सोमवार, 5 मार्च 2018

पत्नी की फटकार का महत्व-

पत्नी की फटकार सुनी जब,
तुलसी भागे छोड़ मकान।
राम चरित मानस रच डाला,
जग में बन गए भक्त महान।।

             पत्नी छोड़ भगे थे जो जो,
             वही बने विद्वान महान।
             गौतम बुद्ध महावीर तीर्थंकर,
             पत्नी छोड़ बने भगवान।।

पत्नी छोड़ जो भागे मोदी
हुए आज हैं पंत प्रधान।।
अडवाणी ना छोड़ सके तो,
देख अभी तक हैं परेशान।।

             नहीं कि है शादी पप्पू ने,
             नहीं सुनी पत्नी की तान।
             इसीलिए फिरते है भटकते,
             बन न सके राजनेता महान।।

हम भी पत्नी छोड़ न पाए,
इसीलिए तो हैं परेशान।
पत्नी छोड़ बनो सन्यासी,
पाओ मोक्ष और निर्वाण।।

(हास्य कविता का केवल आनन्द लीजिये.

रिस्क केवल अपने दम पर लें.... )

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