शुक्रवार, 9 मार्च 2018

      नंदवंश का गौरव
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न्यायी/नाई वंशी राजाओ का शासन काल
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  नाम         शासन काल वर्ष में
1.बिम्बिसार                 52
2.अजातशत्रु                32
3.उदय भद्र                  16
4.अनुरुद्र और
5.मुण्ड                         08
6.नागदासक                24
7.शशुनाग के पुत्र         28
9.काकवर्ण                    28
10.महापद्मनंद              40
11.चंद्रगुप्त मौर्य           24
12.बिंदुसार                  28
13.सम्राट अशोक        40
14.कुणाल                  08
15.दशरथ                  08
16.सम्प्रति                  08
17.शाली शुक            01
18.देव वर्मा                08
19.शतधन्वा                08
20.बृहद्रथ                 07
स्थानिय राजाओ के रूप
में मौर्य राजाओ ने           400

कुल                    791

ये सभी राजाओ ने अपने पूवजो के विचारधारा को अपनाकर समाज का नेतृत्व किया था।ये असली समाज के नेता थे। न्यायी/नाई का वंश जीसपर हमे गर्व है। जो भी राजा अज्ञानतावश बिदेशीओ  के जाल में फसा वह अपना अंत समय मे प्राण जैन धर्म के अनुसार त्याग किया।
जैसे:-चंद्रगुप्त मौर्य मरने के काल मे जैन धर्म की दीक्षा ली। उनका बेटा बिंदुसार आजीवन जैन धर्म अपनालिया था। इसलिए कहा गया है।जो इतिहास से सबक नही सिखाता वह भविष्य का निर्माण नही करता। इसलिए बिना विचारधारा बदले समाजt का उत्थान नही हो सकता है। इतिहास गवाह है जब  सम्राट अशोक विदेशी वैदिक विचारधारा के साथ था तो इतिहास उसका नाम चण्ड अशोक दिया।जब अपने पूवजो का विचारधारा को अपनाकर पूरे विश्व मे प्रचार कीया तब उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में देवनप्रिय चक्रवर्ती सम्राट अशोक इतिहास में लिखा गया है और भारत को विश्वगुरु का सम्मान दिलाया है। सत्य बिचारधारा अपने पूवजो का होता है।यही स-धर्म भी है। विदेशी विचारधारा का जाप करना मुर्खता है। जितना जल्दी नंदवंशी को समझ आएगा उतना जल्दी भविष्य उज्ज्वल होगा। जीवन को महान बनाने में विचारधार का ही महत्व व रोल  होता है।
जय भारत।

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