रविवार, 22 मई 2016

कोई अस्त रहा,कोई व्यस्त रहा,कोई त्रस्त रहासबका अपना सिंहस्थ रहा 🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪कोई गुरू के पास रहा, कोई माँ बाप के साथ रहा कोई खुद मे मस्त रहा सब का अपना सिंहस्थ रहा 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵किसी ने सीखा , किसी ने सीखायाकिसी ने सिर्फ खाना खाया,सब कुछ व्यवस्थित रहा सब का अपना सिंहस्थ रहा🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹हर एक पर नजर महांकाल की थी,किसी को उम्मीदो से ज्यादा मिला,कोई खुद की अव्यवस्था से त्रस्त रहा सब का अपना सिंहस्थ रहा 🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞कोई सब चिन्ता को छोड़ कर आया था,कोई साथ लाया था कोई सवालो के साथ आया था,हर की मुराद पुरी हुई , कुछ ना कुछ सब के हस्त रहा,सब का अपना सिंहस्थ रहा,🌰🌰🌰🌰🌰🌰🌰जो आ गये उन का जीवन धन्य रहा,जो ना आ पाये ,उनका मन मन्द रहा,महाकाल पुरी करेंगे तेरी ईच्छा,बाकी सब मस्त रहा|सब का अपना सिंहस्थ रहा||🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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