शनिवार, 30 अप्रैल 2016

ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है पीला रंग


घोड़े की नाल से दूर होती हैं कई बाधाएं


शनिवार को तेल कयो नहीं खरीद ना चाहिए?

क्या फायदा इतनी पढाई करने का?जब आखिरमेँये ही पता ना चलेकिससुराल कोअंग्रेजी मेँ क्या कहते हैँ?आपको पता हो तो बताओ😕😕😕
एक लड़के को अपनी शादी के लिए लड़की नहीं मिल रही थी।बेचारे ने परेशान होकर अपने घर के बाहर एक नोटिस लगा दिया,"इस घर में लड़कियों का प्रवेश निषेध है"अगले ही दिन, तृप्ति देसाई, 40-50 लड़कियाँ लेकर आ.गई।
🙏एक बार,एक'अत्यंत गरीब" महिला,जो "कान्हा" पर,बेइंतिहा "विश्वास"करती थी !!!🙏अत्यंत ही,विकट स्थिति में आ गई !!!!!🙏कई दिनों से खाने के लिए,पूरे परिवार को नहीं मिला !!!🙏एक दिन,उसने रेडियो के माध्यम से,"कान्हा"को,अपना सन्देश भेजा, कि वह उसकी मदद करे !!!🙏यह प्रसारण,एक"नास्तिक, घमण्डी,और अहंकारी"," उद्योगपति" ने,सुना !!!!🙏और उसने सोचा कि, क्यों न, इस महिला के साथ, कुछ ऐसा "मजाक"किया जाये,कि उसकी "कृष्ण"के प्रति"आस्था", डगमगा जाये !!!!🙏उसने,अपने"सेक्रेटरी"को कहा, कि वह,"ढेर सारा खाना"और"महीने भर का राशन",उसके घर पर,देकर आ जाये !!!!🙏और जब वह महिला पूछे,किसने भेजा है ??? तो,कह देना,कि "शैतान" ने भेजा है !!!🙏जैसे ही,"महिला"के पास,सामान पंहुचा !!!! पहले तो,उसके" परिवार"ने,तृप्त होकर,भोजन किया !!!!🙏फिर, वह सारा राशन,"अलमारी" में रखने लगी !!!🙏जब,"महिला"ने पूछा नहीं कि, यह सब किसने भेजा है ????🙏तो,"सेक्रेटरी"से रहा नहीं गया, और पूछा !!!!🙏आपको क्या"जिज्ञासा" नहीं होती कि, यह सब किसने भेजा है ???🙏👌उस"महिला" ने,"बेहतरीन" जवाब दिया !!!🙏👌मैं इतना क्यों सोंचू,या पूंछू ????????🙏👌मुझे, मेरे "कान्हा"पर,"पूरा भरोसा" है !!!!🙏👌मेरा"कृष्ण",जब आदेश देता है, तो,"शैतानों"को भी,उस"आदेश"का, पालन करना पड़ता है��!!हरे कृष्णा...🙏
जाट को खेत में टयूबवेल लगवाना था ! सोचा कि बाबा जी से पूछ लू कि पानी कहां होगा ? . बाबा जी ने सारे खेत में घूम कर एक कोने में हाथ रख दिया और बोला कि यहां टयूबवेल लगा ले और 1100 रु. ले लिये ! . जाट बेचारा भुरभुरे स्वभाव का था ! . बाबा जी से बोला: मैं बहुत खुश हूं...आप मेरे घर खाना खाने आओ ! . बाबा ने सोचा कि फंस गई सामी आज तो... और हां कर दी ! . जाट घर जा कर अपनी पत्नि से बोला," बाबा जी जिम्मण आवेंगे पकवान बना ले और एक कटोरी में नीचे देसी घी और उपर चावल डाल दिये ! . पत्नि बोली कि घी तो उपर होता है! . जाट बोला कि आज तू घी नीचे रखिये ! . बाबा जी आ गये और चावल वाली कटोरी देख कर बोले ," बेटा इसमें घी तो है ही नहीं ! . जाट ने चप्पल निकाल के एक धरी बाबा के कान के नीचे और बोला," तन्नै खेत में 250 फुट नीचे का पानी देख लिया... कटोरी में 2 इंच नीचे घी नी दिक्खया ?

एक कारोबारी सेठ सुबह सुबह जल्दबाजी में घर से बाहर निकल कर ऑफिस जाने के लिए कार का दरवाजा खोल कर जैसे ही बैठने जाता है, उसका पाँव गाड़ी के नीचे बैठे कुत्ते की पूँछ पर पड़ जाता है। दर्द से बिलबिलाकर अचानक हुए इस वार को घात समझ वह कुत्ता उसे जोर से काट खाता है। गुस्से में आकर सेठ आसपास पड़े 10-12 पत्थर कुत्ते की ओर फेंक मारता है पर भाग्य से एक भी पत्थर उसे नहीं लगता है और वह कुत्ता भाग जाता है। जैसे तैसे सेठजी अपना इलाज करवाकर ऑफिस पहुँचते हैं जहां उन्होंने अपने मातहत मैनेजर्स की बैठक बुलाई होती है। यहाँ अनचाहे ही कुत्ते पर आया उनका सारा गुस्सा उन बिचारे प्रबन्धकों पर उतर जाता है। वे प्रबन्धक भी मीटिंग से बाहर आते ही एक दूसरे पर भड़क जाते हैं - बॉस ने बगैर किसी वाजिब कारण के डांट जो दिया था। अब दिन भर वे लोग ऑफिस में अपने नीचे काम करने वालों पर अपनी खीज निकलते हैं – ऐसे करते करते आखिरकार सभी का गुस्सा अंत में ऑफिस के चपरासी पर निकलता है जो मन ही मन बड़बड़ाते हुए भुनभुनाते हुए घर चला जाता है। घंटी की आवाज़ सुन कर उसकी पत्नी दरवाजा खोलती है और हमेशा की तरह पूछती है “आज फिर देर हो गई आने में.............” वो लगभग चीखते हुए कहता है “मै क्या ऑफिस कंचे खेलने जाता हूँ ? काम करता हूँ, दिमाग मत खराब करो मेरा, पहले से ही पका हुआ हूँ, चलो खाना परोसो” अब गुस्सा होने की बारी पत्नी की थी, रसोई मे काम करते वक़्त बीच बीच में आने पर वह पति का गुस्सा अपने बच्चे पर उतारते हुए उसे जमा के तीन चार थप्पड़ रसीद कर देती है। अब बिचारा बच्चा जाए तो जाये कहाँ, घर का ऐसा बिगड़ा माहौल देख, बिना कारण अपनी माँ की मार खाकर वह रोते रोते बाहर का रुख करता है, एक पत्थर उठाता है और सामने जा रहे कुत्ते को पूरी ताकत से दे मारता है। कुत्ता फिर बिलबिलाता है ......................... दोस्तों ये वही सुबह वाला कुत्ता था !!! अरे भई उसको उसके काटे के बदले ये पत्थर तो पड़ना ही था केवल समय का फेर था और सेठ जी की जगह इस बच्चे से पड़ना था !!! उसका कार्मिक चक्र तो पूरा होना ही था ना !!! इसलिए मित्र यदि कोई आपको काट खाये, चोट पहुंचाए और आप उसका कुछ ना कर पाएँ, तो निश्चिंत रहें, उसे चोट तो लग के ही रहेगी, बिलकुल लगेगी, जो आपको चोट पहुंचाएगा, उस का तो चोटिल होना निश्चित ही है, कब होगा किसके हाथों होगा ये केवल ऊपरवाला जानता है पर होगा ज़रूर , अरे भई ये तो सृष्टी का नियम है !!!
स्कंद पुराण ========प्रयाग से 10 गुना पुण्यमयी कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र से 10 गुना पुण्यमयी गया जी गया जी से भी 10 गुना पुण्यमयी पुष्कर पुष्कर से भी 10 गुना पुण्यमयी त्र्यंबकेश्वर त्र्यंबकेश्वर से भी 10 गुना पुण्यमयी काशी औरकाशी से भी 10 गुना पुण्यमयी अवंतिका (उज्जयिनी) उज्जयिनी की कुछ विशेषताएं १) यहाँ पर भगवान सूर्य, भगवान शिव और भगवती शक्ति स्वरूपा एक साथ विराजमान हैं २) भगवान श्री कृष्ण का अध्ययन स्थली उज्जयिनी ३) भारतीय ज्योतिष में काल की गणना का स्थान उज्जयिनी ४) विश्व में एकमात्र दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग ५) भगवान सूर्य नारायण के विलक्षण पुत्र अंराज कर्ण के अंतिम संस्कार का स्थान उज्जयिनी ६) देवी रति को कामदेव की प्राप्ति का स्थान उज्जयिनी ७) यहाँ 7 सागर, 9 नारायण, 108 हनुमान और 84 विशेष शिव लिंग (जिनकी स्थापना भी भगवान शिव शंकर ने ही करी)। 8) स्वर्ग की यात्रा करने वाली विश्वभूमि का एक मात्र टुकड़ा। 9) क्षिप्रा में स्वयं गंगा वर्ष में एक बार अपने पाप धोने आती हैं। 10) एशिया का सबसे बड़ा और सिद्ध श्मशान 11) भगवान नरसिंह के क्रोध की शांत का स्थान 12) भगवान राम ने अपने पिता का श्राद्ध यही किया। 13) मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान 14) भगवान कृष्ण के द्वारा नौ ग्रहों की स्थापना का स्थान 15) यमराज का कदाचित् एकमात्र अति प्राचीन मंदिर।जो ऐसे स्थान पर न आए उससे दुर्भाग्यशाली कौन होगा ??जय श्री महाँकाल
MP-01-Government of Madhya Pradesh: State Governor's vehicle MP-02-Government of Madhya Pradesh: government vehicles 🚔 MP-03-Government of Madhya Pradesh: police vehicles🚘 MP-04-Bhopal🚘 MP-05Hoshangabad🚘 MP-06-Morena🚘 MP-07-Gwalior🚘 MP-08-Guna🚘 MP-09-Indore🚘 MP-10-Khargone🚘 MP-11-Dhar🚘 MP-12-Khandwa🚘 MP-13-Ujjain🚘 MP-14-Mandsaur🚘 MP-15-Sagar🚘 MP-16-Chhatarpur🚘 MP-17-Rewa🚘 MP-18-Shahdol🚘 MP-19-Satna🚘 MP-20-Jabalpur🚘 MP-21-Katni🚘 MP-22-Seoni🚘 MP-28-Chhindwara🚘 MP-30-Bhind🚘 MP-31-Sheopur🚘 MP-32-Datia🚘 MP-33-Shivpuri🚘 MP-34-Damoh🚘 MP-35-Panna🚘 MP-36-Tikamgarh🚘 MP-37-Sehore🚘 MP-38-Raisen🚘 MP-39-Rajgarh🚘 MP-40-Vidisha🚘 MP-41-Dewas🚘 MP-42-Shajapur🚘 MP-43-Ratlam🚘 MP-44-Neemuch🚘 MP-45-Jhabua🚘 MP-46-Barwani🚘 MP-47-Harda🚘 MP-48-Betul🚘 MP-49-Narsinghpur🚘 MP-50-Balaghat🚘 MP-51-Mandla🚘 MP-52-Dindori🚘 MP-53-Sidhi🚘 MP-54-Umaria🚘 MP-65-Anuppur🚘 MP-66-Singrauli🚘 MP-67-Ashoknagar🚘 MP-68-Burhanpur🚘 MP-69-Alirajpur🚘 MP-70-Agar......... म०प्र० का सोमनाथ 🚩-भोजपुर म०प्र० का डेट्राइट🏭 - पीथमपुर म०प्र० की जीवनरेखा 🌊- नर्मदा म०प्र० का जिब्राल्टर ❄- ग्वालियर म०प्र० की संस्कारधानी 🙏- जबलपुर म०प्र० की औद्योगिक राजधानी 🏭- इंदौर म०प्र० की मार्बल सिटी 🌁- जबलपुर म०प्र० की डायमंड सिटी 🎆- पन्ना म०प्र० की पहाड़ो की रानी🌁- पचमड़ी म०प्र० का न्याग्रा फाल्स 🌊- धुआँधार म०प्र० का पशुपतिनाथ 🙏- मंदसौर म०प्र० का मंदिरों का नगर 🚩- उज्जैन म०प्र० का लखनऊ 🏰- सिवनी म०प्र० का बागियों का शहर 👨- भिण्ड म०प्र० का नवाबों का शहर 🎎- भोपाल म० प्र० का झीलों का शहर🚣- भोपाल म०प्र० में संगीत का शहर 🎤- ग्वालियर म०प्र० में सफेद बाघों की जन्मभूमि 🐯- गोविन्दगढ़ ,रीवा म०प्र० का स्विटजरलैंड🌁- सागर म०प्र का अफीम का शहर🌿- मंदसौर- नीमच म०प्र० का मोगलीलैंड- पेंच म० प्र० की खेल राजधानी 🎯🏆🏊- भोपाल म०प्र० की ऊर्जा राजधानी 💡- सिंगरौली म०प्र० का अन्न भंडार 🌽- मालवा म०प्र० का सफेद सोने का क्षेत्र ☁- निमाड़ म०प्र० की शिक्षा राजधानी 🎓- भोपाल म०प्र० का सांस्कृतिक केंद्र🔮- भारत भवन म० प्र० की सांस्कृतिक पहचान 🎏- खजुराहो म० प्र० की न्यायिक राजधानी 🎓- जबलपुर एम० पी ० अजब है एम० पी० गजब है......मध्यप्रदेश में आप सभी का स्वागत है।
एक दिन प्रभु श्री राम जी ने हनुमान जी से कहा कि हनुमान ! मैंने तुम्हें कोई पद नहीं दिया ।मैं चाहता हूँ कि तुम्हें कोई अच्छा सा पद दे दूँ । क्योंकि सुग्रीव को तुम्हारे कारण किष्किन्धा का पद मिला, विभीषण को भी तुम्हारे कारण लंका का पद मिला और मुझे भी तो तुम्हारी सहायता के कारण ही अयोध्या का पद मिला । परंतु तुम्हें कोई पद नहीं मिला ।हनुमानजी ने कहा --- प्रभु ! सबसे ज्यादा लाभ में तो मैं हूँ।भगवान राम ने पूछा --कैसे।हनुमान जी ने कहा -सुग्रीव को किष्किन्धा का एक पद मिला, विभीषण को लंका का एक पद मिला औरआप को भी अयोध्या एक पद ही मिला ।हनुमानजी ने भगवान के चरणों में सिर रख कर कहा कि प्रभु ! जिसे आपके ये दो दो पद मिले हों, वह एक पद क्यों लेना चाहेगा ।भगवान राम हनुमानजी की बात सुनकर रघुवर के नयन सजल हो गए ।🍃सब कै ममता ताग बटोरी।ममपद मनहि बाँधि वर डोरी।।🍃
किस्मत आपके हाथ में नहीं होती पर निर्णय आपके हाथ में होता है।किस्मत आपका निर्णय नहीं बदल सकती पर आपका निर्णय आपकी किस्मत बदल सकता है।

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016




जल ही जीवन हैं जल है तो कल है हमारी बचत इनको जीवन दे सकती हैं
जब भी अपनी शख्शियत पर अहंकार हो,एक फेरा शमशान का जरुर लगा लेना।और....जब भी अपने परमात्मा से प्यार हो,किसी भूखे को अपने हाथों से खिला देना।जब भी अपनी ताक़त पर गुरुर हो,एक फेरा वृद्धा आश्रम का लगा लेना।और….जब भी आपका सिर श्रद्धा से झुका हो,अपने माँ बाप के पैर जरूर दबा देना।जीभ जन्म से होती है और मृत्यु तक रहती है क्योकि वो कोमल होती है.दाँत जन्म के बाद में आते है और मृत्यु से पहले चले जाते हैं... क्योकि वो कठोर होते है। छोटा बनके रहोगे तो मिलेगी हरबड़ी रहमत...बड़ा होने पर तो माँ भी गोद से उतारदेती है..किस्मत और पत्नीभले ही परेशान करती है लेकिनजब साथ देती हैं तोज़िन्दगी बदल देती हैं.।।"प्रेम चाहिये तो समर्पण खर्च करना होगा।विश्वास चाहिये तो निष्ठा खर्च करनी होगी।साथ चाहिये तो समय खर्च करना होगा।किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं ।मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती ।एक साँस भी तब आती है,जब एक साँस छोड़ी जाती है!!"?.: 🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱नंगे पाँव चलते “इन्सान” को लगता हैकि “चप्पल होते तो क अच्छा होता”बाद मेँ……….“साइकिल होती तो कितना अच्छा होता”उसके बाद में………“मोपेड होता तो थकान नही लगती”बाद में………“मोटर साइकिल होती तो बातो-बातो मेँरास्ता कट जाता”फिर ऐसा लगा की………“कार होती तो धूप नही लगती”🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀फिर लगा कि,“हवाई जहाज होता तो इस ट्रैफिक का झंझटनही होता”🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱जब हवाई जहाज में बैठकर नीचे हरे-भरे घास के मैदानदेखता है तो सोचता है,कि “नंगे पाव घास में चलता तो दिलको कितनी “तसल्ली” मिलती”…..🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀” जरुरत के मुताबिक “जिंदगी” जिओ – “ख्वाहिश”….. केमुताबिक नहीं………🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱क्योंकि ‘जरुरत’तो ‘फकीरों’ की भी ‘पूरी’ हो जाती है, और‘ख्वाहिशें’….. ‘बादशाहों ‘ की भी “अधूरी” रह जाती है”…..🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀“जीत” किसके लिए, ‘हार’ किसके लिए‘ज़िंदगी भर’ ये ‘तकरार’ किसके लिए…🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱जो भी ‘आया’ है वो ‘जायेगा’ एक दिनफिर ये इतना “अहंकार” किसके लिए…🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀ए बुरे वक़्त !ज़रा “अदब” से पेश आ !!“वक़्त” ही कितना लगता है“वक़्त” बदलने में………🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱🍀🌱मिली थी ‘जिन्दगी’ , किसी के‘काम’ आने के लिए…..पर ‘वक्त’ बीत रहा है , “कागज” के “टुकड़े” “कमाने” के
बीमारियों को मिलता है Invitationमोटापा केवल एक अवस्था नहीं है बल्कि कई बीमारियों की वजह बन सकता है। यदि समय रहते इसे कम करने का प्रयास न किया जाए तो जानलेवा भी हो सकता है।मोटापा एक बीमारी है । थकान, आलस,नींद न आना,यदि किसी का वजन उसकी ऊंचाई से 20% अधिक हैं तो इसे सामान्य नहीं माना जा सकता औऱ यह बीमारियों का कारण हो सकता हैं।Heart Disease,Strokeटाइप 2 डायबिटीजकैंसर- कोलन,ब्रेस्ट,किडनी, भोजन नली,Gallbladder,ओवरीज,पेनक्रियाजGallbladder Diseaseफैटी लिवर डिसीजSkin Disease लोअर औऱ बैक पेनबीमारियों. से बढ़ता मोटापा - मोटापा की वजह से बीमारियां तो है ही , औऱ कई बार बीमारियां मोटापा की वजह बनता है। थायराँइड से जुडी परेशानी का प्रभाव सीधे वजन पर पड़ता है।

अक्षय तृतीया के शुभ दिवस मे ही अग्रवंश शिरोमणि महाराज श्री अग्रसेन और महारानी मांडवी का विवाह सम्पन्न हुआ था। ये वर्णन 'अग्र कुल कलश' नामक रचना में वर्णित है।
अक्षय तृतीया जो इस वर्ष 9 May को है उसका महत्व क्यों है जानिए कुछ महत्वपुर्ण जानकारी- 🙏 आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था । 🙏-महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था । 🙏-माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था। 🙏-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था । 🙏- कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था । 🙏- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था । 🙏-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था । 🙏-ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था । 🙏- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है । 🙏- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है । 🙏- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था । 🙏- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है

गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

आप अपने आधार कार्ड को वोटर लिस्ट से जोड़े इसके लिए कहि चक्कर काटने की जरुरत नही है ऑनलाइन सुविधा है इसके लिए गूगल में nvsp लिखना हैउसके बाद होम पेज खुलेगा राईट साइड में एक आप्शन आएगा feed aadhar number उस पे क्लिक करना है वहाँ पर 1 नाम 2 आधारकार्ड नंबर 3 वोटर id नंबर 4 मोबाइल नंबर 5 किसका कार्ड है रेलेटिव का है या खुद का है उसके बाद ok बटन पे क्लिक करे 1 मिनट बाद आपका कार्ड लिंक हो जायेगा ।
मंगल दोष वैवाहिक जीवन में समस्याएँ खड़ी करता है।ऐसा माना जाता है कि अगर एक मांगलिक व्यक्ति दूसरे मांगलिक व्यक्ति से विवाह करता है तो मंगल दोष रद्द हो जाता है।ग्रह शांति (अगर मंगल दोष उपस्थित हो तो)उपाय (विवाह से पहले किए जाने चाहिए)कुंभ विवाह, विष्णु विवाह और अश्वत्थ विवाह मंगल दोष के सबसे ज़्यादा मान्य उपाय हैं। अश्वत्थ विवाह का मतलब है पीपल या बरगद के वृक्ष से विवाह कराकर, विवाह के पश्चात् उस वृक्ष को कटवा देना।उपाय (विवाह पश्चात् भी किए जा सकते हैं।)*.केसरिया गणपति अपने पूजा गृह में रखें एवं रोज़ उनकी पूजा करें।*.हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।*.महामृत्युंजय का पाठ करें।उपाय (ये लालकिताब आधारित उपाय हैं जोकि विवाह पश्चात् किए जा सकते हैं)*.चिड़ियों को कुछ मीठा खिलाएँ।*.घर पर हाथी-दांत रखें।*.बरगद के पेड़ की पूजा मीठे दूध से करें।

अभिमान को "आने" मत दो और स्वाभिमान को "जाने" मत दो ।अभिमान आपको "उठने" नहीं देगा और स्वाभिमान "गिरने" नहीं देगा ।जिसकी नीति "अच्छी" होगी उसकी हमेशा "उन्नति" होगी .

एक 6 साल का छोटा सा बच्चा अक्सर भगवान से मिलने की जिद किया करता था, उसे भगवान् के बारे में कुछ भी पता नही था, पर मिलने की तमन्ना, भरपूर थी। उसकी चाहत थी की एक समय की रोटी वो भगवान के साथ बैठकर खाये। 1दिन उसने1थैले में 5 ,6 रोटियां रखीं और परमात्मा को को ढूंढने के लिये निकल पड़ा। चलते चलते वो बहुत दूर निकल आया संध्या का समय हो गया। उसने देखा एक नदी के तट पर 1 बुजुर्ग माता बैठी हुई हैं, जिनकी आँखों में बहुत ही गजब की चमक थी, प्यार था, किसी की तलाश थी,और ऐसा लग रहा था जैसे उसी के इन्तजार में वहां बैठी उसका रास्ता देख रहीं हों। वो 6-7 साल का मासूम बालक बुजुर्ग माता के पास जाकर बैठ गया, अपने थैले में से रोटी निकाली और खाने लग गया। फिर उसे कुछ याद आया तो उसने अपना रोटी वाला हाँथ बूढी माता की ओर बढ़ाया और मुस्कुरा के देखने लगा, बूढी माता ने रोटी ले ली,माता के झुर्रियों वाले चेहरे पे अजीब सी ख़ुशी आ गई आँखों में ख़ुशी के आंसू भी थे,!! बच्चा माता को देखे जा रहा था , जब माता ने रोटी खाली बच्चे ने1और रोटी माता को दे दी,माता अब बहुत खुश थी। बच्चा भी बहुत खुश था। दोनों ने आपस में बहुत प्यार और स्नेह केे पल बिताये। जब रात घिरने लगी तो बच्चा इजाजत लेकर घर की ओर चलने लगा और वो बार- बार पीछे मुडकर देखता, तो पाता बुजुर्ग माता उसी की ओर देख रही होती हैं, बच्चा घर पहुंचा तो माँ ने अपने बेटे को आया देखकर जोर से गले से लगा लिया और चूमने लगी, बच्चा बहूत खुश था। माँ ने अपने बच्चे को इतना खुश पहली बार देखा तो ख़ुशी का कारण पूछा, तो बच्चे ने बताया! माँ ! आज मैंने भगवान के साथ बैठकर रोटी खाई, आपको पता है माँ उन्होंने भी मेरी रोटी खाई, पर माँ भगवान् बहुत बूढ़े हो गये हैं, मैं आज बहुत खुश हूँ माँ. उधर बुजुर्ग माता भी जब अपने घर पहुँची तो गाव वालों ने देखा माता जी बहुत खुश हैं, तो किसी ने उनके इतने खुश होने का कारण पूछा ?? माता जी बोलीं,,,, मैं 2 दिन से नदी के तट पर अकेली भूखी बैठी थी,, मुझे पता था भगवान आएंगे और मुझे खाना खिलाएंगे। आज भगवान् आए थे, उन्होंने मेरे सांथ बैठकर रोटी खाई मुझे भी बहुत प्यार से खिलाई, बहुत प्यार से मेरी ओर देखते थे, जाते समय मुझे गले भी लगाया,, भगवान बहुत ही मासूम हैं, बच्चे की तरह दिखते हैं। इस कहानी का अर्थ बहुत गहराई वाला है। वास्तव में बात सिर्फ इतनी है की दोनों के दिलों में ईश्वर के लिए अगाध सच्चा प्रेम था । और प्रभु ने दोनों को ,दोनों के लिये, दोनों में ही ( ईश्वर) खुद को भेज दिया। जब मन ईश्वर भक्ति में रम जाता है तो, हमे हर एक जीव में वही नजर आता है। *अहिंसामयी विश्व धर्म की जय हो* |! भारत माता की जय !|

स्वर्ग में गांधीजी ने चित्रगुप्त जी से अपने तीन बंदरों का हाल पूंछा चित्रगुप्त जी ने कहा वो तीनो बहुत मजे में हैं जो अँधा था वह कानून बन गया है जो बहरा था वह सरकार बन गया है और जो गूंगा था वह सबसे मस्त है वह HUSBAND बन गया है
डाली से टूटा फूल फिर से नहीं लग सकता है मगर डाली मजबुत हो तो, उस पर नया फूल खिल सकता है! इसी तरह ज़िन्दगी में खोये पल को ला नहीं सकते, मगर हौसलें व विश्वास से आने वाले हर पल को खुबसूरत बना सकते हैं!

