" लब्ज़ ही ऐसी चीज़ है जिसकी वजह से इंसान या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है " ज़िन्दगी के इस कश्मकश मैं वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ , लेकिन वक़्त का बहाना बना कर ,अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता !जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की, बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की, बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है , पर जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे वो ऊंचाई किस काम की ..
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