बुधवार, 25 मई 2016

  एक  नाई  जिसका  नाम  नंदा  था  वह  एक  कृष्ण  भक्त था  सुबह  उठकर  कृष्ण  की  सेवा  करता  उन्हें  भोग  लगाता  कीर्तन  करता  फिर  अपने  काम  पर  निकलता  था  सबसे  पहले  राजा  की  हजामत  करता  था  क्योंकि  कि  राजा  को  दरबार  जाना  होता  था  राजा  की  हजामत  के  बाद  नगर  के  लिए  निकलता  था  एक  दिन  कृष्ण  सेवा  के  बाद  कीर्तन  करते  करते  कृष्ण  के  ध्यान  में  खो  गया  पत्नी  ने  देर  होते  देख  और  राजा  के  क्रोध  की  बात  सोचकर  नंदा  को  झंझोरते  कहा  अजी  सुनते  हो  राजा  के  दरबार  जाने  का  समय  हो  गया  है  राजा  की  हजामत  करनी  है  राजा  क्रोधित  हो  जायेंगे   नंदा  ने  जल्दी  अपना  सामान  लिआ  और  महल  की  तरफ  चल  दिया  महल  पहुंचा  और  वहां  से  राजा  दरबार  के  लिए  निकल  रहे  थे  राजा  ने  नंदा  को  देखकर  कहा  अभी  तो  हजामत  कर  गये  क्या  तुम्हे  कोई  परेशानी  है  या  किसी  चीज  आवश्यकता  है  नंदा  ने  कहा  जी  नहीं  मुझे  लगा  मैं  शायद  कुछ  भूल  रहा  था।नंदा  मन  में  सोचने  लगा  मैं  तो  अभी  आ  रहा  हूं  मैं  तो  कीर्तन  में  मुग्ध  था  तो  राजा  की  हजामत  किसने  की।     नंदा को मन  मे  विचार  आया  मेरी  लाज  रखने  और  राजा  के  क्रोध  से  बचाने  मेरे  कृष्ण  ही मेरे  रूप  में  आये  होंगे।-----------------------ईश्वर  कहते  हैं  डर  मत  मैं  तेरे  साथ  हूं  और  कही  नहीं  तेरे  आस  पास  हूंआँखे  बंद  करके  मुझे  याद  करऔर  कोई  नही  मैं  तेरा  विश्वास  हूँ।🌹🌹🌹🌹

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