बुधवार, 27 अप्रैल 2016

नाराज़ ना होना कभी यह सोचकर क़ि....काम मेरा और नाम किसी और का हो रहा है।यहाँ सदियों से जलते तो "घी" और "बाती" हैं...पर लोग कहते हैं कि 'दीपक' जल रहा है आइये पहचान की नुमाईश जरा कम करें.......,जहाँ भी"मैं"लिखा है,उसे "हम" करें....!!
कंद-मूल खाने वालों से मांसाहारी डरते थे।।पोरस जैसे शूर-वीर को नमन 'सिकंदर' करते थे॥ चौदह वर्षों तक खूंखारी वन में जिसका धाम था।।मन-मन्दिर में बसने वाला शाकाहारी राम था।।चाहते तो खा सकते थे वो मांस पशु के ढेरो में।।लेकिन उनको प्यार मिला' शबरी' के जूठे बेरो में॥चक्र सुदर्शन धारी थे गोवर्धन पर भारी थे॥ मुरली से वश करने वाले'गिरधर' शाकाहारी थे॥पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम चोटी पर फहराया था।।निर्धन की कुटिया में जाकर जिसने मान बढाया था॥सपने जिसने देखे थे मानवता के विस्तार के।।नानक जैसे महा-संत थे वाचक शाकाहार के॥उठो जरा तुम पढ़ कर देखो गौरवमय इतिहास को।।आदम से गाँधी तक फैले इस नीले आकाश को॥दया की आँखे खोल देख लो पशु के करुण क्रंदन को।।इंसानों का जिस्म बना है शाकाहारी भोजन को॥अंग लाश के खा जाए क्या फ़िर भी वो इंसान है? पेट तुम्हारा मुर्दाघर है या कोई कब्रिस्तान है?आँखे कितना रोती हैं जब उंगली अपनी जलती है।।सोचो उस तड़पन की हद जब जिस्म पे आरी चलती है॥बेबसता तुम पशु की देखो बचने के आसार नही।।जीते जी तन काटा जाए,उस पीडा का पार नही॥खाने से पहले बिरयानी,चीख जीव की सुन लेते।।करुणा के वश होकर तुम भी गिरी गिरनार को चुन लेते॥शाकाहारी बनो...
एक था राजा, एक थी रानी, दोनों मर गए, खत्म कहानी कुछ याद आया, सबने भूतकाल में सुना होगा ! अब भविष्य की सुनो कोख से बेटी, धरती से पानी दोनों मिट गए, खत्म कहानी...
'मस्तानी' बाजीराव की दूसरी बीवी थी,जिसको वो बेहद प्यार करता था ।.'मुमताज़' शाहजहाँ की आठवीं बीवी थी,जिसको वो जान से ज़्यादा प्यार करता था ।."जोधा" अकबर की तीसरी बीवी थीजिन की प्रेम कहानी अमर हुई ।....इतिहास गवाह है.... किसी ने पहलीबीवी से प्यार नहीं किया
* बहाने Vs सफलता * ****************1- मुझे उचित शिक्षा लेने का अवसर नही मिला... उचित शिक्षा का अवसर फोर्ड मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड को भी नही मिला ।**********************2- मै इतनी बार हार चुका , अब हिम्मत नही...अब्राहम लिंकन 15 बार चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने।**********************3- मै अत्यंत गरीब घर से हूँ ...पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे ।*********************4- बचपन से ही अस्वस्थ था...आँस्कर विजेता अभिनेत्री मरली मेटलिन भी बचपन से बहरी व अस्वस्थ थी ।**********************5 - मैने साइकिल पर घूमकर आधी ज़िंदगी गुजारी है...निरमा के करसन भाई पटेल ने भी साइकिल पर निरमा बेचकर आधी ज़िंदगी गुजारी ।**********************6- एक दुर्घटना मे अपाहिज होने के बाद मेरी हिम्मत चली गयी...प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चन्द्रन के पैर नकली है ।**************************7- मुझे बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है...थामस अल्वा एडीसन को भी बचपन से मंदबुद्धि कहा जता था।************************8- बचपन मे ही मेरे पिता का देहाँत हो गया था...प्रख्यात संगीतकार ए.आर.रहमान के पिता का भी देहांत बचपन मे हो गया था।***********************9- मुझे बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी...लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी थी।*********************10- मेरी लंबाई बहुत कम है...सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई कम है।*********************11- मै एक छोटी सी नौकरी करता हूँ ,इससे क्या होगा... धीरु अंबानी भी छोटी नौकरी करते थे।**********************12- मेरी कम्पनी एक बार दिवालिया हो चुकी है , अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा...दुनिया की सबसे बङी शीतल पेय निर्माता पेप्सी कोला भी दो बार दिवालिया हो चुकी है ।*********************13- मेरा दो बार नर्वस ब्रेकडाउन हो चुका है , अब क्या कर पाउँगा...डिज्नीलैंड बनाने के पहले वाल्ट डिज्नी का तीन बार नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था।**************************14- मेरी उम्र बहुत ज्यादा है...विश्व प्रसिद्ध केंटुकी फ्राइड चिकेन के मालिक ने 60 साल की उम्र मे पहला रेस्तरा खोला था।*********************15- मेरे पास बहुमूल्य आइडिया है पर लोग अस्वीकार कर देते है...जेराँक्स फोटो कापी मशीन के आईडिया को भी ढेरो कंपनियो ने अस्वीकार किया था पर आज परिणाम सामने है ।***********************16- मेरे पास धन नही...इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था उन्हे अपनी पत्नी के गहने बेचने पङे।*************************17- मुझे ढेरो बीमारियां है..वर्जिन एयरलाइंस के प्रमुख भी अनेको बीमारियो मे थे | राष्ट्रपति रुजवेल्ट के दोनो पैर काम नही करते थे।*************************आज आप जहाँ भी है या कल जहाँ भी होगे इसके लिए आप किसी और को जिम्मेदार नही ठहरा सकते , इसलिए आज चुनाव करिये -सफलता और सपने चाहिए या खोखले बहाने ...
जो लड़किया अर्धनंग्न कपड़े पहनती है उनके लिये एक पिता की ओर से समर्पित:-एक लड़की को उसके पिता ने iphone गिफ्ट किया..दूसरे दिन उसको पुछा iphone मिलने के बाद सबसे पहले तुमने क्या किया?लड़की - मैंने स्क्रेच गार्ड और कवर का आर्डर दिया...पिता - तुम्हें ऐसा करने के लिये किसी ने बाध्य किया क्या?लड़की - नहीं किसी ने नहीं।पिता - तुम्हें ऐसा नही लगता कि तुमने iPhone निर्माता की तौहिन की हैं?बेटी- नहीं बल्कि निर्माता ने स्वयं कवर व स्क्रेच गार्ड लगाने के लिये सलाह दी है...पिता - अच्छा तब तो iphone खुद ही दिखने मे खराब दिखता होगा तभी तुमने उसके लिये कवर मंगवाया है?लड़की - नहीं.... बल्कि वो खराब ना हो ईसलिये कवर मंगवाया है.....पिता - कवर लगाने से उसकी सुन्दरता में कमी आई क्या?लड़की - नहीं ... इसके विपरीत कवर लगाने के बाद iPhone ज्यादा सुन्दर दिखता है...पिता ने बेटी की ओर स्नेह से देखते कहा....बेटी iPhone से भी ज्यादा किमती और सुन्दर तुम्हारा शरीर है .. उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुन्दरता और निखरेगी...बेटी के पास पिता की इस बात का कोई जवाब नहीं...!!

मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

.मैं रूठा, तुम भी रूठ गए फिर मनाएगा कौन ?आज दरार है, कल खाई होगी फिर भरेगा कौन ?मैं चुप, तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?बात छोटी को लगा लोगे दिल से, तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर, सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?न मैं राजी, न तुम राजी, फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?डूब जाएगा यादों में दिल कभी, तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी, इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें....तो कल इस बात पर फिरपछतायेगा कौन ?
तीन गुरुबहुत समय पहले की बात है, किसी नगर में एक बेहद प्रभावशाली महंत रहते थे। उन के पास शिक्षा लेने हेतु कई शिष्य आते थे। एक दिन एक शिष्य ने महंत से सवाल किया, ” स्वामीजी आपके गुरु कौन है? आपने किस गुरु से शिक्षा प्राप्त की है?” महंत शिष्य का सवाल सुन मुस्कुराए और बोले, ” मेरे हजारो गुरु हैं! यदि मै उनके नाम गिनाने बैठ जाऊ तो शायद महीनो लग जाए। लेकिन फिर भी मै अपने तीन गुरुओ के बारे मे तुम्हे जरुर बताऊंगा। एक था चोर। एक बार में रास्ता भटक गया था और जब दूर किसी गाव में पंहुचा तो बहुत देर हो गयी थी। सब दुकाने और घर बंद हो चुके थे। लेकिन आख़िरकार मुझे एक आदमी मिला जो एक दीवार में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा था। मैने उससे पूछा कि मै कहा ठहर सकता हूं, तो वह बोला की आधी रात गए इस समय आपको कहीं आसरा मिलना बहुत मुश्किल होंगा, लेकिन आप चाहे तो मेरे साथ ठहर सकते हो। मै एक चोर हु और अगर एक चोर के साथ रहने में आपको कोई परेशानी नहीं होंगी तो आप मेरे साथ रह सकते है।“वह इतना प्यारा आदमी था कि मै उसके साथ एक महीने तक रह गया! वह हर रात मुझे कहता कि मै अपने काम पर जाता हूं, आप आराम करो, प्रार्थना करो। जब वह काम से आता तो मै उससे पूछता की कुछ मिला तुम्हे? तो वह कहता की आज तो कुछ नहीं मिला पर अगर भगवान ने चाहा तो जल्द ही जरुर कुछ मिलेगा। वह कभी निराश और उदास नहीं होता था, हमेशा मस्त रहता था।जब मुझे ध्यान करते हुए सालों-साल बीत गए थे और कुछ भी हो नहीं रहा था तो कई बार ऐसे क्षण आते थे कि मैं बिलकुल हताश और निराश होकर साधना-वाधना छोड़ लेने की ठान लेता था। और तब अचानक मुझे उस चोर की याद आती जो रोज कहता था कि भगवान ने चाहा तो जल्द ही कुछ जरुर मिलेगा।और मेरा दूसरा गुरु एक कुत्ता था। एक बहुत गर्मी वाले दिन मै बहुत प्यासा था और पानी के तलाश में घूम रहा था कि एक कुत्ता दौड़ता हुआ आया। वह भी प्यासा था। पास ही एक नदी थी। उस कुत्ते ने आगे जाकर नदी में झांका तो उसे एक और कुत्ता पानी में नजर आया जो की उसकी अपनी परछाई थी। कुत्ता उसे देख बहुत डर गया। वह परछाई को देखकर भौकता और पीछे हट जाता, लेकिन बहुत प्यास लगने के कारण वह वापस पानी के पास लौट आता। अंततः, अपने डर के बावजूद वह नदी में कूद पड़ा और उसके कूदते ही वह परछाई भी गायब हो गई। उस कुत्ते के इस साहस को देख मुझे एक बहुत बड़ी सिख मिल गई। अपने डर के बावजूद व्यक्ति को छलांग लगा लेनी होती है। सफलता उसे ही मिलती है जो व्यक्ति डर का साहस से मुकाबला करता है।” और मेरा तीसरा गुरु एक छोटा बच्चा है। मै एक गांव से गुजर रहा था कि मैंने देखा एक छोटा बच्चा एक जलती हुई मोमबत्ती ले जा रहा था। वह पास के किसी गिरजाघर में मोमबत्ती रखने जा रहा था। मजाक में ही मैंने उससे पूछा की क्या यह मोमबत्ती तुमने जलाई है ? वह बोला, जी मैंने ही जलाई है। तो मैंने उससे कहा की एक क्षण था जब यह मोमबत्ती बुझी हुई थी और फिर एक क्षण आया जब यह मोमबत्ती जल गई। क्या तुम मुझे वह स्त्रोत दिखा सकते हो जहा से वह ज्योति आई?” वह बच्चा हँसा और मोमबत्ती को फूंख मारकर बुझाते हुए बोला, अब आपने ज्योति को जाते हुए देखा है। कहा गई वह ? आप ही मुझे बताइए। ““मेरा अहंकार चकनाचूर हो गया, मेरा ज्ञान जाता रहा। और उस क्षण मुझे अपनी ही मूढ़ता का एहसास हुआ। तब से मैंने कोरे ज्ञान से हाथ धो लिए। “मित्रो, शिष्य होने का अर्थ क्या है? शिष्य होने का अर्थ है पुरे अस्तित्व के प्रति खुले होना। हर समय हर ओर से सीखने को तैयार रहना।जीवन का हर क्षण, हमें कुछ न कुछ सीखने का मौका देता है। हमें जीवन में हमेशा एक शिष्य बनकर अच्छी बातो को सीखते रहना चाहिए।यह जीवन हमें आये दिन किसी न किसी रूप में किसी गुरु से मिलाता रहता है, यह हम पर निर्भर करता है कि क्या हम उस महंत की तरह एक शिष्य बनकर उस गुरु से मिलने वाली शिक्षा को ग्रहण कर पा रहे हैं की नहीं!
✅ गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के लिए......। ✅ अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के लिए......। ✅ किसी के पास खाने के लिए..... एक वक्त की रोटी नहीं है..... ✅ किसी के पास खाने के लिए..... वक्त नहीं है.....। ✅ कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....। ✅ कोई बीमार है.... इसलिए लाचार है....। ✅ कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...। ✅ कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देते है....। ✅ ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त मिले तो सोचना.... ✅ कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे.... आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है। ✅ पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे... आज दोस्तों की यादों में रहते है...। ✅ पहले लड़ना मनाना रोज का काम था.... आज एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है। ✅ सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया, जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया। जिंदगी बहुत कम है, प्यार से जियो रोज सिर्फ इतना करो -🔺गम को "Delete" 🔺खुशी को "Save" 🔺रिश्तोँ को "Recharge" 🔺दोस्ती को "Download" 🔺दुश्मनी को "Erase" 🔺सच को "Broadcast" 🔺झूठ को "Switch Off" 🔺टेँशन को "Not Reachable" 🔺प्यार को "Incoming" 🔺नफरत को "Outgoing" 🔺हँसी को "Inbox" 🔺आंसुओँ को "Outbox" 🔺गुस्से को "Hold" 🔺मुस्कान को "Send" 🔺हेल्प को "OK" 🔺दिल को करो "Vibrate "फिर देखो जिँदगी का 🔺"RINGTONE" कितना प्यारा बजता है!" जो भाग्य में है , वह भाग कर आएगा,जो नहीं है , वह आकर भी भाग जाएगा...! "यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों रहना जरा संभाल के , बेचने वाले हवा भी बेच देते है गुब्बारों में डाल के , सच बिकता है , झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी , तीनों लोक में फेला है , फिर भी बिकता है बोतल में पानी , कभी फूलों की तरह मत जीना, जिस दिन खिलोगे टूट कर बिखर् जाओगे , जीना है तो पत्थर की तरह जियो; जिस दिन तराशे गए , "भगवान" बन जाओगे....!! "रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं, "नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं! सड़क कितनी भी साफ हो "धुल" तो हो ही जाती है, इंसान कितना भी अच्छा हो "भूल" तो हो ही जाती है!!! आइना और परछाई के जैसे मित्र रखो आइना कभी झूठ नही बोलता और परछाई कभी साथ नही छोङती..... खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो एक बार उसका 'इलाज' है..लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो, उसका कोई 'इलाज' नहीं है "मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को 'अहमियत' देता हूँ...क्योंकिजो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!! अगर लोग केवल जरुरत पर ही आपको याद करते है तो बुरा मत मानिये बल्कि गर्व कीजिये क्योंकि "मोमबत्ती की याद तभी आती है,जब अंधकार होता है।"
खुशियां कम, और अरमान बहुत हैं,जिसे भी देखिए यहां ,हैरान बहुत हैं। करीब से देखा तो, है रेत का घर,दूर से मगर उसकी ,शान बहुत हैं। कहते हैं, सच का कोई सानी नहीं,आज तो झूठ की, आन-बान बहुत हैं। मुश्किल से मिलता है ,शहर में आदमी,यूं ,तो कहने को, इन्सान बहुत हैं। तुम शौक से चलो ,राहें-वफा लेकिन,जरा संभल के चलना ,तूफान बहुत हैं। वक्त पे न पहचाने कोई ,ये अलग बात हे,वैसे तो शहर में अपनी ,पहचान बहुत हैं।

सोमवार, 25 अप्रैल 2016

एक सिंधी लड़के को जॉब नही मिली तो उसने क्लिनिक खोला और बाहर लिखा तीन सौ रूपये मे ईलाज करवाये ईलाज नही हुआ तो एक हजार रूपये वापिस एक पंडित ने सोचा कि एक हजार रूपये कमाने का अच्छा मौका है वो क्लिनिक पर गया और बोला मुझे किसी भी चीज का स्वाद नही आता । सिंधी ; बॉक्स नं.२२ से दवा निकालो और ३ बूँद पिलाओ नर्स ने पिला दी पंडित : ये तो पेट्रोल है । सिंधी .मुबारक हो आपको टेस्ट महसूस हो गया लाओ तीन सौ रूपये पंडित को गुस्सा आ गयाकुछ दिन बाद फिर वापिस गयापुराने पैसे वसूलने पंडित। :साहब मेरी याददास्त कमजोर हो गई है सिंधी :: बॉक्स नं. २२ से दवा निकालो और ३ बूँद पिलाओ पंडित : लेकिन वो दवा तो जुबान की टेस्ट के लिए है सिंधी : ये लो तुम्हारी याददास्त भी वापस आ गई लाओ तीन सौ रुपए। इस बार पंडित गुस्से में गया -मेरी नजर कम हो गई है सिंधी : इसकी दवाई मेरे पास नहीं है।लो एक हजार रुपये। पंडित -यह तो पांच सौ का नोट है। सिंधी : आ गई नजर। ला तीन सौ रुपये।
"देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं" देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं.. सुबह की सैर में कभी चक्कर खा जाते है . .सारे मौहल्ले को पता है...पर हमसे छुपाते है दिन प्रतिदिन अपनी खुराक घटाते हैं और तबियत ठीक होने की बात फ़ोन पे बताते है. ढीली हो गए कपड़ों को टाइट करवाते है, देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं. .किसी के देहांत की खबर सुन कर घबराते है, और अपने परहेजों की संख्या बढ़ाते है, हमारे मोटापे पे हिदायतों के ढेर लगाते है, "रोज की वर्जिश"के फायदे गिनाते है. ‘तंदुरुस्ती हज़ार नियामत "हर दफे बताते है, देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं. .हर साल बड़े शौक से अपने बैंक जाते है, अपने जिन्दा होने का सबूत देकर हर्षाते है, जरा सी बढी पेंशन पर फूले नहीं समाते है, और FIXED DEPOSIT रिन्ऊ करते जाते है, खुद के लिए नहीं हमारे लिए ही बचाते है. देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं. .चीज़ें रख के अब अक्सर भूल जाते है, फिर उन्हें ढूँढने में सारा घर सर पे उठाते है, और एक दूसरे को बात बात में हड़काते है, पर एक दूजे से अलग भी नहीं रह पाते है. एक ही किस्से को बार बार दोहराते है, देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं.. चश्में से भी अब ठीक से नहीं देख पाते है, बीमारी में दवा लेने में नखरे दिखाते है, एलोपैथी के बहुत सारे साइड इफ़ेक्ट बताते है, और होमियोपैथी/आयुर्वेदिक की ही रट लगाते है, ज़रूरी ऑपरेशन को भी और आगे टलवाते है. देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं. .उड़द की दाल अब नहीं पचा पाते है, लौकी तुरई और धुली मूंगदाल ही अधिकतर खाते है, दांतों में अटके खाने को तिली से खुजलाते हैं, पर डेंटिस्ट के पास जाने से कतराते हैं, "काम चल तो रहा है" की ही धुन लगाते है. देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं.. हर त्यौहार पर हमारे आने की बाट देखते है, अपने पुराने घर को नई दुल्हन सा चमकाते है, हमारी पसंदीदा चीजों के ढेर लगाते है, हर छोटी बड़ी फरमाईश पूरी करने के लिए माँ रसोई और पापा बाजार दौडे चले जाते है, पोते-पोतियों से मिलने को कितने आंसू टपकाते है, देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते है.

