Lekh Rachnaye
शुक्रवार, 20 मई 2016
"चलते रहे कदम तो, किनारा जरुर मिलेगा !!अन्धकार से लड़ते रहो, सवेरा जरुर खिलेगा !!जब ठान लिया मंजिल पर जाना, रास्ता जरुर मिलेगा !!ए राही न थक, चल... एक दिन समय जरुर फिरेगा !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें