खुदा तो रिज़क देता है कीड़ो को पत्थर मेंतू क्यों परेशान है हीरे मोती के चक्कर मेंउड़ा जा आसमान में या लगा गोता समन्दर मेंतुझे उतना ही मिलेगा जितना है तेरे मुकद्दर मेंअपनी अंधेरी कब्र कोखुद ही रोशन करने की तय्यारी करलेए इंसानआज जिन्दो से कोई वफा नही करताकल मुर्दो के लिए कोन दुआ करेगाआईना कुछ ऐसा बना दे ""ए खुदा""जो चेहरा नहीं नीयत दिखा देकदर करनी हैतो जीते जी करोजनाजा उठाते वक्त तोनफरत करने वाले भी रो पड़ते हैजिन आँखों को सजदे में रोने की आदत होवो आँखें कभी अपने मुक्कदर पर रोया नहीं करती.कमाई तो जनाज़े के दिन पता चलेगीदौलत तो कोई भी कमा लैता हेज़माना जब भी मुझे मुश्किल मे डाल देता है.मेरा ख़ुदा हज़ार रास्ते निकाल देता है....जमाना आज भी उसकी मिसाल देता हैनेकिया कर के जो दरिया में डाल देता हैअपनी भूख का इलज़ाम उस खुदा को ना देवो माँ के पेट में भी बच्चे को पाल देता हैं
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