सोमवार, 30 मई 2016

मुझे भी आजहिंदी बोलने का शौक हुआ,घर से निकला औरएक ऑटो वाले से पूछा,"त्री चक्रीय चालकपूरे सुभाष नगर के परिभ्रमण मेंकितनी मुद्रायें व्यय होंगी ?"ऑटो वाले ने कहा,😇"अबे हिंदी में बोल रे.."मैंने कहा,"श्रीमानमै हिंदी में हीवार्तालाप कर रहा हूँ।"ऑटो वाले ने कहा,"मोदी जीपागल करके ही मानेंगे ।चलो बैठोकहाँ चलोगे ?"मैंने कहा,"परिसदन चलो"ऑटो वाला फिरचकराया !😇"अब येपरिसदन क्या है ?बगलवाले श्रीमान ने कहा,"अरेसर्किट हाउस जाएगा"ऑटो वाले नेसर खुजाया बोला,"बैठिये प्रभु"रास्ते में मैंने पूछा,"इस नगर मेंकितने छवि गृह हैं ??" ऑटो वाले ने कहा,"छवि गृह मतलब ??"मैंने कहा,"चलचित्र मंदिर"उसने कहा,"यहाँ बहुत मंदिर हैं ...राम मंदिर,हनुमान मंदिर,जगन्नाथ मंदिर,शिव मंदिर"मैंने कहा,"भाईमें तो चलचित्र मंदिर कीबात कर रहा हूँजिसमेंनायक तथा नायिकाप्रेमालाप करते हैं ..."ऑटो वालाफिर चकराया,"ये चलचित्र मंदिरक्या होता है ??"यही सोचते सोचतेउसने सामने वाली गाडी मेंटक्कर मार दीऑटो काअगला चक्काटेढ़ा हो गया और हवा निकल गई।मैंने कहा,"त्री चक्रीय चालकतुम्हारा अग्र चक्र तोवक्र हो गया ..."ऑटो वाले नेमुझे घूर कर देखाऔर कहा,"उतर जल्दी उतर !आगे पंचर की दुकान थीहम ने दुकान वाले से कहा....हे त्रिचक्र वाहिनी सुधारक महोदयकृप्या अपने वायु ठूंसक यंत्र से मेरे त्रिचक्र वाहिनी के द्वितीय चक्र में वायु ठूंस दीजिये धन्यबाददूकानदार बोला कमीने सुबह से बोनी नहीं हुई और तू शलोक सुना रहा है।ANAND HI ANAND 😬😬😬😬😬

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