मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

व्यवहार मीठा ना हों तो... हिचकियाँ भी नहीं आती
बोल मीठे न हों तो कीमती... मोबाईलो पर घन्टियां भी नहीं आती
घर बड़ा हो या छोटा, अग़र मिठास ना हो,तो ईंसान तो क्या, चींटियां भी नजदीक नहीं आती
जीवन का 'आरंभ' अपने रोने से होता हैं..,और जीवन का 'अंत' दूसरों के रोने से
 
इस "आरंभ और ...अंत" के बीच का समय भरपूर हास्य भरा हो...बस यही सच्चा जीवन है...!!!हे प्रभुन किसी का फेंका हुआ मिले,न किसी से ..छीना हुआ मिले,मुझे बस मेरे.. नसीब मे लिखा हुआ मिले,ना मिले ये भी तोकोई ग़म नहीमुझे बस मेरी मेहनत काकिया हुआ मिले..बिंदी 1 रुपये की आती है व ललाट पर लगायी जाती है।पायल की कीमत ...हजारों में आती है पर पैरों में पहनी जाती है।इन्सान आदरणीय अपने कर्म से होता है, उसकी धन दौलत से नहीं।बस इतना देना.. मेरे मालिक अगर जमींन पर बैठूँतो लोग उसे मेरा ...बड़प्पन कहें मेरी ओकात नहीं....

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