तक के पैसे ना बचे, इसलिए पैदल परेड करनी पडी घर तक ! घर पर बिजली नहीं थी, तो सारी रात मोमबत्ती जलाकर बिना पंखे के रहे यार !
मच्छर खा गये !
कुल मिलाकर ऐसी सत्यानाशी शाम ना देखी कभी !!
 

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