सोमवार, 23 मई 2016


अAमेरिका मे जब एक कैदी को फॉसी की सजा सुनाई गई तोवहॉ के कुछ बैज्ञानिकों ने सोचा कि क्यों न इस कैदी पर कुछप्रयोग किया जाय ! तब कैदी को बताया गया कि हम तुम्हेंफॉसी देकर नहीं परन्तु जहरीला कोबरा सॉप डसाकर मारेगें !और उसके सामने बड़ा सा जहरीला सॉप ले आने के बाद कैदी कीऑखे बंद करके कुर्सी से बॉधा गया और उसको सॉप नहीं बल्किदो सेफ्टी पिन्स चुभाई गई !और क्या हुआ कैदी की कुछ सेकेन्ड मे ही मौत हो गई,पोस्टमार्डम के बाद पाया गया कि कैदी के शरीर मे सॉप केजहर के समान ही जहर है ।अब ये जहर कहॉ से आया जिसने उस कैदी की जान ले ली ......वोजहर उसके खुद शरीर ने ही सदमे मे उत्पन्न किया था । हमारे हरसंकल्प से पाजिटीव एवं निगेटीव एनर्जी उत्पन्न होती है और वोहमारे शरीर मे उस अनुसार hormones उत्पन्न करती है ।75% वीमारियों का मूल कारण नकारात्मक सोंच से उत्पन्नऊर्जा ही है ।आज इंसान ही अपनी गलत सोंच से भस्मासुर बन खुद का विनाशकर रहा है ......अपनी सोंच सदैव सकारात्मक रखें और खुश रहें25 साल की उम्र तक हमें परवाह नहीँ होती कि "लोग क्यासोचेंगे ? ? "50 साल की उम्र तक इसी डर में जीते हैं कि " लोग क्यासोचेंगे ! ! "50 साल के बाद पता चलता है कि" हमारे बारे में कोई सोच ही नहीँ रहा था

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