रविवार, 24 अप्रैल 2016

97.5% खारा पानी दुनिया मे 2.5% पीने लायक पानी इसका 1.5% हिस्सा गलेशियर के रूप मे है शेष बचा 1% पानी पीने का पानी की समस्या इतनी गंभीर है जो पानी को पानी की तरह बहाने का नतीजा है आज देश के 12 राज्य एक एक बूंद पानी को तरस रहे है। 9 तरीको से घरों मे पानी बचा सकते है। घर का 75% पानी बाथरूम मे खर्च होता है 1. लीकेज रोके 2. ब्रश के समय नल बंद रखे 3. फलश के बदले बाल्टी का प्रयोग करे 4. वाशिंग मशीन का पूरा पानी प्रयोग करें 5. नहाने मे शाँवर का प्रयोग न करें 6. नल के नीचे बर्तन न धोकर अलग से पानी लेकर बर्तन धोये 7. RO का बचा पानी उपयोग मे ले8. नल बंद कर शेविगं करें 9.वाहन धोने के लिए बाल्टी उपयोग मे ले 5 R Theory 1. Respect of water 2. Reduce of water 3. Retreat of water 4. Recycle of water 5. Reuse of water
मैया जिसको जल दे दे वो पौधा संदल बन जाता है मैया के चरणो को छू करके पानी भी गंगाजल बन जाता है हिमगिरि जैसी ऊँचाई है सागर जैसी गहराई है दुनिया मे जितनी खुश्बू है वो माँ के आँचल से आई है मैया हरी दूब है धरती की मैया केसर क्यारी की मैया की उपमा केवल मैया है मैया हर घर की फुलवारी है पेड पौधे लहलहाते है तो मैया मेरी मुस्काती है देखो तो दूर क्षितिज अंबर भी मैया को शीश झुकाता है हर घर मे मैया की पूजा हो एेसा संकल्प उठाती हूँ हर परिवार पेड़ लगाए दस बस यहि हमारा नारा हो हर घर मे बस मैया मैया का जयकारा हो जय जय कुलदेवी मात शाकम्भरी की जय
"जल है तो कल ह"ै पैसा बनाया जा सकता है फिर भी बचाया जाता है पानी बनाया नही जा सकता फिर भी बचाया नही जाता है 💦जल है तो कल है💦
दूध, पिलाया उसने छाती से निचोड़कर, मैं 'निकम्मा, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका । बुढापे का "सहारा,, हूँ 'अहसास' दिला न सका पेट पर सुलाने वाली को 'मखमल, पर सुला न सका । वो 'भूखी, सो गई 'बहू, के 'डर, से एक बार मांगकर, मैं "सुकुन,, के 'दो, निवाले उसे खिला न सका । नजरें उन 'बुढी, "आंखों,, से कभी मिला न सका वो 'दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका । जो हर "जीवनभर" 'ममता, के रंग पहनाती रही मुझे,उसे "diwali" पर दो 'जोडे, कपडे सिला न सका । "बीमार बिस्तर से उसे 'शिफा, दिला न सका ।'खर्च के डर से उसे बडे़ अस्पताल, ले जा न सका । "माँ" के बेटा कह 'दम, तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ,'दवाई, इतनी भी "महंगी,, न थी के मैं ला ना सका माँ तो माँ होती हे भाईयों माँ अगर कभी गुस्से मे गाली भी दे तो उसे उसका "ashirwad" समझकर भूला देना चाहिए|
Gabbar: Yeh hath mujhe de de thakur… Thakur: Le Le, mere hath le le Basanti ke bhi le le… Jai aur Veeru ke bhi le le… Ramu kaka ke bhi le le… Octopus ban ja Kutteee!! Gabbar: Sorry yaar, tu to Emotional ho Gaya.....


"ईश्वर बड़ा या कैमरा बडा़" आज कल लिखा होता है,"आप कैमरे की नज़र में है"यह पढते ही व्यक्ति होशियार हो जाता है, और ग़लत काम करने से परहेज़ करता है। जबकि ये इंसान द्वारा बनाया एक उपकरण मात्र है।हम भूल जाते है कि हम हर समय ईश्वर की नज़र में हैं, और वहाँ की नज़र न ख़राब होती है, न बंद होती है, न किसी के नियंत्रण मे होती है, यानी बचने का कोई तरीका नहीं है।ध्यान रहे आप हमेशा ईश्वर की नज़र में है ।।

यमराज : चित्रगुप्त एक ऐसी मशीन बनाओ की कोईझूठ बोले तो पता चले..!चित्रगुप्त : ठीक है प्रभू...!!चित्रगुप्त ने एक घंटा बनवाया जो झूठ बोलने परबजता था..दुसरे दिन थोडी थोडी देर मे घंटा बजने लगा...एक दिन घंटा अचानक ज़ोर ज़ोर से ....टन..टन टन ..टन टन टन ..बजने लगा....यमराज : चित्रगुप्त, ये क्या हो रहा है..?ये घंटा एक साथ इतनी ज़ोर ज़ोर से क्यॅूं बज रहा है..??चित्रगुप्त : प्रभू..माननीय नेता जी भाषण दे रहे है...
RESUME Priyanka Agrawal 251/55 Shivaji Nagar,Aamkho Lashkar,Gwalior M.P.-474009 E-mail:priyankaagrawal0097@gmail.com Mob.+91 9407834621 Career Objective: To grow and work with an organization where develop myself professionally and individually. Qualification Academic: * 10 th (Hindi,English,Sanskrit,Science,Social Science,Maths)2011 MP Board Bhopal. * 12 th (Biology) 2013 MP Board Bhopal. * BSW (Bachelor of Social Work) | Year 2014 MMYVV University Jabalpur MP. * BSW (Bachelor of Social Work) ||Year 2015 MMYVV University Jabalpur MP. * BSW (B. of Social Work) ||| Year 2016 Perusing MMYVV University Jabalpur MP. * Certificate in Drama And Theater 2014 RMTM&A University Gwalior MP. * Diploma in Drama And Theater 2015 RMTM&A University Gwalior MP; * Advance Diploma in Drama &Theatre 2016 Perusing RMTM&A Univer Gwalior MP. Experience: # Act Play (Pritam Pyare) Natya Mandir Dal Bazaar Gwalior . # Act Play (Jayaj Hatyare) Natya Mandir Dal Bazaar Gwalior. # Act Play ( Tax Free) Natya Mandir Dal Bazaar Gwalior. # Act Play ( Began ka Takia) Natya Mandir Dal Bazaar Gwalior. # Act Play (Tax Free) Kusmakar Rangmanch Mela Gwalior. # Act Play (Veer Bundela) Kus. Rangmanch Mela Gwalior. # Act Play (Jayaj Hatyare) College Campus. # Act Play (Tax Free) University Campus. # Act Play (gagan Tha Mama Bajyo) University Campus. # In Shellter Documentary movie. # Act Play (gagan tha mama bajyo) sun city Gwalior # Road Shaw roopsingh stediam Gwalior # Act Play Anta Kim Dream World College Gwalior Extra Activities: Costume Design in Jayaj Hatyare. Costume Design in Tax Free. Participate in Youth Festival Jabalpur MP 2013. Participate in Youth Festival Riwa MP 2014. Strength: * Punctuality of tome, smart hard work & organized person. *Ability to work in a team & individually as well as. * Good imagination power & positive think. Personal Profile: Name : Priyanka Agrawal Father's Name : Sri Mahendra Agrawal Date of birth : 30 September 1997 Marital Status : Unmarried Language Know : Hindi & English Height : 5'1" (154cm) Nationality : Indian Hobbies : Acting & Listing Music Declaration: I hereby declare that all the above information furnished by me is best of my knowledge. Date:............ Place: Gwalior M.P. Priyanka Agrawal

