आज मैंने अपने आप से पूछा कि जिंदगी कैसे जीनी चाहिए ?मुझे मेरे कमरे मे जबाब मिला
छत ने कहा - ऊंचा सोंचो
पंखे ने कहा - दिमाग ठंडा रक्खो
घड़ी ने कहा - समय की कदर करो
कैलेंडर ने कहा - वक्त के साथ चलो
पर्स ने कहा - भविष्य के लिए बचाओ
शीशे ने कहा - अपने आप को देखो
दीवाल ने कहा - दूसरों का बोझ बांटो
खिड़की ने कहा - अपने देखने का दायरा बढ़ाओ
फर्श ने कहा - जमीन से जुड़ कर रहो......
छत ने कहा - ऊंचा सोंचो
पंखे ने कहा - दिमाग ठंडा रक्खो
घड़ी ने कहा - समय की कदर करो
कैलेंडर ने कहा - वक्त के साथ चलो
पर्स ने कहा - भविष्य के लिए बचाओ
शीशे ने कहा - अपने आप को देखो
दीवाल ने कहा - दूसरों का बोझ बांटो
खिड़की ने कहा - अपने देखने का दायरा बढ़ाओ
फर्श ने कहा - जमीन से जुड़ कर रहो......
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