शनिवार, 23 अक्तूबर 2021

अपने ऊपर विश्वास करो

अपने ऊपर विश्वास करो 

      (1) यदि प्राणियों को अपनी सामर्थ्य का ज्ञान हो जाय, तो वे कुछ से कुछ बन सकते हैं। घोड़े और हाथी जो हमारी सवारी के काम आते हैं, यदि अपनी शक्ति को समझ जायँ, तो वह इस प्रकार मनुष्य के बन्धन में नहीं रहेंगे।
       ठीक इसी प्रकार यदि तुम अपनी सामर्थ्य को समझ जाओ, तो परिस्थितियों के गुलाम नहीं बन सकते। आत्मज्ञान होने पर संसार भाररूप प्रतीत नहीं हो सकता।
      (2) "क्या करें, परिस्थितियाँ हमारे अनुकूल नहीं हैं।", "कोई हमारी सहायता नहीं करता।", "कोई मौका नहीं मिलता" आदि शिकायतें निरर्थक है। अपने दोष को दूसरों पर थोपने के लिए इस प्रकार की बातें अपने दिलजमई के लिए ही कहीं जाती हैं।
       कभी प्रारब्ध को मानते हैं, कभी देवी-देवताओं के सामने नाक रगड़ते हैं, कभी पूजा-पाठ करने बैठते हैं, किन्तु जब इस पर भी धन नहीं मिलता और मनोकामनाएँ पूरी नहीं हो, तो उन पर से विश्वास उठ जाता है। इस सब का कारण है अपने ऊपर विश्वास का न होना।
      (3)  दूसरों को बलवान, धनवान, विद्वान और सुखी देखकर हम परमात्मा के न्याय पर उँगली उठाने लगते हैं, पर यह नहीं देखते कि जिस परिश्रम और क्रिया कुशलता से इन सुखी लोगों ने अपने काम पूरे किए हैं, क्या वह हमारे अन्दर है?
       ईश्वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करता, उसने वह आत्म-शक्ति सबको मुक्त हाथों से प्रदान की है, जिसके आधार पर वह उन्नति कर सके।
       जब निराशा और असफलताओं को अपने चारों ओर मँडराते देखें, तो समझो कि तुम्हारा चित्त स्थिर नहीं। तुम अपने ऊपर विश्वास नहीं करते।

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