शनिवार, 23 अप्रैल 2016

दो भाई थे ।आपस में बहुत प्यार था।खेत अलग अलग थे आजु बाजू।:बड़ा भाई शादीशुदा था ।छोटा अकेला ।:एक बार खेती बहुत अच्छी हुई अनाजबहुत हुआ ।:खेत में काम करते करते बड़े भाई नेबगल के खेत में छोटे भाई कोखेत देखने का कहकर खाना खाने चला गया।:उसके जाते ही छोटा भाई सोचने लगा । खेतीतो अच्छी हुई इस बार अनाज भी बहुतहुआ। मैं तो अकेला हूँ, बड़े भाई की तोगृहस्थी है। मेरे लिए तो ये अनाजजरुरत से ज्यादा है। भैया के साथ तो भाभी बच्चे है ।उन्हें जरुरत ज्यादा है।:ऐसा विचारकर वह 10 बोरे अनाजबड़े भाई के अनाज में डाल देताहै। बड़ा भाई भोजन करके आता है ।:उसके आते ही छोटा भाई भोजनके लिए चला जाता है।:भाई के जाते ही वह विचारता है ।मेरा गृहस्थ जीवन तो अच्छे से चल रहा है...:भाई को तो अभी गृहस्थी जमाना है... उसेअभी जिम्मेदारिया सम्हालना है...मै इतने अनाज काक्या करूँगा...:ऐसा विचारकर उसने 10 बोरे अनाजछोटे भाई के खेत में डाल दिया...।:दोनों भाईयों के मन में हर्ष था...अनाज उतना का उतना ही था औरहर्ष स्नेह वात्सल्य बढ़ा हुआ था...।:सोच अच्छी रखेंगें तो प्रेमअपने आप बढेगा ..
स्वामी विवेकानंद के इस संवाद को ध्यान से पढ़ें 
मुशीं फैज अली ने स्वामी विवेकानन्द से पूछा : "स्वामी जी हमें बताया गया है कि अल्लहा एक ही है। यदि वह एक ही है, तो फिर संसार उसी ने बनाया होगा ?स्वामी जी बोले, "सत्य है।".मुशी जी बोले ,"तो फिर इतने प्रकार के मनुष्य क्यों बनाये। जैसे कि हिन्दु, मुसलमान, सिख्ख, ईसाइ और सभी को अलग-अलग धार्मिक ग्रंथ भी दिये। एक ही जैसे इंसान बनाने में उसे यानि की अल्लाह को क्या एतराज था। सब एक होते तो न कोई लङाई और न कोई झगङा होता।".स्वामी हँसते हुए बोले, "मुंशी जी वो सृष्टी कैसी होती जिसमें एक ही प्रकार के फूल होते। केवल गुलाब होता, कमल या रंजनिगंधा या गेंदा जैसे फूल न होते!".फैज अली ने कहा "सच कहा आपने यदि एक ही दाल होती तो खाने का स्वाद भी एक ही होता। दुनिया तो बङी फीकी सी हो जाती!"स्वामी जी ने कहा, "मुंशीजी! इसीलिये तो ऊपर वाले ने अनेक प्रकार के जीव-जंतु और इंसान बनाए ताकि हम पिंजरे का भेद भूलकर जीव की एकता को पहचाने।मुशी जी ने पूछा, "इतने मजहब क्यों?"स्वामी जी ने कहा, "मजहब तो मनुष्य ने बनाए हैं, प्रभु ने तो केवल धर्म बनाया है।"मुशी जी ने कहा कि, "ऐसा क्यों है कि एक मजहब में कहा गया है कि गाय और सुअर खाओ और दूसरे में कहा गया है कि गाय मत खाओ, सुअर खाओ एवं तीसरे में कहा गया कि गाय खाओ सुअर न खाओ;इतना ही नही कुछ लोग तो ये भी कहते हैं कि मना करने पर जो इसे खाये उसे अपना दुश्मन समझो।"स्वामी जी जोर से हँसते हुए मुंशी जी से पूछे कि ,"क्या ये सब प्रभु ने कहा है ?"मुंशी जी बोले नही, "मजहबी लोग यही कहते हैं।"स्वामी जी बोले, "मित्र! किसी भी देश या प्रदेश का भोजन वहाँ की जलवायु की देन है। सागरतट पर बसने वाला व्यक्ति वहाँ खेती नही कर सकता, वह सागर से पकङ कर मछलियां ही खायेगा।उपजाऊ भूमि के प्रदेश में खेती हो सकती है। वहाँ अन्न फल एवं शाक-भाजी उगाई जा सकती है। उन्हे अपनी खेती के लिए गाय और बैल बहुत उपयोगी लगे। उन्होने गाय को अपनी माता माना, धरती को अपनी माता माना और नदी को माता माना।क्योंकि ये सब उनका पालन पोषण माता के समान ही करती हैं।अब जहाँ मरुभूमि है वहाँ खेती कैसे होगी? खेती नही होगी तो वे गाय और बैल का क्या करेंगे?अन्न है नही तो खाद्य के रूप में पशु को ही खायेंगे।तिब्बत में कोई शाकाहारी कैसे हो सकता है? वही स्थिति अरब देशों में है। जापान में भी इतनी भूमि नही है कि कृषि पर निर्भर रह सकें।"स्वामी जी फैज अलि की तरफ मुखातिब होते हुए बोले, "हिन्दु कहते हैं कि मंदिर में जाने से पहले या पूजा करने से पहले स्नान करो। मुसलमान नमाज पढने से पहले वाजु करते हैं। क्या अल्लहा ने कहा है कि नहाओ मत, केवल लोटे भर पानी से हांथ-मुँह धो लो?"फैज अलि बोला, "क्या पता कहा ही होगा!"स्वामी जी ने आगे कहा, "नहीं, अल्लहा ने नही कहा!अरब देश में इतना पानी कहाँ है कि वहाँ पाँच समय नहाया जाए। जहाँ पीने के लिए पानी बङी मुश्किल से मिलता हो वहाँ कोई पाँच समय कैसे नहा सकता है।यह तो भारत में ही संभव है, जहाँ नदियां बहती हैं, झरने बहते हैं, कुएँ जल देते हैं।तिब्बत में यदि पानी हो तो वहाँ पाँच बार व्यक्ति यदि नहाता है तो ठंड के कारण ही मर जायेगा।यह सब प्रकृति ने सबको समझाने के लिये किया है।"स्वामी विवेका नंद जी ने आगे समझाते हुए कहा कि," मनुष्य की मृत्यु होती है। उसके शव का अंतिम संस्कार करना होता है। अरब देशों में वृक्ष नही होते थे, केवल रेत थी। अतः वहाँ मृतिका समाधी का प्रचलन हुआ, जिसे आप दफनाना कहते हैं। भारत में वृक्ष बहुत बङी संख्या में थे, लकडी.पर्याप्त उपलब्ध थी, अतः भारत में अग्नि संस्कार का प्रचलन हुआ। जिस देश में जो सुविधा थी वहाँ उसी का प्रचलन बढा। वहाँ जो मजहब पनपा उसने उसे अपने दर्शन से जोङ लिया।"फैज अलि विस्मित होते हुए बोला! "स्वामी जी इसका मतलब है कि हमें शव का अंतिम संस्कार प्रदेश और देश के अनुसार करना चाहिये। मजहब के अनुसार नही।"स्वामी जी बोले , "हाँ! यही उचित है।किन्तु अब लोगों ने उसके साथ धर्म को जोङ दिया।मुसलमान ये मानता है कि उसका ये शरीर कयामत के दिन उठेगा इसलिए वह शरीर को जलाकर समाप्त नही करना चाहता। हिन्दु मानता है कि उसकी आत्मा फिर से नया शरीर धारण करेगी इसलिए उसे मृत शरीर से एक क्षंण भी मोह नही होता।"फैज अलि ने पूछा कि, "एक मुसलमान के शव को जलाया जाए और एक हिन्दु के शव को दफनाया जाए तो क्या प्रभु नाराज नही होंगे?"स्वामी जी ने कहा," प्रकृति के नियम ही प्रभु का आदेश हैं। वैसे प्रभु कभी रुष्ट नही होते वे प्रेमसागर हैं, करुणा सागर है।"फैज अलि ने पूछा, "तो हमें उनसे डरना नही चाहिए?"स्वामी जी बोले, "नही!  हमें तो ईश्वर से प्रेम करना चाहिए वो तो पिता समान है, दया का सागर है फिर उससे भय कैसा। डरते तो उससे हैं हम जिससे हम प्यार नही करते।"फैज अलि ने हाँथ जोङकर स्वामी विवेकानंद जी से पूछा, "तो फिर मजहबों के कठघरों से मुक्त कैसे हुआ जा सकता है?"स्वामी जी ने फैज अलि की तरफ देखते हुए मुस्कराकर कहा, "क्या तुम सचमुच कठघरों से मुक्त होना चाहते हो?" फैज अलि ने स्वीकार करने की स्थिति में अपना सर हिला दिया।स्वामी जी ने आगे समझाते हुए कहा,"फल की दुकान पर जाओ, तुम देखोगे वहाँ आम, नारियल, केले, संतरे, अंगूर आदि अनेक फल बिकते हैं; किंतु वो दुकान तो फल की दुकान ही कहलाती है। वहाँ अलग-अलग नाम से फल ही रखे होते हैं। "फैज अलि ने हाँ में सर हिला दिया।स्वामी विवेकानंद जी ने आगे कहा कि ,"अंश से अंशी की ओर चलो। तुम पाओगे कि सब उसी प्रभु के रूप हैं।"फैज अलि अविरल आश्चर्य से स्वामी विवेकानंद जी को देखते रहे और बोले "स्वामी जी मनुष्य ये सब क्यों नही समझता?"स्वामी विवेकानंद जी ने शांत स्वर में कहा, "मित्र! प्रभु की माया को कोई नही समझता। मेरा मानना तो यही है कि सभी धर्मों का गंतव्य स्थान एक है।जिस प्रकार विभिन्न मार्गो से बहती हुई नदियां समुंद्र में जाकर गिरती हैं, उसी प्रकार सब मतमतान्तर परमात्मा की ओर ले जाते हैं। मानव धर्म एक है, मानव जाति एक है।"
एक महिला घर पर अकेली थी, तभी दरवाजे पर दस्तक हुई.!उसने जैसे ही दरवाजा खोला तो एक अनजान आदमी खड़ा था.! देखते ही बोला:अरे आप तो बहुत ही खूबसूरत हैं..!महिला घबरा कर दरवाजा बंद कर देती है.!अगले तीन चार दिन तक ऐसा ही चलता रहता है,तो सभ्य महिला ने तँग आकर यह बात अपनेपति को बताई..!पति बोला: तुम चिंता मत करो, आज जब वो आएगा तोमैं घर पर ही रहुंगा ,और दरवाजे के पीछे खड़ारहूँगा.!तुम उससे बोल देना,"हाँ मैं सुन्दर हूँ, तुम्हे क्या.?"फिर मैं उसको देखना कैसा मज़ा चखाता हूँ.!"..दूसरे दिन जैसे ही वो आदमी आता है, पति दरवाजे के पीछे छिप जाता है !आदमी बोलता है:अरे आप तो बेहद खूबसूरत हैं.!महिला: हाँ मैं खूबसूरत हूँ,लेकिन तुम चार दिन से क्या चाह रहे हो.?आदमी विनम्रता के साथहाथ जोड़ कर बोला:"बहन जी, यही विश्वास और अहसास आप अपने पति के अंदर जागृत कीजिये, ताकि वो मेरी बीबी का पीछा करना छोड़ दे..!बीवी ने पीछे मुड़कर देखा तो पती दरवाजे की बजाय पलंग के नीचे छुपा हुआ था.😀
Very lovely lines by Shri Harivansh Rai Bachchan ..बहुत साल बाद दो दोस्त रास्ते में मिले .धनवान दोस्त ने उसकी आलिशान गाड़ी पार्क की औरगरीब मित्र से बोला चल इस गार्डन में बेठकर बात करते है .चलते चलते अमीर दोस्त ने गरीब दोस्त से कहातेरे में और मेरे में बहुत फर्क है .हम दोनों साथ में पढ़े साथ में बड़े हुएमै कहा पहुच गया और तू कहा रह गया ?चलते चलते गरीब दोस्त अचानक रुक गया .अमीर दोस्त ने पूछा क्या हुआ ?गरीब दोस्त ने कहा तुझे कुछ आवाज सुनाई दी?अमीर दोस्त पीछे मुड़ा और पांच का सिक्का उठाकर बोलाये तो मेरी जेब से गिरा पांच के सिक्के की आवाज़ थी।गरीब दोस्त एक कांटे के छोटे से पोधे की तरफ गयाजिसमे एक तितली पंख फडफडा रही थी .गरीब दोस्त ने उस तितली को धीरे से बाहर निकला औरआकाश में आज़ाद कर दिया .अमीर दोस्त ने आतुरता से पुछातुझे तितली की आवाज़ केसे सुनाई दी?गरीब दोस्त ने नम्रता से कहा" तेरे में और मुझ में यही फर्क हैतुझे "धन" की सुनाई दी और मुझे "मन" की आवाज़ सुनाई दी ."यही सच है ".इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि,धरती पराई लगने लगे lइतनी खुशियाँ भी न देना कि,दुःख पर किसी के हंसी आने लगे ।नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका,निर्बल पर प्रयोग करूँ lनहीं चाहिए ऐसा भाव कि,किसी को देख जल-जल मरूँऐसा ज्ञान मुझे न देना,अभिमान जिसका होने लगे Iऐसी चतुराई भी न देना जो,लोगों को छलने लगे ।: खवाहिश  नही  मुझे  मशहूर  होने  की।आप  मुझे  पहचानते  हो  बस  इतना  ही  काफी  है।अच्छे  ने  अच्छा  और  बुरे  ने  बुरा  जाना  मुझे।क्यों  की  जिसकी  जितनी  जरुरत  थी  उसने उतना  हीपहचाना  मुझे।ज़िन्दगी  का  फ़लसफ़ा  भी   कितना  अजीब  है, शामें  कटती  नहीं, और  साल  गुज़रते  चले  जा  रहे  हैं....!एक  अजीब  सी  दौड़  है  ये  ज़िन्दगी, जीत  जाओ  तो  कई अपने  पीछे  छूट  जाते  हैं,और  हार  जाओ  तो  अपने ही  पीछे  छोड़  जाते  हैं।
आज का सुविचार"चैन से जीने के लिए चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं "।"पर ,बेचैनी से जीने के लिए चार मोटर, दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!""आदमी सुनता है मन भर ,,सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर,,"और खुद ग्रहण नही करता कण भर ।।"
Life is Precious we  care essence of life

गुरुवार, 21 अप्रैल 2016


एक पान वाला है, जब भी पान खाने जाओं ऐसा लगता है कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता है, कई बार उसे कहा की भाई देर हो जाती है जल्दी पान लगा दिया करों पर उसकी बात ख़त्म ही नही होतीं।एक दिन अचानक कर्म और भाग्य पर बात शुरू हो गई तक़दीर और तदबीर की, मैंने सोचा आज उसकी फ़िलासफ़ी देख ही लेते है।मेरा सवाल था आदमीं मेहनत से आगे बढ़ता है या भाग्य से, उसके दिये जवाब से मेरे दिमाग़ के जाले साफ़ ही गए, कहने लगा आपका किसी बैंक में लाकर तो होगा उसकी चाबियाँ भी होगी, इस सवाल का जवाब है, हर लाकर की दो चाबियाँ होती है एक आप के पास होती है और एक मैनेजर के पास अपने पास जो चाबी है वह है परिश्रम और मैनेजर के पास वाली भाग्य जब तक दोनों नहीं लगती ताला नही खुल सकता।आप करम योगी पुरुष है और मैनेजर भगवान,अपन को अपनी चाबी लगाते रहना चाहिये, पता नहीं ऊपर वाला कब अपनी चाबी लगा दे और कही ऐसा न हो की भगवान अपनी भाग्यवाली चाबी लगा रहा हो ,हम परिश्रम वाली चाबी लगा ही ना  पाये और ताला खुलने से रह जाये।।
👮™महिलाओं से 👏🏽 विनती हैं की कृप्या नाराज़ मत होना,,पुरुष का बखान..पुरुष का श्रृंगार तो स्वयम प्रकृति ने किया है..स्त्रीया कांच का टुकड़ा है..जो मेकअप की रौशनी पड़ने पर ही चमकती है..किन्तु पुरुष हीरा है जो अँधेरे में भी चमकता है और उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती। खूबसूरत मोर होता है मोरनी नहीं.. मोर रंग बिरंगा और हरे नीले रंग से सुशोभित..जबकि मोरनी काली सफ़ेद..मोर के पंख होते है इसीलिए उन्हें मोरपंख कहते है..मोरनी के पंख नहीं होते..दांत हाथी के होते है,हथिनी के नहीं। हांथी के दांत बेशकीमती होते है। नर हाथी मादा हाथी के मुकाबले बहुत खूबसूरत होता है। कस्तूरी नर हिरन में पायी जाती है। मादा हिरन में नहीं। नर हिरन मादा हिरन के मुकाबले बहुत सुन्दर होता है।मणि नाग के पास होती है ,नागिन के पास नहीं। नागिन ऐसे नागो की दीवानी होती है जिनके पास मणि होती है।रत्न महासागर में पाये जाते है, नदियो में नहीं..और अंत में नदियो को उसी महासागर में गिरना पड़ता है।वैसे ही मनुष्यो में बुद्धि विवेक और बल मर्दों के पास होता है औरतो के पास नहीं..संसार की बेशकीमती तत्व इस प्रकृति ने पुरुषो को सौंपे..प्रकृति ने पुरुष के साथ अन्याय नहीं किया..9 महीने स्त्री के गर्भ में रहने के बावजूद भी औलाद का चेहरा स्वाभाव पिता की तरह होना, ये संसार का सबसे बड़ा आश्चर्य है..क्योंकि पुरुष का श्रृंगार प्रकृति ने करके भेजा है,उसे श्रृंगार की आवश्यकता नहीं...
                               💐हनुमान जयंती💐   के अवसर बनिया समाज को एक करने       के  लिये करेगी विशेष पुजा अर्चना 🙏🙏 हनुमानजी की पूजा से ही नहीं, बल्कि उनसे कुछ बातें सीख लेने पर भी हमारी परेशानियां दूर हो सकती हैं और सभी कामों में सफलता मिल सकती है। यहां जानिए हनुमानजी से हम कौन-कौन सी बातें सीख सकते हैं...👉 हनुमानजी से सीखें ये 4 बातें, कभी नहीं होंगे असफल🙏 1. संघर्ष क्षमताहनुमानजी जब सीता की खोज में समुद्र पार कर रहे थे, तब उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुरसा और सिंहिका नाम की राक्षसियों ने हनुमानजी को समुद्र पार करने से रोकना चाहा था, लेकिन बजरंग बली नहीं रुके और लंका पहुंच गए। हमें भी कदम-कदम पर ऐसे ही संघर्षों का सामना करना पड़ता है। संघर्षों से न डरते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की सीख हनुमानजी से लेनी चाहिए।🙏 चतुराईहनुमानजी ने समुद्र पार करते समय सुरसा से लड़ने में समय नहीं गंवाया। सुरसा हनुमान को खाना चाहती थी। उस समय हनुमानजी ने अपनी चतुराई से पहले अपने शरीर का आकार बढ़ाया और अचानक छोटा रूप कर लिया। छोटा रूप करने के बाद हनुमानजी सुरसा के मुंह में प्रवेश करके वापस बाहर आ गए। हनुमानजी की इस चतुराई से सुरसा प्रसन्न हो गई और रास्ता छोड़ दिया। चतुराई की यह कला हम हनुमानजी से सीख सकते हैं।🙏 संयमित जीवनहनुमानजी आजीवन ब्रह्मचारी रहे यानी उनका जीवन संयमित था। संयमपूर्वक रहने के कारण ही वे बहुत ताकतवर थे। हमारे जीवन में खान-पान और रहन-सहन सबकुछ असंयमित हो रहा है। असंयमित दिनचर्या के कारण गंभीर रोगों का डर लगा रहता है। संयम के साथ कैसा रहना चाहिए, ये बात हम हनुमानजी से सीख सकते हैं। आज जो लोग विवाहित हैं, वे भी अपने खान-पान और रहन-सहन में सावधानी रखेंगे तो उन्हें भी श्रेष्ठ स्वास्थ्य मिल सकता है।🙏 लोक-कल्याणहनुमानजी का अवतार ही श्रीराम के काम के लिए हुआ था। श्रीराम का काम यानी रावण का अंत करके तीनों लोकों का सुखी करना। हनुमानजी ने श्रीराम का साथ दिया। हमें भी हनुमानजी से यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि जो लोग अच्छा और समाज सेवा का काम करते हैं, उनका साथ दें।   आपको भी हनुमान जयंती की शुभकामनायेहमारी भी यही कामना हे हनुमान जी से की आपको ऐसे ही शक्ति प्रदान करे ।
॥दोहा॥श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥॥चौपाई॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।जय कपीस तिहुँ लोक उजागर 
॥१॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा 
॥२॥
महाबीर बिक्रम बजरङ्गी ।कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥
कञ्चन बरन बिराज सुबेसा ।कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥
सङ्कर सुवन केसरीनन्दन ।तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर ।राम काज करिबे को आतुर ॥७॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे ।रामचन्द्र के काज सँवारे ॥१०॥
लाय सञ्जीवन लखन जियाये ।श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥
रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई ।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥
सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥१३॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥
तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥
जुग सहस्र जोजन पर भानु ।लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥१९॥
दुर्गम काज जगत के जेते ।सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥
राम दुआरे तुम रखवारे ।होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥
सब सुख लहै तुह्मारी सरना ।तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥
आपन तेज सह्मारो आपै ।तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥
नासै रोग हरै सब पीरा ।जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥
सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै ।मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥
सब पर राम तपस्वी राजा ।तिन के काज सकल तुम साजा ॥२७॥
और मनोरथ जो कोई लावै ।सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥
चारों जुग परताप तुह्मारा ।है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥
साधु सन्त के तुम रखवारे ।असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता ।अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥
राम रसायन तुह्मरे पासा ।सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥
तुह्मरे भजन राम को पावै ।जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥
अन्त काल रघुबर पुर जाई ।जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥
और देवता चित्त न धरई ।हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥३५॥
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा ।जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं ।कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥
जो सत बार पाठ कर कोई ।छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा ।कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥ 
दोहा॥पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥
Jai jai shree ramमहान भक्त, महा बलशाली, सर्व शक्तिमान पवन सुत हनुमान जी की जयन्ती पर आपको सपरिवार हार्दिक - हार्दिक शुभकामनाएं व बधाईयाँ..🏹श्रीराम जयराम जय जय राम🏹🚩🚩🚩🚩🚩
गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।2. गौ माता में तैंतीस कोटी देवी देवताओं का वास है ।3. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं ।4. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है ।5. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है ।6. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते ।7. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है ।8. गौ माता के मुत्र में गंगाजी का वास होता है ।9. गौ माता के गोबर से बने उपलों का रोजाना घर दूकान मंदिर परिसरों पर धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है सकारात्मक ऊर्जा मिलती है ।10. गौ माता के एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है ।11. गाय इस धरती पर साक्षात देवता है ।12. गौ माता अन्नपूर्णा देवी है कामधेनु है । मनोकामना पूर्ण करने वाली है ।13. गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है ।14. गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है । किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है ।15. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है । उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है । रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है ।16. गौ माता का दूध अमृत है ।17. गौ माता धर्म की धुरी है ।गौ माता के बिना धर्म कि कल्पना नहीं की जा सकती ।18. गौ माता जगत जननी है ।19. गौ माता पृथ्वी का रूप है ।20. गौ माता सर्वो देवमयी सर्वोवेदमयी है । गौ माता के बिना देवों वेदों की पूजा अधुरी है ।21. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है ।22. गौ माता से ही मनुष्यों के गौत्र की स्थापना हुई है ।23. गौ माता चौदह रत्नों में एक रत्न है ।24. गौ माता साक्षात् मां भवानी का रूप है ।25. गौ माता के पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होते हैं ।26. गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है । इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं ।27. गौ माता को घर पर रखकर सेवा करने वाला सुखी आध्यात्मिक जीवन जीता है । उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती ।28. तन मन धन से जो मनुष्य गौ सेवा करता है । वो वैतरणी गौ माता की पुछ पकड कर पार करता है। उन्हें गौ लोकधाम में वास मिलता है ।28. गौ माता के गोबर से ईंधन तैयार होता है ।29. गौ माता सभी देवी देवताओं मनुष्यों की आराध्य है; इष्ट देव है ।30. साकेत स्वर्ग इन्द्र लोक से भी उच्चा गौ लोक धाम है ।31. गौ माता के बिना संसार की रचना अधुरी है ।32. गौ माता में दिव्य शक्तियां होने से संसार का संतुलन बना रहता है ।33. गाय माता के गौवंशो से भूमि को जोत कर की गई खेती सर्वश्रेष्ट खेती होती है ।34. गौ माता जीवन भर दुध पिलाने वाली माता है । गौ माता को जननी से भी उच्चा दर्जा दिया गया है ।35. जहां गौ माता निवास करती है वह स्थान तीर्थ धाम बन जाता है ।36. गौ माता कि सेवा परिक्रमा करने से सभी तीर्थो के पुण्यों का लाभ मिलता है ।37. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है ।38. गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है ।39. गाय माता आनंदपूर्वक सासें लेती है; छोडती है । वहां से नकारात्मक ऊर्जा भाग जाती है और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे वातावरण शुद्ध होता है ।40. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे ।41. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं ।42. जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है ।43. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं ।44. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है ।45. गाय इस संसार का प्राण है ।46. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं । जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है ।47. गाय धार्मिक ; आर्थिक ; सांस्कृतिक व अध्यात्मिक दृष्टि से सर्वगुण संपन्न है ।48. गाय एक चलता फिरता मंदिर है । हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है । हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं ।49. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा ।50. जो व्यक्ति मोक्ष गौ लोक धाम चाहता हो उसे गौ व्रती बनना चाहिए ।51. गौ माता सर्व सुखों की दातार है ।हे मां आप अनंत ! आपके गुण अनंत ! इतना मुझमें सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों का बखान कर सकूं ।🚩जय गौ मात
🌻 Chhoti si fish🐟 ne Apni Maa se Poocha 
Hum Paani mein kyon rehte hai, zameen pe kyon nahi rehte ?






