शनिवार, 23 अप्रैल 2016

दो भाई थे ।आपस में बहुत प्यार था।खेत अलग अलग थे आजु बाजू।:बड़ा भाई शादीशुदा था ।छोटा अकेला ।:एक बार खेती बहुत अच्छी हुई अनाजबहुत हुआ ।:खेत में काम करते करते बड़े भाई नेबगल के खेत में छोटे भाई कोखेत देखने का कहकर खाना खाने चला गया।:उसके जाते ही छोटा भाई सोचने लगा । खेतीतो अच्छी हुई इस बार अनाज भी बहुतहुआ। मैं तो अकेला हूँ, बड़े भाई की तोगृहस्थी है। मेरे लिए तो ये अनाजजरुरत से ज्यादा है। भैया के साथ तो भाभी बच्चे है ।उन्हें जरुरत ज्यादा है।:ऐसा विचारकर वह 10 बोरे अनाजबड़े भाई के अनाज में डाल देताहै। बड़ा भाई भोजन करके आता है ।:उसके आते ही छोटा भाई भोजनके लिए चला जाता है।:भाई के जाते ही वह विचारता है ।मेरा गृहस्थ जीवन तो अच्छे से चल रहा है...:भाई को तो अभी गृहस्थी जमाना है... उसेअभी जिम्मेदारिया सम्हालना है...मै इतने अनाज काक्या करूँगा...:ऐसा विचारकर उसने 10 बोरे अनाजछोटे भाई के खेत में डाल दिया...।:दोनों भाईयों के मन में हर्ष था...अनाज उतना का उतना ही था औरहर्ष स्नेह वात्सल्य बढ़ा हुआ था...।:सोच अच्छी रखेंगें तो प्रेमअपने आप बढेगा ..

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