बुधवार, 25 मई 2016

हवा के रूख पर रहने दो, ये चलना सीख जायेगाकि बच्चा लड़खड़ायेगा तो चलना सीख जायेगा..!वो घंटों बैठ के तोते से बातें करता रहता हैचलो अच्छा है अब नज़रें बदलना सीख जायेगा..!इसी उम्मीद पर हमने बदन को कर लिया छलनीकि पत्थर खाते खाते पेड़फलना सीख जायेगा..!ये दिल बच्चे की सूरत है, इसे सीने में रहने दोबुरा होगा जो ये घर से निकलना सीख जायेगा..!तुम अपना दिल मेरे सीने में कुछ दिनों के लिए रख दोयहां रहकर ये पत्थर भी पिघलना सीख जायेगा......🌞🙏🏻शुभरात्रि,दिन मंगलमय हो।भगवन शिव की कृपाआप पर सदा बनी रहे।

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