Mummy Fish sweetly replied: 
Hum Fish hai isliye Paani mein rehte hain, Zameen par to sab "selfish" rehte hain 

🌻 Death asked Life :
Why does everyone love you and hate me?Life replied :
Because I am a beautiful Lie and you are a painful Truth.!
 🌻 A Lovely Logic for a beautiful Life::
Never try to maintain relations in your life, Just try to maintain life in your relations. 🌻 3 stages of Life:Teen Age:: Has time & energy – But no Money.Working Age:: Has Money & Energy – But No Time.Old Age:: Has Money & Time – But No Energy.
🌻 We are very good Lawyers for our mistakes, and very good Judges for other's mistakes. 
🌻 World always say – Find good people and leave bad ones.But I say, Find the good in people and ignore the bad in them. Because No one is born perfect.! 
🌻 A fantastic sentence written on every Japanese bus stop::Only buses will stop here – Not your time, So Keep walkingGood morning!

पलकें झुके , और नमन हो जाए......!!मस्तक झुके, और वंदन हो जाए.....!!ऐसी नजर,कहाँ से लाऊँ,मेरे महावीर.....!!की......आप को याद करूँ, और आपके दर्शन हो जाए....!जय जिनेन्द्र . सभी को महावीर जयन्ती की  बधाई ।

बुधवार, 20 अप्रैल 2016

  🌔 आज का पंचाग 🌔     
20 अप्रैल 2016 दिन बुधवार
बुधवार के दिन तेल मर्दन करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। (मुहूर्त गणपति)  
बुधवार के दिन किसी को भी ऋण नहीं देना चाहिए, अन्यथा दिया हुआ धन वापस नहीं आ पाता।                                     
 
बुधवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात दाढ़ी या बाल कटाने अथवा नख काटने या कटाने से लक्ष्मी और मान की प्राप्ति होती है ।(महाभारत अनुशासन पर्व)                                   
विक्रम संवत् - 2073🔔 संवत्सर - सौम्य🔔 शक संवत् - 1938🔔 अयन - उत्तरायण🔔 गोल - उत्तर      🔔 ऋतु - वसन्त      🔔 मास - चैत्र      🔔 पक्ष  - शुक्ल      🔔 तिथि-  चतुर्दशी।      ⭐नक्षत्र- हस्त रात्रि 03:41 बजे तक तदुपरांत चित्रा।      🔔 योग-  व्याघात दिन 02:15 बजे तक तदुपरांत हर्षण।      🔔 दिशाशूल - बुधवार को उत्तर दिशा और ईशानकोण का दिशाशूल होता है यदि यात्रा अत्यन्त आवश्यक हो तो धनिया का सेवनकर प्रस्थान करें।⚡ राहुकाल (अशुभ)- मद्ध्याह्न 12:00 बजे से 01:30 बजे तक।🔔सूर्योदय - प्रातः 05:38।🔔सूर्यास्त - सायं 06:22।🌞 विशेष- चतुर्दशी को स्त्री सहवास और तिल के तेल का सेवन नहीं करना चाहिए ।(ब्रह्माण्डपुराण ब्रह्माखण्ड)🔔👉 पर्व त्यौहार- श्री शिव नृसिंह व्रत, नृसिंह दमनकोत्सव।           🔔👉 मुहूर्त-                                                                                                                                                                                                                                                               
शहर के सबसे बड़े बैंक में एक बार एक बुढ़िया आई ।उसने मैनेजर से कहा :- "मुझे इस बैंक में कुछ रुपये जमा करने हैं"मैनेजर ने पूछा :- कितने हैं ?वृद्धा बोली :- होंगे कोई दस लाख ।मैनेजर बोला :- वाह क्या बात है, आपके पास तो काफ़ी पैसा है, आप करती क्या हैं ?वृद्धा बोली :- कुछ खास नहीं, बस शर्तें लगाती हूँ ।मैनेजर बोला :- शर्त लगा-लगा कर आपने इतना सारा पैसा कमाया है ? कमाल है...वृद्धा बोली :- कमाल कुछ नहीं है, बेटा, मैं अभी एक लाख रुपये की शर्त लगा सकती हूँ कि तुमने अपने सिर पर विग लगा रखा है । मैनेजर हँसते हुए बोला :- नहीं माताजी, मैं तो अभी जवान हूँ और विग नहीं लगाता ।तो शर्त क्यों नहीं लगाते ? वृद्धा बोली ।मैनेजर ने सोचा यह पागल बुढ़िया खामख्वाह ही एक लाख रुपये गँवाने पर तुली है, तो क्यों न मैं इसका फ़ायदा उठाऊँ... मुझे तो मालूम ही है कि मैं विग नहीं लगाता ।मैनेजर एक लाख की शर्त लगाने को तैयार हो गया ।वृद्धा बोली :- चूँकि मामला एक लाख रुपये का है, इसलिये मैं कल सुबह ठीक दस बजे अपने वकील के साथ आऊँगी और उसी के सामने शर्त का फ़ैसला होगा ।मैनेजर ने कहा :- ठीक है, बात पक्की...मैनेजर को रात भर नींद नहीं आई.. वह एक लाख रुपये और बुढ़िया के बारे में सोचता रहा ।अगली सुबह ठीक दस बजे वह बुढ़िया अपने वकील के साथ मैनेजर के केबिन में पहुँची और कहा :- क्या आप तैयार हैं ?मैनेजर ने कहा :- बिलकुल, क्यों नहीं ?वृद्धा बोली :- लेकिन चूँकि वकील साहब भी यहाँ मौजूद हैं और बात एक लाख की है, अतः मैं तसल्ली करना चाहती हूँ कि सचमुच आप विग नहीं लगाते, इसलिये मैं अपने हाथों से आपके बाल नोचकर देखूँगी । मैनेजर ने पल भर सोचा और हाँ कर दी, आखिर मामला एक लाख का था ।वृद्धा मैनेजर के नजदीक आई और धीर-धीरे आराम से मैनेजर के बाल नोचने लगी । उसी वक्त अचानक पता नहीं क्या हुआ, वकील साहब अपना माथा दीवार पर ठोंकने लगे ।मैनेजर ने कहा :- अरे.. अरे.. वकील साहब को क्या हुआ ?वृद्धा बोली :- कुछ नहीं, इन्हें सदमा लगा है, मैंने इनसे पाँच लाख रुपये की शर्त लगाई थी कि आज सुबह दस बजे मैं शहर के सबसे बड़े बैंक के मैनेजर के बाल नोचकर दिखा दूँगी ।
एक 6 साल का छोटा सा बच्चा अक्सर भगवान से मिलने की जिद किया करता था। उसे भगवान् के बारे में कुछ भी पता नही था पर मिलने की तमन्ना भरपूर थी।उसकी चाहत थी की एक समय की रोटी वो भगवान के सांथ खायेगा।1 दिन उसने 1 थैले में 5, 6 रोटियां रखीं और परमात्मा को ढूंढने निकल पड़ा।चलते चलते वो बहुत दूर निकल आया संध्या का समय हो गया।उसने देखा नदी के तट पर 1 बुजुर्ग माता बैठी हुई हैं,जिनकी आँखों में बहुत गजब की चमक थी, प्यार था, और ऐसा लग रहा था जैसे उसी के इन्तजार में वहां बैठी उसका रस्ता देख रहीं हों।वो 6 साल का मासूम , बुजुर्ग माता के पास जा कर बैठ गया, अपने थैले में से रोटी निकाली और खाने लग गया।फिर उसे कुछ याद आया तो उसने अपना रोटी वाला हाथ बूढी माता की ओर बढ़ाया और मुस्कुरा के देखने लगा, बूढी माता ने रोटी ले ली , माता के झुर्रियों वाले चेहरे पे अजीब सी ख़ुशी आ गई आँखों में ख़ुशी के आँसू भी थे,,,,बच्चा माता को देखे जा रहा था , जब माता ने रोटी खा ली बच्चे ने 1 और रोटी माता को दी।माता अब बहुत खुश थी। बच्चा भी बहुत खुश था। दोनों ने आपस में बहुत प्यार और स्नेह केे पल बिताये।जब रात घिरने लगी तो बच्चा इजाजत ले घर की ओर चलने लगावो बार बार पीछे मुद कर देखता ! तो पाता बुजुर्ग माता उसी की ओर देख रही होती।,,बच्चा घर पहुॅचा तो माँ ने अपने बेटे को आया देख जोर से गले से लगा लिया और चूमने लगी,बच्चा बहुत खुश था। माँ ने अपने बच्चे को इतना खुश पहली बार देखा तो ख़ुशी का कारण पूछा, तो बच्चे ने बताया !!!!माँ,....आज मैंने भगवान के सांथ बैठ कर रोटी खाई, आपको पता है उन्होंने भी मेरी रोटी खाई,,,माँ भगवान् बहुत बूढ़े हो गये हैं ,मैं आज बहुत खुश हूँ माँ...उस तरफ बुजुर्ग माता भी जब अपने घर पहुँची तो गाँव वालों ने देखा माता जी बहुत खुश है , तो किसी ने उनके इतने खुश होने का कारण पूछा ????माता जी बोलीं,,,,मैं 2 दिन से नदी के तट पर अकेली भूखी बैठी थी,,मुझे पता था भगवान आएंगे और मुझे खाना खिलाएंगे।आज भगवान् आए थे, उन्होंने मेरे सांथ बैठ के रोटी खाई मुझे भी बहुत प्यार से खिलाई , बहुत प्यार से मेरी और देखते थे, जाते समय मुझे गले भी लगाया,,भगवान बहुत ही  मासूम हैं बच्चे की तरह दीखते हैं।इस कहानी का अर्थ बहुत गहराई वाला है -----असल में बात सिर्फ इतनी है की दोनों के दिलों में ईश्वर के लिए प्यार बहुत सच्चा है ।और ईश्वर ने दोनों को , दोनों के लिए, दोनों में ही ( ईश्वर) खुद को भेज दिया।☆☆जब मन ईश्वर भक्ति में रम जाता है तो,,,,,हमे हर एक  में वो ही नजर आता है ।।☆☆☆☆ईश्वर सदा हमारे करीब है बहुत ज्यादा करीब है, हमारे आस पास बस वो ही वो बसता है।जब हम उसके दर्शन को सही मायनो में तरसते है तो हमें हर जगह वो ही वो दीखता है, हर 1 में वो ही दीखता है चाहे वो हमारा दुश्मन ही क्यूँ ना हो।
मामा का मतलब सिर्फ माँ या मौसी का भाई नही होता।मामा वो है जो अपने भांजे-भांजी को उनकी माँ के सामान प्यार देता है और बल्कि अपनी जान वार्ता है। मामा सिर्फ एक रिश्ता या एक शब्द् नही है। ये एक अहसास है जो माँ के पास होने के सामान है।मामा दो बार माँ लिखने से बनने वाला शब्द है और वो रिश्ता है जिसमे वे अपने भांजा-भांजी को माँ के सामान दो गुना प्रेम देने की निष्ठा एवम् भरोसा रखते है।
दोस्तों मेरा आज सुबह से ही दिमाग़ काम नहीं कर रहा है कल का हिसाब कुछ गड़बड़ हो हुआ है Please help meमैं बाज़ार गया हुवा था, मेरे पास पैसे नहीं थे, रास्ते मे मुझे दो दोस्त मिले, एक ने 1000 का नोट दिया दुसरे ने 500 का, 1000 का नोट गूम हो गया, 500 मे से 300 की शॉपींग की,. बाकी बचे 200 रुपये, 200 मे से 100 रुपये उसको दिया जिसने 1000 रुपये दिये थे और 100 रुपये उसको जिसने 500 रुपये दिये थे, 1000 वाले के बाकी 900 रुपये और 500 वाले के 400, तो 900 + 400 = 1300, और 300 रुपये की शॉपिंग, टोटल 1300 + 300 = 1600 हुवे, अब मुझे ये समझ मे नहीं आ रहा की मैंने तो 1500 रुपये ही लिये थे, 1600 कहाँ से आये...?
 बस से उतरकर जेब में हाथ डाला। मैं चौंक पड़ा। जेब कट चुकी थी।  जेब में था भी क्या?कुल 90 रुपए और एक खत, जो मैंने माँ को लिखा था कि—मेरी नौकरी छूट गई है;अभी पैसे नहीं भेज पाऊँगा। तीन दिनों से वह पोस्टकार्ड जेब में पड़ा था। पोस्ट करने को मन ही नहीं कर रहा था।90 रुपए जा चुके थे। यूँ 90 रुपए कोई बड़ी रकम नहीं थी,लेकिन जिसकी नौकरी छूट चुकी हो,उसके लिए 90 रुपए ,, नौ सौ से कम नहीं होते। कुछ दिन गुजरे। माँ का खत मिला। पढ़ने से पूर्व मैं सहम गया। जरूर पैसे भेजने को लिखा होगा।….लेकिन, खत पढ़कर मैं हैरान रह गया। माँ ने लिखा था—“बेटा, तेरा 1000 रुपए का भेजा हुआ मनीआर्डर मिल गया है। तू कितना अच्छा है रे!…पैसे भेजने में कभी लापरवाही नहीं बरतता।”मैं इसी उधेड़- बुन में लग गया कि आखिर माँ को मनीआर्डर किसने भेजा होगा?कुछ दिन बाद, एक और पत्र मिला। चंद लाइनें थीं— आड़ी तिरछी। बड़ी मुश्किल से खत पढ़ पाया। लिखा था—“भाई, 90 रुपए तुम्हारे और910 रुपए अपनी ओर से मिलाकर मैंने तुम्हारी माँ को मनीआर्डर भेज दिया है। फिकर न करना।….माँ तो सबकी एक-जैसी होती है न। वह क्यों भूखी रहे?…तुम्हारा—जेबकतरा

मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

व्यवहार मीठा ना हों तो... हिचकियाँ भी नहीं आती
बोल मीठे न हों तो कीमती... मोबाईलो पर घन्टियां भी नहीं आती
घर बड़ा हो या छोटा, अग़र मिठास ना हो,तो ईंसान तो क्या, चींटियां भी नजदीक नहीं आती
जीवन का 'आरंभ' अपने रोने से होता हैं..,और जीवन का 'अंत' दूसरों के रोने से
 
इस "आरंभ और ...अंत" के बीच का समय भरपूर हास्य भरा हो...बस यही सच्चा जीवन है...!!!हे प्रभुन किसी का फेंका हुआ मिले,न किसी से ..छीना हुआ मिले,मुझे बस मेरे.. नसीब मे लिखा हुआ मिले,ना मिले ये भी तोकोई ग़म नहीमुझे बस मेरी मेहनत काकिया हुआ मिले..बिंदी 1 रुपये की आती है व ललाट पर लगायी जाती है।पायल की कीमत ...हजारों में आती है पर पैरों में पहनी जाती है।इन्सान आदरणीय अपने कर्म से होता है, उसकी धन दौलत से नहीं।बस इतना देना.. मेरे मालिक अगर जमींन पर बैठूँतो लोग उसे मेरा ...बड़प्पन कहें मेरी ओकात नहीं....
तुलसी एक लड़की थी जिसका नामवृंदा था राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपनसे ही भगवान विष्णुजी की भक्तथी.बड़े ही प्रेम से भगवानकी सेवा,पूजा किया करती थी.जबवे बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षसकुल में दानव राज जलंधर से हो गया,जलंधर समुद्रसे उत्पन्न हुआथा.वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपनेपति की सेवा किया करती थी.एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जबजलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा -स्वामी आप युध पर जा रहे है आपजब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठकरआपकी जीत के लियेअनुष्ठान करुगी,और जब तक आपवापस नहीं आ जाते में अपना संकल्पनही छोडूगी,जलंधरतो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकरपूजा में बैठ गयी,उनके व्रत के प्रभावसे देवता भी जलंधरको ना जीत सके सारे देवता जब हारनेलगे तो भगवान विष्णु जी के पास गये.सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवानकहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्तहै में उसके साथ छल नहीं करसकता पर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपायभी तो नहीं है अब आपही हमारी मदद कर सकतेहै.भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा औरवृंदा के महल में पँहुच गये जैसेही वृंदा ने अपने पति को देखा,वे तुरंतपूजा मे से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए,जैसेही उनका संकल्प टूटा,युद्ध में देवताओने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काटकर अलगकर दिया,उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा नेदेखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर येजो मेरे सामने खड़े है ये कौन है?उन्होंने पूँछा - आप कौन हो जिसका स्पर्श मैनेकिया,तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछना बोल सके,वृंदा सारी बात समझगई,उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर केहो जाओ,भगवान तुंरत पत्थर के हो गयेसबी देवता हाहाकार करने लगेलक्ष्मी जी रोने लगे औरप्राथना करने लगे यब वृंदा जी ने भगवानको वापस वैसा ही कर दिया और अपनेपति का सिर लेकर वेसती हो गयी.उनकी राख से एक पौधा निकला तबभगवान विष्णु जी ने कहा –आज सेइनका नाम तुलसी है,और मेरा एक रूपइस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम सेतुलसी जी के साथही पूजा जायेगा और मेंबिना तुलसी जी के भोगस्वीकार नहीं करुगा.तब सेतुलसी जी कि पूजा सभी करनेलगे.औरतुलसी जी का विवाहशालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास मेंकिया जाता है.देवउठनी एकादशी केदिन इसे तुलसी विवाह के रूप मेंमनाया जाता है....इस कथा को कम से कम दो लोगों को अवशय सुनाए आप को पुण्य  अवश्य मिले गा।  

शनिवार, 16 अप्रैल 2016

परिवार घड़ी के सुईयों जैसा होना चाहिए भले एक फास्ट हो, भले एक स्लो हो, भले एक बड़ा हो, भले एक छोटा हो, लेकिन किसी की 12 बजानी हो तो ये सब एक साथ हो जाए। आशा है आप सब समझ गए होंगे। संगठन में शक्ति है

खुदा तो रिज़क देता है               कीड़ो को पत्थर मेंतू क्यों परेशान है               हीरे मोती के चक्कर मेंउड़ा जा आसमान में               या लगा गोता समन्दर मेंतुझे उतना ही मिलेगा               जितना है तेरे मुकद्दर मेंअपनी अंधेरी कब्र कोखुद ही रोशन करने की तय्यारी करलेए इंसानआज जिन्दो से कोई वफा नही करताकल मुर्दो के लिए कोन दुआ करेगाआईना कुछ ऐसा बना दे ""ए खुदा""जो चेहरा नहीं नीयत दिखा देकदर करनी हैतो जीते जी करोजनाजा उठाते वक्त तोनफरत करने वाले भी रो पड़ते हैजिन आँखों को सजदे में             रोने की आदत होवो आँखें कभी अपने             मुक्कदर पर रोया नहीं करती.कमाई तो जनाज़े के दिन पता चलेगीदौलत तो कोई भी कमा लैता हेज़माना जब भी मुझे मुश्किल मे डाल देता है.मेरा ख़ुदा हज़ार रास्ते निकाल देता है....जमाना आज भी उसकी मिसाल देता हैनेकिया कर के जो दरिया में डाल देता हैअपनी भूख का इलज़ाम उस खुदा को ना देवो माँ के पेट में भी बच्चे को पाल देता हैं

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

💮यह नदियों का मुल्क है पानी भी भरपूर है। बोतल में बिकता है  पन्द्रह रू शुल्क है। 💮
 💮यह गरीबों का मुल्क है जनसंख्या भी भरपूर है। परिवार नियोजन मानते नहीं नसबन्दी नि:शुल्क है।
💮 💮यह अजीब मुल्क है निर्बलों पर हर शुल्क है। अगर आप हों बाहुबली हर सुविधा नि:शुल्क है।💮
 💮यह अपना ही मुल्क है कर कुछ सकते नहीं कह कुछ सकते नहीं बोलना नि:शुल्क है।💮.              💮यह शादियों का मुल्क है,दान दहेज भी खूब हैं।शादी करने को पैसा नहीं,कोर्ट मैरिज नि:शुल्कहैं।💮
💮यह पर्यटन का मुल्क है,रेलें भी खूब हैं।बिना टिकट पकड़े गए तो,रोटी कपड़ा नि:शुल्क है।💮
 
💮यह अजीब मुल्क है,हर जरूरत पर शुल्क है।ढूंढ कर देते हैं लोग,सलाह नि:शुल्क है।💮
💮यह आवाम का मुल्क है,रहकर चुनने का हक है।वोट देने जाते नहीं,मतदान नि:शुल्क है।💮
 💮यह शिक्षकों का मुल्क है,पाठशालाएं भी खूब है,शिक्षकों को वेतनमान देने के पैसे नहीं,पढ़ना,खाना,पोशाक निःशुल्क है।💮

गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

एक नास्तिक की भक्तिहरिराम नामक आदमी शहर के एक छोटी सी गली में रहता था। वह एक मेडिकल दुकान का मालिक था।सारी दवाइयों की उसे अच्छी जानकारी थी,दस साल का अनुभव होने के कारण उसे अच्छी तरह पता था कि कौन सी दवाई कहाँ रखी है।वह इस पेशे को बड़े ही शौक से बहुत ही निष्ठा से करता था।दिन-ब-दिन उसके दुकान में सदैव भीड़ लगी रहती थी,वह ग्राहकों को वांछित दवाइयों को सावधानी और इत्मीनान होकर देता था।पर उसे भगवान पर कोई भरोसा नहीं था वह एक नास्तिक था,भगवान के नाम से ही वह चिढ़ने लगता था।घरवाले उसे बहुत समझाते पर वह उनकी एक न सुनता था,खाली वक्त मिलने पर वह अपने दोस्तों के संग मिलकर घर या दुकान में ताश खेलता था।एक दिन उसके दोस्त उसका हालचाल पूछने दुकान में आए और अचानक बहुत जोर से बारिश होने लगी,बारिश की वजह से दुकान में भी कोई नहीं था।बस फिर क्या, सब दोस्त मिलकर ताश खेलनेलगे।तभी एक छोटा लड़का उसके दूकान में दवाई लेने पर्चा लेकर आया। उसका पूरा शरीर भीगा था।हरिराम ताश खेलने में इतना मशगूल था कि बारिश में आए हुए उस लड़के पर उसकी नजर नहीं पड़ी।ठंड़ से ठिठुरते हुए उस लड़के ने दवाई कापर्चा बढ़ाते हुए कहा- "साहब जी मुझे येदवाइयाँ चाहिए, मेरी माँ बहुत बीमार है, उनको बचा लीजिए. बाहर और सब दुकानें बारिश की वजह से बंद है। आपके दुकान को देखकर मुझे विश्वास हो गया कि मेरी माँ बच जाएगी। यह दवाई उनके लिए बहुत जरूरी है।इस बीच लाइट भी चली गई और सब दोस्त जाने लगे।बारिश भी थोड़ा थम चुकी थी,उस लड़के की पुकार सुनकर ताश खेलते-खेलते ही हरिराम ने दवाई के उस पर्चे को हाथ में लिया और दवाई लेने को उठा,ताश के खेल को पूरा न कर पाने के कारण अनमने से अपने अनुभव से अंधेरे में ही दवाई की उस शीशी को झट से निकाल कर उसने लड़के को दे दिया।उस लड़के ने दवाई का दाम पूछा और उचित दाम देकर बाकी के पैसे भी अपनी जेब मेंरख लिया।लड़का खुशी-खुशी दवाई की शीशी लेकर चलागया। वह आज दूकान को जल्दी बंद करने कीसोच रहा था।थोड़ी देर बाद लाइट आ गई और वह यह देखकर दंग रह गया कि उसने दवाई की शीशीसमझकर उसलड़के को दिया था, वह चूहे मारने वाली जहरीली दवा है,जिसे उसके किसी ग्राहक ने थोड़ी ही देर पहले लौटाया था,और ताश खेलने की धुन में उसने अन्य दवाइयों के बीच यह सोच कर रख दिया था कि ताश की बाजी के बाद फिर उसे अपनी जगह वापस रख देगा।अब उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा।उसकी दस साल की नेकी पर मानो जैसे ग्रहण लग गया। उस लड़के बारे में वह सोचकर तड़पने लगा। सोचा यदि यह दवाई उसने अपनी बीमार माँ को देगा, तो वह अवश्य मर जाएगी।लड़का भी बहुत छोटा होने के कारण उस दवाई को तो पढ़ना भी नहीं जानता होगा। एक पल वह अपनी इस भूल को कोसने लगा और ताश खेलने की अपनी आदत को छोड़ने का निश्चय कर लियापर यह बात तो बाद के बाद देखा जाएगी।अब क्या किया जाए ?उस लड़के का पता ठिकाना भी तो वह नहीं जानता।कैसे उस बीमार माँ को बचाया जाए?सच कितना विश्वास था उस लड़के की आंखों में।हरिराम को कुछ सूझ नहीं रहा था।घर जाने की उसकी इच्छा अब ठंडी पड़ गई। दुविधा और बेचैनी उसे घेरे हुए था। घबराहट में वह इधर-उधर देखने लगा।पहली बार उसकी दृष्टि दीवार के उस कोने में पड़ी, जहाँ उसके पिता ने जिद्दकरके भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर दुकान के उदघाटन के वक्त लगाई थी,पिता से हुई बहस में एक दिन उन्होंने हरिराम से भगवान को कम से कम एक शक्ति के रूप मानने और पूजने की मिन्नत की थी।उन्होंने कहा था कि भगवान की भक्ति में बड़ी शक्ति होती है, वह हर जगह व्याप्त है और हमें सदैव अच्छे कार्य करने की प्रेरणा देता है।हरिराम को यह सारी बात याद आने लगी। आजउसने इस अद्भुत शक्ति को आज़माना चाहा।उसने कई बार अपने पिता को भगवान की तस्वीर के सामने कर जोड़कर, आंखें बंद करते हुए पूजते देखा था।उसने भी आज पहली बार कमरे के कोने में रखी उस धूल भरे कृष्ण की तस्वीर को देखा और आंखें बंद कर दोनों हाथों को जोड़कर वहीं खड़ा हो गया।थोड़ी देर बाद वह छोटा लड़का फिर दुकान में आया।हरिराम को पसीने छूटने लगे।वह बहुत अधीर हो उठा।पसीना पोंछते हुए उसने कहा- क्या बात है बेटा तुम्हें क्या चाहिए?लड़के की आंखों से पानी छलकने लगा। उसने रुकते-रुकते कहा- बाबूजी...बाबूजीमाँ को बचाने के लिए मैं दवाई की शीशी लिए भागे जा रहा था, घर के करीब पहुँच भी गया था, बारिश की वजह से ऑंगन में पानी भरा था और मैं फिसल गया। दवाई की शीशी गिर कर टूट गई।क्या आप मुझे वही दवाई की दूसरी शीशी दे सकते हैं बाबूजी?लड़के ने उदास होकर पूछा।हाँ! हाँ ! क्यों नहीं?हरिराम ने राहत की साँस लेते हुए कहा। लो, यह दवाई!पर उस लड़के ने दवाई की शीशी लेते हुए कहा,पर मेरे पास तो पैसे नहीं है,उस लड़के ने हिचकिचाते हुए बड़े भोलेपन से कहा।हरिराम को उस बिचारे पर दया आई।कोई बात नहीं- तुम यह दवाई ले जाओ और अपनी माँ को बचाओ।जाओ जल्दी करो, और हाँ अब की बार ज़रा संभल के जाना।लड़का, अच्छा बाबूजी कहता हुआ खुशी से चल पड़ा।अब हरिराम की जान में जान आई।भगवान को धन्यवाद देता हुआ अपने हाथों से उस धूल भरे तस्वीर को लेकर अपनी धोती से पोंछने लगा और अपने सीने से लगा लिया।अपने भीतर हुए इस परिवर्तन को वह पहले अपने घरवालों को सुनाना चाहता था।जल्दी से दुकान बंद करके वह घर को रवाना हुआ।उसकी नास्तिकता की घोर अंधेरी रात भी अब बीत गई थी और अगले दिन की नई सुबह एकनए हरिराम की प्रतीक्षा कर रही थी।🌝🌞


