गुरुवार, 12 मई 2016

11मई/बलिदान-दिवसप्रेरणा पुरुष मास्टर अमीरचन्ददेशप्रेम की भावना व्यक्ति को कभी काले पानी जैसी भयानक जेल में यंत्रणाओं की भट्टी में झांेक देती है, तो कभी वह उसे फांसी के तख्ते पर खड़ा कर देती है। इस परिणाम को जानते हुए भी स्वाधीनता समर के दीवाने एक के बाद एक बलिवेदी पर अपने मस्तक चढ़ाते रहे।ऐसे ही पे्ररणा पुरुष थे मास्टर अमीरचंद, जिनके कंधों पर 1908-09 में सम्पूर्ण उत्तर भारत में क्रांतिकारी आंदोलन को सुगठित करने का महत्वपूर्ण भार डाला गया था। मास्टर अमीरचंद की शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में ही हुई

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें