शनिवार, 16 अप्रैल 2016

खुदा तो रिज़क देता है               कीड़ो को पत्थर मेंतू क्यों परेशान है               हीरे मोती के चक्कर मेंउड़ा जा आसमान में               या लगा गोता समन्दर मेंतुझे उतना ही मिलेगा               जितना है तेरे मुकद्दर मेंअपनी अंधेरी कब्र कोखुद ही रोशन करने की तय्यारी करलेए इंसानआज जिन्दो से कोई वफा नही करताकल मुर्दो के लिए कोन दुआ करेगाआईना कुछ ऐसा बना दे ""ए खुदा""जो चेहरा नहीं नीयत दिखा देकदर करनी हैतो जीते जी करोजनाजा उठाते वक्त तोनफरत करने वाले भी रो पड़ते हैजिन आँखों को सजदे में             रोने की आदत होवो आँखें कभी अपने             मुक्कदर पर रोया नहीं करती.कमाई तो जनाज़े के दिन पता चलेगीदौलत तो कोई भी कमा लैता हेज़माना जब भी मुझे मुश्किल मे डाल देता है.मेरा ख़ुदा हज़ार रास्ते निकाल देता है....जमाना आज भी उसकी मिसाल देता हैनेकिया कर के जो दरिया में डाल देता हैअपनी भूख का इलज़ाम उस खुदा को ना देवो माँ के पेट में भी बच्चे को पाल देता हैं

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