Lekh Rachnaye
शुक्रवार, 27 मई 2016
,” आंखे कितनी भी छोटी क्यो ना हो !!ताकत तो उसमे सारा आसमान देखनेकी होती है !!ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है ,,,,,जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये,ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,.,,सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये
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