बुधवार, 6 अप्रैल 2016

बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर,अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर,अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता!🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया,कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है!🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर,क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान!🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है!🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी,जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है!🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें,कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है!🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान,अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम"और महल वाले लिखते हैं:"कुत्तों सॆ सावधान"

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