⛔ TEMPLE में 6 अक्षर हैं और MASJID और CHURCH में भी...!!⛔ GEETA में 5 अक्षर हैं और QURAN और BIBLE में भी..!!⛔ LIFE में 4 अक्षर हैं और DEAD में भी..!!⛔ HATE में 4 अक्षर हैं और LOVE में भी...!!⛔ NEGATIVE में 8 अक्षर हैं और POSITIVE में भी..!!⛔ FAILURE में 7 अक्षर हैं और SUCCESS में भी...!!⛔ BELOW में 5 अक्षर हैं और ABOVE में भी..!!⛔ CRY में 3 अक्षर हैं और JOY में भी..!!⛔ ANGER में 5 अक्षर हैं और HAPPY में भी..!!⛔ RIGHT में 5 अक्षर हैं और WRONG में भी..!!⛔ RICH में 4 अक्षर हैं और POOR में भी...!!⛔ FAIL में 4 अक्षर हैं और PASS में भी...!!अगर विरोधी शब्दों में भी समानता है, फिर अपनों में क्यों नहीं...?
।।जा पर कृपा राम  की होई ता  पर  कृपा करे सब  कोई ।।श्री राम नवमी  पर्व की  शुभकामनाएँ             🚩जय "श्री राम "🚩       🏹

जयमातादी
माँ तुम आओ सिंह की सवार बन कर !  
 माँ तुम आओ रंगो की फुहार बनकर !      
माँ तुम आओ पुष्पों की बहार बनकर !

माँ तुम आओ सुहागन का श्रृंगार बनकर ! 
  माँ तुम आओ खुशीयाँ अपार बनकर !   
   माँ तुम आओ रसोई में प्रसाद बनकर !
  माँ तुम आओ रिश्तो में प्यार बनकर !  
 माँ तुम आओ बच्चो का दुलार बनकर !     
 माँ तुम आओ व्यापार में लाभ बनकर ! 

माँ तुम आओ समाज में संस्कार बनकर !  
 माँ तुम आओ सिर्फ तुम आओ,      
क्योंकि तुम्हारे आने से ये सारे सुख   
 खुद ही चले आयेगें तुम्हारे दास बनकार !
।।जय माता की।।
कोल्लम के मंदिर में घटी दुःखद घटना पर सिर्फ शोक व्यक्त करने के बजाय प्रधानमंत्री सीधा डॉक्टरों की टीम लेकर रवाना हो गए, गृहमंत्री से लेकर तमाम अमला राहत और बचाव कार्य में जुट गए।आज से पहले किस प्रधानमंत्री ने ऐसा किया है? मोदी जी के सभी  कार्यो का विरोध करने वालेआज सैकड़ों हिंदुओं की मौत पर खामोश हैं।जो लोग मोदी को ठीक से समझ नहीं पाये वो गाहे बगाहे तुरंत मोदी को कठघरे में खड़ा कर देते हैं और अपने ही विश्वास को किसी पारे की तरह ऊपर नीचे करते रहते हैं। आज से पहले सिर्फ अल्पसंख्यकों के दर्द पर आंसू बहाये जाते थे वहीँ आज मोदी बिना देरी किये खुद ही पूरे अमले के साथ बिना किसी प्रोटोकॉल के कोल्लम पहुँच गए। ऐसे ही दिनों के लिये हमने मोदी को चुना था और मोदी उस पर शत प्रतिशत खरे उतर रहे हैं।गर्व है हमारे प्रधानमंत्री पर !!"भारत माता की जय""वन्देमातरम"

बुधवार, 13 अप्रैल 2016

भारत ही नहीं विश्व के 12 देशो में आज संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की125वीं जयंती मनाई जा रही है । जयंती के इस अवसर आप सभी को बधाई।

मैं रूठा, तुम भी रूठ गए फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप, तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?
बात छोटी को लगा लोगे दिल से, तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर, सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी, न तुम राजी, फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी, तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी, इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें....तो कल इस बात पर फिरपछतायेगा कौन ?
एक बार एक कवि हलवाई की दुकान पहुँचे, जलेबी और दही लिया और वहीं खाने बैठ गये। इतने में एक कौआ कहीं से आया और दही की परात में चोंच मारकर उड़ चला। हलवाई को बड़ा गुस्सा आया, उसने पत्थर उठाया और कौए को दे मारा। कौए की किस्मत ख़राब, पत्थर सीधे उसे लगा और वो मर गया  ये घटना देख कवि हृदय जगा । वो जलेबी खाने के बाद पानी पीने पहुँचे तो उन्होने एक कोयले के टुकड़े से वहां एक पंक्ति लिख दी।   "काग दही पर जान गँवायो" 
तभी वहाँ एक लेखापाल महोदय जो कागजों में हेराफेरी की वजह से निलम्बित हो गये थे, पानी पीने आए। कवि की लिखी पंक्तियों पर जब उनकी नजर पड़ी तो अनायास ही उनके मुँह से निकल पड़ा, कितनी सही बात लिखी है! क्योंकि उन्होने उसे कुछ इस तरह पढ़ा- "कागद ही पर जान गँवायो"
 तभी एक मजनू टाइप लड़का पिटा-पिटाया सा वहां पानी पीने आया। उसे भी लगा कितनी सच्ची बात लिखी है काश उसे ये पहले पता होती, क्योंकि उसने उसे कुछ यूँ पढ़ा था-  "का गदही पर जान गँवायो" 
शायद इसीलिए तुलसीदास जी ने बहुत पहले ही लिख दिया था,"जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी"
एक संत अपने शिष्य के साथ जंगल में जा रहे थे। ढलान पर से गुजरते अचानक शिष्य का पैर फिसला और वह तेजी से नीचे की ओर लुढ़कने लगा।वह खाई में गिरने ही वाला था कि तभी उसके हाथ में बांस का एक पौधा आ गया। उसने बांस के पौधे को मजबूती से पकड़ लिया और वह खाई में गिरने से बच गया।बांस धनुष की तरह मुड़ गया लेकिन न तो वह जमीन से उखड़ा और न ही टूटा. वह बांस को मजबूती से पकड़कर लटका रहा। थोड़ी देर बाद उसके गुरू पहुंचे।उन्होंने हाथ का सहारा देकर शिष्य को ऊपर खींच लिया। दोनों अपने रास्ते पर आगे बढ़ चले. राह में संत ने शिष्य से कहा- जान बचाने वाले बांस ने तुमसे कुछ कहा, तुमने सुना क्या? शिष्य ने कहा- नहीं गुरुजी, शायद प्राण संकट में थे इसलिए मैंने ध्यान नहीं दिया और मुझे तो पेड-पौधों की भाषा भी नहीं आती. आप ही बता दीजिए उसका संदेश।गुरु मुस्कुराए- खाई में गिरते समय तुमने जिस बांस को पकड़ लिया था, वह पूरी तरह मुड़ गया था।फिर भी उसने तुम्हें सहारा दिया और जान बची ली।संत ने बात आगे बढ़ाई- बांस ने तुम्हारे लिए जो संदेश दिया वह मैं तुम्हें दिखाता हूं। गुरू ने रास्ते में खड़े बांस के एक पौधे को खींचा औऱ फिर छोड़ दिया। बांस लचककर अपनी जगह पर वापस लौट गया।हमें बांस की इसी लचीलेपन की खूबी को अपनाना चाहिए। तेज हवाएं बांसों के झुरमुट को झकझोर कर उखाड़ने की कोशिश करती हैं लेकिन वह आगे-पीछे डोलता मजबूती से धरती में जमा रहता है।बांस ने तुम्हारे लिए यही संदेश भेजा है कि जीवन में जब भी मुश्किल दौर आए तो थोड़ा झुककर विनम्र बन जाना लेकिन टूटना नहीं क्योंकि बुरा दौर निकलते ही पुन: अपनी स्थिति में दोबारा पहुंच सकते हो।शिष्य बड़े गौर से सुनता रहा। गुरु ने आगे कहा- बांस न केवल हर तनाव को झेल जाता है बल्कि यह उस तनाव को अपनी शक्ति बना लेता है और दुगनी गति से ऊपर उठता है।बांस ने कहा कि तुम अपने जीवन में इसी तरह लचीले बने रहना। गुरू ने शिष्य को कहा- पुत्र पेड़-पौधों की भाषा मुझे भी नहीं आती। बेजुबान प्राणी हमें अपनेआचरण से बहुत कुछ सिखाते हैं।जरा सोचिए कितनी बड़ी बात है। हमें सीखने के सबसे ज्यादा अवसर उनसे मिलते हैं जो अपने प्रवचन से नहीं बल्कि कर्म से हमें लाख टके की बात सिखाते हैं। हम नहीं पहचान पाते,तो यह कमी हमारी है।
गर्मी से परेशान एक व्यक्ति ने सूर्य देवता को एक संदेश भेजा प्रिय सुर्य देव आप ने बढ़ाई हुई  Brightness कम करो बहुत तकलीफ हो रही हे  सूर्य देव ने तुरंत रिप्लाई दिया  Setting में जाओ वहां option है पेड़ लगाओ उसको बढ़ाओ और सेव पर क्लिक करो🌿🌴🌿 तुरंत कार्बन डायआॅक्साईड कम हो जायेगा और वातावरण शुद्घ होगा, एवं मौसम ठंड रहेगा और बरसात होगी 🌴
ये कहानी हर मध्यम व छोटे वर्ग किसान की है.….कहते हैं..इन्सान सपना देखता है तो वो ज़रूर पूरा होता है.मगर किसान के सपने कभी पूरे नहीं होते बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है.बड़ा खुश होते हुए जाता है.बच्चों से कहता है आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा, पत्नी से कहता है..तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा.पत्नी:–"अरे नही जी..!""ये तो अभी ठीक है..!""आप तो अपने लिये जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..! "जब किसान मंडी पहुँचता है .ये उसकी मजबूरी है वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता.व्यापारी उसके माल की कीमत अपने हिसाब से तय करते हैं.एक साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.एक माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.लेकिन किसान अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .खैर..माल बिक जाता है, लेकिन कीमत उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.माल तौलाई के बाद जब पेमेन्ट मिलता है.…वो सोचता है इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,अरे हाँ, बिजली का बिल भी तो जमा करना है.…सारा हिसाब लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.वो मायूस हो घर लौट आता हैबच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं."पिताजी..! पिताजी..!" कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-"हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?"पिता:–"वो क्या है बेटा..,कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,दुकानदार कह रहा था इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!"पत्नी समझ जाती है, फसल कम भाव में बिकी है,वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.पति:–"अरे हाँ..!""तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..! "पत्नी:–"कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!"पति:– "अरे वो तो मैं भूल ही गया..!"पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.फिर अगले दिन सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.….ये कहानी हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है…..हम ये नहीं कहते कि हर बार फसल के सही दाम नहीं मिलते, लेकिन जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं..सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.………कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.वो किस तरह फसल को पानी देता है.१५ लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है,२० किलो खाद की तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.चिलचिलाती धूप में सिर का पसीना पैर तक बहाता है.ज़हरीले जन्तुओं 🦂🐉का डर होते भी खेतों में नंगे पैर घूमता है.……जिस दिन ये वास्तविकता आप अपनी आँखों से देख लेंगे, उस दिन आपके किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूधसब सस्ते लगने लगेगे।

मंगलवार, 12 अप्रैल 2016

हमारी किस्मत जगाने को साईं का नाम काफ़ी है

हज़ारो गम मिटाने को साईं का नाम काफ़ी है
गमों की धूप हो या हवाएँ तेज़ सबकी तक़दीर जगाने को एक साईं दर काफ़ी है
बोलो साईं नाथ महाराज की जय ।। ॐ साई राम जी